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Swayambhu Shivling in Mahasamund : महासमुंद जिले को शिव का खास आशीर्वाद... चारों छोर पर स्थित है "स्वयंभू शिवलिंग", सबकी महिमा अपार

Swayambhu Shivling in Mahasamund : महासमुंद जिले में सिरपुर स्थित गंधेश्वर महादेव, बम्हनी स्थित बम्हनेश्वर महादेव, कनेकेरा स्थित कनेश्वर और महादेवा स्थित महादेव शामिल हैं।

Swayambhu Shivling in Mahasamund : महासमुंद जिले को शिव का खास आशीर्वाद... चारों छोर पर स्थित है स्वयंभू शिवलिंग, सबकी महिमा अपार
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By Meenu

Swayambhu Shivling in Mahasamund : छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले पर महादेव की विशेष कृपा है। जिले के हर कोने में शिव का आशीर्वाद है। महासमुंद शहर के चारों ओर स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है, जिसकी पूजा करने दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं।

महासमुंद जिले में सिरपुर स्थित गंधेश्वर महादेव, बम्हनी स्थित बम्हनेश्वर महादेव, कनेकेरा स्थित कनेश्वर और महादेवा स्थित महादेव शामिल हैं। यह चारों शिवलिंग स्वयंभू हैं। सबसे खास बात यह है कि चारो शिवलिंग की अपनी एक अलग महत्ता और विशेषता है। सभी शिवलिंग की अपनी एक अलग अलग कहानी भी है।

चारों स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन के लिए महासमुंद, रायपुर, सिरपुर, खमतराई, बोरिद, पासिद, जलकी, झपराडीह, बदोरा, खिरसाली, बागबाहरा, कोमाखान, कुलिया, कसेकेरा से श्रद्धालु आते हैं।


गंधेश्वर महादेव : सिरपुर, गंधेश्वर स्वयंभू शिवलिंग से आती है खुशबू



महानदी के तट पर भगवान शिव का एक प्राचीन मंदिर निर्मित है, जिसे गंधेश्वर महादेव का मंदिर कहा जाता है। यहां नित्य भगवान शिव की पूजा अर्चना आरती की जाती है। लोगों का कहना है कि भगवान गंधेश्वर स्वयंभू हैं, इसलिए यहां दूर-दराज से लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर का निर्माण सिरपुर के पुराने मंदिरों तथा बौद्ध विहार के अवशेष सामग्री को एकत्रित कर निर्माण किया गया है।


कनेश्वर महादेव : कनेकेरा, चरवाहा परिवार को सुंदर लोढ़ा के रूप में मिला शिवलिंग



बघनई नाला के किनारे लगभग 150 साल पुराना शिव मंदिर है, जिसे कनेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है। श्रावण मास में श्रद्धालु बम्हनी श्वेतगंगा से या राजिम संगम से जल लेकर कनेश्वर महादेव का जलाभिषेक करते है। साल में दो बार मकर संक्रांति एवं महाशिवरात्रि पर्व पर यहां मेला लगता है। वर्षों पहले गांव का एक चरवाहा परिवार ने सेमर एवं कोरिया पेड़ के बीचों बीच एक सुंदर लोढ़ा देखा, जो आधा जमीन में गड़ा था। उसे निकालने का काफी प्रयास किया गया, लेकिन वह नहीं निकला। तब से इसे पूजा जाने लगा। शिवलिंग लगातार बढ़ रहा है।

बम्हनेश्वर महादेव : बम्हनी, खुदाई में निर्मल झरना बहने लगा और मिला शिवलिंग



ग्राम बम्हनी में शीतली नाला के तट पर स्थित यह देवालय बम्हनेश्वर नाथ महादेव के नाम से जाना जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि लगभग सौ साल पहले यहां प्रवाहमान शीतली नाला के किनारे एक योगी अपनी धुनी रमाये शिव की अर्चना में लीन थे। ग्रामीणों को जब यह पता चला ताे वे योगी के पास पहुंचे और उनके बारे में जानना चाहा। इसके बाद योगी ने ग्रामीणों ने उक्त स्थान में खुदाई की बात कही। खुदाई में वहां से निर्मल झरना बहने लगा साथ ही पास में शिवलिंग भी मिला। योगी ने उसे बम्हनेश्वर नाथ महादेव का नाम दिया।

महादेव : महादेवा, कसेकेरा, शराब का सेवन करके कोई भी व्यक्ति नहीं जा सकता



ग्राम कसेकेरा, महादेवा में भगवान शिव का मंदिर है। क्षेत्र में यह मंदिर महादेव के नाम से प्रचलित है। यहां आसपास से बड़ी संख्या में लोग रोजाना दर्शन लाभ के लिए पहुंचते हैं। मान्यता है कि यहां शराब का सेवन करके कोई भी व्यक्ति नहीं जा सकता। यदि कोई भूलवश भी यहां शराब का सेवन कर पहुंच जाए तो कोई न कोई अनहोनी जरूर होती है।

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