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Sawan Ki Shivratri Kab Hai 2025: सावन की शिवरात्रि कब है 22 या 23 जुलाई?

Sawan Shivratri Kab Hai 2025: हिंदू धर्म में सावन (Sawan) के महीने को बड़ा ही पवित्र माना जाता है और इस माह का विशेष धार्मिक महत्व भी है। इसी महीने शिवरात्रि (Shivratri) भी पड़ने वाली है, जिसे सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) भी कहा जाता है। सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का अपना अलग ही महत्व है। इस दिन व्रत रखा जाता है। सावन शिवरात्रि पर रखा गया लव्रत (Sawan Shivratri Vrat) भगवान शिव की उपाशक का प्रमुख पर्व है, जो भक्तों के लिए मोक्ष और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है।

सावन की शिवरात्रि कब है 22 या 23 जुलाई?
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By Chitrsen Sahu

Sawan Shivratri Kab Hai 2025: हिंदू धर्म में सावन (Sawan) के महीने को बड़ा ही पवित्र माना जाता है और इस माह का विशेष धार्मिक महत्व भी है। इसी महीने शिवरात्रि (Shivratri) भी पड़ने वाली है, जिसे सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) भी कहा जाता है। सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का अपना अलग ही महत्व है। इस दिन व्रत रखा जाता है। सावन शिवरात्रि पर रखा गया लव्रत (Sawan Shivratri Vrat) भगवान शिव की उपाशक का प्रमुख पर्व है, जो भक्तों के लिए मोक्ष और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करता है। लेकिन भक्तों के मन में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर सावन की शिवरात्रि कब है? तो चलिए जानते हैं।

कब है सावन शिवरात्रि?

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) 23 जुलाई को मनाई जाएगी। जोकि 23 जुलाई की सुबह 4:39 से शुरु होकर 24 जुलाई की सुबह 2:28 बजे समाप्त होगी। चूंकि व्रत तिथि के अनुसार रखा जाता है, इसलिए सावन शिवरात्रि व्रत (Sawan Shivratri Vrat) 23 जुलाई को रखा जाएगा।

शिव पूजा के शुभ मुहूर्त (निशिता काल)

भगवान शिव की पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त निशिता काल यानी कि मध्य रात्रि का समय होता है। 2025 में निशिता काल 24 जुलाई को रात 12:07 बजे से 12:48 बजे तक रहेगा। यह समय भगवान शिव को जल, दूध, बेलपत्र और फल आदि अर्पित कर उनकी अराधना करने के उत्तम मुहूर्त है।

चार प्रहरों की पूजा के समय

हिंदू धर्म के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि सावन शिवरात्रि का व्रत (Sawan Shivratri Vrat) रात के चार प्रहरों में करनी चाहिए। तो नीचे देखिए इस साल चारों प्रहरों में पूजा करने का सही समय क्या है।

प्रथम प्रहर पूजा: सुबह 07:17 बजे से सुबह 09:53 तक

द्वितीय प्रहर पूजा: 23 जुलाई को सुबह 09:53 बजे से 24 जुलाई को सुबह 12:28 तक

तृतीय प्रहर पूजा: 24 जुलाई को सुबह 12:28 बजे से सुबह 03:03 तक

चतुर्थ प्रहर पूजा: 24 जुलाई को सुबह 03:03 बजे से सुबह 05:38 तक

व्रत पारण का समय

व्रत का पारण यानी व्रत तोड़ने का समय 24 जुलाई को सुबह 5:38 बजे से 7:18 बजे तक निर्धारित किया गया है। इसी अवधि में व्रतधारी फलाहार करके व्रत पूर्ण करते हैं।

सावन शिवरात्रि का पौराणिक और आध्यात्मिक महत्व

सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) का सीधा संबंध भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन से है। मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन के दौरान निकले कालकूट विष को भगवान शिव ने पीकर संसार की रक्षा की थी। इस विष की तीव्रता को कम करने के लिए देवताओं ने भगवान शिव को गंगाजल चढ़ाया, जिससे उनकी पीड़ा शांत हुई। यही कारण है कि सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri) पर जलाभिषेक और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व है।

अस्वीकरण- यह लेख धार्मिक मान्यताओं और शास्त्रों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी आस्था और परंपराओं के अनुसार साझा की गई है। पाठकों से अनुरोध है कि किसी भी व्रत, पूजा या कर्मकांड को अपनाने से पहले योग्य ब्राह्मण या विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें। एनपीजी न्यूज किसी भी धार्मिक सलाह की ज़िम्मेदारी नहीं लेता है।

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