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Shani Amavasya 2025 : ग्रह दोषों के अनुसार ऐसे करें पूजन और दान, राशि भी क्या कह रही ये भी जानें

Shani Amavasya 2025 : भाद्रपद अमावस्या तिथि 22 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और 23 अगस्त, शनिवार को सुबह 11 बजकर 35 मिनट समाप्‍त होगी.

Shani Amavasya 2025 : ग्रह दोषों के अनुसार ऐसे करें पूजन और दान, राशि भी क्या कह रही ये भी जानें
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By Meenu Tiwari

Shani Amavasya 2025 : भाद्रपद अमावस्या इस बार शनिवार 23 अगस्त 2025 को पड़ रही है. ऐसे में ये शनिश्चरी अमावस्या कहलाएगी. शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए ये दिन बहुत खास होता है

भाद्रपद अमावस्या तिथि 22 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी और 23 अगस्त, शनिवार को सुबह 11 बजकर 35 मिनट समाप्‍त होगी.

ज्योतिषाचार्य डॉ दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार ग्रह दोषों के अनुसार ऐसे करें पूजन और दान


1. यदि आप की कुंडली में गुरु और राहु की युति के कारण नौकरी और विवाह सम्बन्ध समस्याएं हैं तो चनादाल और गुड का दान कर केले के पेड पर दोपहर के समय हल्दी और ईत्र युक्त जल अर्पित करें।

2.सूर्य और राहु की युति के कारण पितृ दोष है और रोग से पीडित हैं तो शिवालय में चावल और हरी सब्जियों का अर्पण कर, शिवजी का शुद्ध जल से अभिषेक करें।

3.शनि मेष राशी में पड कर नीच का हो गया हो, और आलस्य की अधिकता हो या कार्य में मन न लग रहा हो तो पीपल के पेड पर चाँदी के बर्तन से जल अर्पित करें।

4.शुक्र और चन्द्र की युति या नीच के शुक्र के कारण खुद का घर न बना पा रहें हों और संतान सम्बन्धी समस्या भी हो तो काले अश्व को दोपहर में आहार दें। शर्बत का वितरण करें।

5.काल सर्प दोष से अस्थिरता हो तो आटे का सर्प बना कर दोपहर में जल में बह दें, और स्नान कर के ‘शिव भुजंग प्रयात स्त्रोत्र’ का पाठ करते हुए शिव जी का अभिषेक करें।

6. नीच का चन्द्र विवाह में विलम्ब का कारक़ बनाया रहा हो तो चावल और चाँदी का चन्द्रमा शिवालय में रात्रि के समय अर्पित कर दें।

7.मांगलिक दोष होने से विवाह में विलम्ब हो रहा हो तो रात के समय एक घी और एक तेल का दीपक जला कर ‘दुर्गाअष्टोत्तर शतनाम’ या दुर्गा जी के बत्तीस नामों का सोलह बार पाठ करें।

पितृ शांति और प्रकृति संवर्द्धन का दिन


हम यदि सूक्ष्मता से अवलोकन करें तो हमारे पितृ और हमारी प्रकृति में कोई अंतर नही है। जैसे हमारा पितृ शांति कर के अपनी संतान के सुख और शांति का मार्ग ढूंढते हैं, उसी तरह हम प्रकृति का संरक्षण कर के भी अपनी आने वाली पीढी को सुरक्षित करते हैं। शनि अमावास्या पितृ शांति का अनुष्ठान करने से लाभ होता है। इस दिन मध्यान्ह काल में पितृओं को काली तिल और चावल युक्त जल से तर्पण देने से पितर शांत होतें है और जीवन में आ रही रोग और शोक सम्बन्धी बाधायें शांत होती हैं। इस दिन वृक्षों का रोपण करने से भी लाभ होता है। वैसे वैसे हमारे सभी दोष शांत होते जाते हैं। पारीवारिक शांति और सामंजस्य में वृद्धि होती है। धन धान्य भी बढता है।




आप भी उठा सकते हैं लाभ

  • मेष: पूंजी निवेश से बचना चाहिए।
  • उपाय: मिट्टी के पात्र में शहद भरकर मंदिर में रखकर आ जाएं।
  • वृषभ: सरकार से लाभ और विघ्न और परेशानियों से छुटकारा मिलेगा।
  • उपाय:गरीब व गौशाला में ज्वार का दान करें।
  • मिथुन: कारोबार में लाभ और विवादों से पीछा छूटेगा।
  • उपाय:उड़द के आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को दें।
  • कर्क : पारिवारिक समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।
  • उपाय: शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करें। भूखों को भोजन कराना लाभदायक रहेगा।
  • सिंह :साझेदारी के कार्यों में सावधानी बरतें।
  • उपाय: मां भगवती का श्रृंगार करें और श्री शनिदेव को तेल चढ़ाएं। कन्या : मनोनुकूल कार्य परिवर्तन एवं न्यायिक मसलें हल होंगे।
  • उपाय:वट वृक्ष के पेड़ में जल अर्पित करें। काले कपड़े का दान करना शुभ रहेगा।
  • तुला राशि- आय के साधनों में वृद्धि होगी, स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का निवारण होगा।
  • उपाय:गरीब कन्याओं को दूध और दही का दान दें। साथ ही शनि देव के दर्शन करें
  • वृश्चिक: पिछली समस्याओं से पीछा छूटेगा और मित्रों का पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा।
  • उपाय: साथ ही पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं। साबूत मसूरसफाई कर्मचारी को दान में दें।
  • धनु : प्रयत्न और लाभ अधिक होगा। आय के साधन बढ़ेंगे।
  • उपाय:शारीरिक रूप से कमजोर लोगों को भोजन कराना लाभकारी रहेगा।
  • मकर : व्यवसाय में सफलता, सामाजिक दायरों में वृद्घि का प्रबल योग।
  • उपाय- बाजरा पक्षियों को डालें। श्री शनिदेव को पीले पुष्प चढ़ाएं।
  • कुंभ : रुके हुए कार्य बनेंगे। राजनीतिक वर्चस्व बढ़ेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा बढेगी।
  • उपाय: दूध अपने ऊपर से 8 बार उतार कर उड़द के साथ बहते पानी में प्रवाह कर दें।
  • मीन : व्यर्थ के भ्रम, भ्रांति और भय से बाहर आना होगा। धन की प्राप्ति अवश्य होगी।
  • उपाय: सरसों के तेल का दान गरीबों को दें।

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