Begin typing your search above and press return to search.

Sawan Somvar Pooja 2024 : शिवलिंग की पूजा में न करें ये गलतियाँ

Sawan Somvar Pooja 2024 : धार्मिक मान्यता है कि शिव की पूजा और व्रत रखने से संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है. शिवलिंग की पूजा करते समय कुछ ऐसी चीजें है, जिसे नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से भोले बाबा नाराज हो जाते हैं.

Sawan Somvar Pooja 2024 : शिवलिंग की पूजा में न करें ये गलतियाँ
X
By Meenu

Sawan Somvar Pooja 2024 Rules : आज सावन मास का पहला दिन है. सावन मास की शुरुआत आज से हो गई है. आज सावन मास की पहली सोमवारी व्रत है. आज शिव भक्त महादेव की पूजा अर्चना कर रहे है. देवों के देव महादेव की पूजा के लिए सावन माह को बेहद शुभ माना जाता है.

सावन मास में सोमवार व्रत रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. सावन सोमवार का उपवास रखने से जीवन में सुख-समृद्धि और तरक्की के योग बनते हैं. इस दौरान महादेव और देवी पार्वती की एक साथ पूजा करने से वैवाहिक जीवन में खुशहाली बनी रहती है.

धार्मिक मान्यता है कि इस योग में शिव की पूजा और व्रत रखने से संपूर्ण फल की प्राप्ति होती है. शिवलिंग की पूजा करते समय कुछ ऐसी चीजें है, जिसे नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से भोले बाबा नाराज हो जाते हैं. इससे जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.




शंख

शिवलिंग का अभिषेक शंख से ना करें. श्रद्धालु या व्रती पूजा करते समय इसका विशेष ध्यान रखें. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव ने शंखचूर नामक राक्षस का अंत किया था, जिसकी वजह से शिवलिंग का अभिषेक शंख से नहीं किया जाता है. इसी वजह से भगवान शिव की पूजा में शंख रखना वर्जित बताया गया है.

परिक्रमा

पूजा के बाद शिवलिंग की पूरी परिक्रमा नहीं करें. शिवलिंग की परिक्रमा हमेशा आधी की जाती है. इसका जिक्र लिंग पुराण और शिव पुराण में मिलता है. बताया जाता है कि शिवलिंग की परिक्रमा में सोममूत्र को लांघा नहीं जाता है. आधी परिक्रमा को चंद्रकार परिक्रमा कहते हैं, ऐसा पुराणों में बताया गया है.

बेलपत्र

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से पहले उसे अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए. कहीं से कटा-फटा या टूटा हुआ बेलपत्र नहीं होना चाहिए. बेलपत्र में तीन पत्र एकसाथ हों, ऐसे तीन पत्तियों को ही एक बेलपत्र माना जाता है. अगर तीन पत्ते से ज्यादा बेलपत्र मिले तो यह दुर्लभ माना जाता है. इसके साथ ही बेलपत्र जिस तरफ चिकना होता है, उस तरफ से शिवलिंग को अर्पित किया जाता है.

भोलेनाथ को क्या न चढ़ाएं? :

भगवान शिव की पूजा में हल्दी नहीं चढ़ाई जाती. इसका हमेशा ध्यान रखें. इसके बदले पीला चंदन चढ़ा सकते हैं. हल्दी के साथ सिंदूर और रोली भी अर्पित नहीं करना चाहिए. हल्दी, कुमकुम, सिंदूर और रोली तत्व स्त्री से संबंधित है. शिवलिंग को पुरुष तत्व माना गया है.

महादेव को क्या अर्पित करें?

शिवलिंग की पूजा में तुलसी पत्ता, केतकी, कनेर और कमल का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए. शिव पुराण में ऐसा करना वर्जित माना गया है. इसलिए पूजा की थाली में यह चीज नहीं हो, इसका ध्यान रखें. इसकी जगह पर आप बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि अर्पित कर सकते हैं.

टूटा चावल

पूजा करते समय यह विशेष ध्यान रखें कि शिवलिंग में टूटे हुए अक्षत या चावल अर्पित नहीं करना चाहिए.

Next Story