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Sharad Purnima Aur Chandra Grahan इस बार शरद पूर्णिमा पर खीर बनेगी या नहीं, जानिए पूजा और इस दिन लगने वाला आखिरी चंद्रग्रहण का समयय

Sharad Purnima Aur Chandra Grahan: इस बार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है। तो इस दिन खीर बनेगा और खीर रखें जायेंगे या नहीं जानिए पूरी जानकारी

Sharad Purnima Aur Chandra Grahan इस बार शरद पूर्णिमा पर खीर बनेगी या नहीं, जानिए  पूजा और इस दिन लगने वाला आखिरी चंद्रग्रहण का समयय
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By Shanti Suman

Sharad Purnima Aur Chandra Grahan :इस बार शरद पूर्णिमा के दिन साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने वाला है. आश्विन पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा होती है. इस साल शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर दिन शनिवार को है. शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा भी कहते हैं. मान्यता है कि भगवान श्री​कृष्ण ने राधारानी और गोपियों के संग शरद पूर्णिमा की रात महारास रचाया था. शरद पूर्णिमा को व्रत रखकर पवित्र नदियों में स्नान करते हैं और उसके बाद अपनी क्षमता के अनुसार दान करते हैं. सत्यनारायण भगवान की पूजा करते हैं और कथा सुनते हैं. इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. शरद पूर्णिमा की रात माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा होती है. धन और वैभव की प्राप्ति के लिए माता लक्ष्मी से जुड़े ज्योतिष उपाय किए हैं, लेकिन चंद्र ग्रहण के सूतक काल के कारण रात में चंद्रमा और लक्ष्मी पूजा कैसे करेंगे? काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि इस बार शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा और ज्योतिष उपाय का मुहूर्त क्या है?

शरद पूर्णिमा 2023 कब करें पूजा और कब लग रहा ग्रहण

शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को 04.17 am पर शुरू होगी, यह 29 अक्टूबर को 01. 53 am तक रहेगी। शरद पूर्णिमा को शाम 05.20 मिनट पर चंद्रोदय होगा। इस साल शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण देर रात 01 . 06 am पर लगेगा और चंद्र ग्रहण का समापन 29 अक्टूबर को 02. 22am पर होना है। इसका सूतक काल 28 अक्टूबर को दोपहर 02:52 बजे से लग जाएगा। सूतक काल में पूजा और ज्योतिष उपाय नहीं किए जा सकते हैं।

मतलब चंद्र ग्रहण प्रारंभ समय: 28 अक्टूबर, देर रात 01:06 बजे

चंद्र ग्रहण समापन समय: 28 अक्टूबर, मध्य रात्रि 02:22 बजे

सूतक काल का समय: 28 अक्टूबर, दोपहर 02:52 बजे से लेकर मध्य रात्रि 02:22 बजे तक

शरद पूर्णिमा पर करें पूजा

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर 02:52 बजे से लग रहा है, ऐसे में रात के समय न तो लक्ष्मी पूजा होगी और न चंद्रमा को अर्घ्य दे पाएंगे. इस स्थिति में ज्योतिषाचार्य भट्ट का कहना है कि आप शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा और चंद्रमा पूजन या तो सूतक काल से पूर्व करें या फिर चंद्र ग्रहण के समापन के बाद करें.

ग्रहण के बाद चंद्रमा और लक्ष्मी पूजा करना सही रहेगा. रात्रि में आपको शरद पूर्णिमा का चंद्रमा प्राप्त हो जाएगा. उसके अलावा शरद पूर्णिमा पर रात्रि के समय में ही माता लक्ष्मी पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और पूछती हैं कि कौन जा रहा है, इसलिए इसे कोजागरी पूर्णिमा कहते हैं. इस बार आप शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा चंद्र ग्रहण के बाद करें. उस समय ही शरद पूर्णिमा के ज्योतिष उपाय भी कर लें.इस साल शरद पूर्णिमा 5 शुभ योग में है. शरद पूर्णिमा के दिन सौभाग्य योग, सिद्धि योग, बुधादित्य योग, गजकेसरी योग और शश योग का निर्माण हो रहा है।

इस समय रखें खीर चंद्र रौशनी में

आप शरद पूर्णिमा की खीर चतुर्दशी की रात यानि 27 अक्टूबर शुक्रवार की रात या फिर 28 अक्टूबर को जब शरद पूर्णिमा की तिथि प्रात: 04:17 बजे से शुरू हो तो उस समय उस खीर को चंद्रमा की रोशनी में रख दें। उस दिन चंद्रास्त प्रात: 04:42 पर होगा। 28 अक्टूबर के प्रात: पूर्णिमा तिथि में चंद्रमा की औषधियुक्त रोशनी प्राप्त हो जाएगी।क्योंकिधार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा 16 कलाओं से पूर्ण होकर आलोकित होता है. इस वज​​ह से उसकी किरणों में अमृत के समान औषधीय गुण होते हैं. जब हम शरद पूर्णिमा की रात खीर को खुले आसमान के नीचे रखते हैं तो उसमें चंद्रमा की किरणें पड़ती हैं, जिससे वह खीर औषधीय गुणों वाला हो जाता है. खीर की सामग्री दूध, चावल और चीनी तीनों ही चंद्रमा से जुड़ी वस्तुएं हैं, इसके सेवन से स्वास्थ्य लाभ तो होता ही है, कुंडली का चंद्र दोष निवारण भी होता है.

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