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Sarva Pitru Amavasya 2025 : सर्व पितृ अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग, जानिए आज किनका होगा श्राद्ध, तर्पण का शुभ मुहूर्त और मंत्र

सर्व पितृ अमावस्या का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर दोपहर के 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. उस दिन का राहुकाल का समय 4 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.

Sarva Pitru Amavasya 2025 :  सर्व पितृ अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग, जानिए आज किनका होगा श्राद्ध, तर्पण का शुभ मुहूर्त और मंत्र
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By Meenu Tiwari

Sarva Pitru Amavasya tarpan muhurt: 21 सितम्बर को सर्व पितृ अमावस्या मनाई जाएगी। सर्व पितृ अमावस्या के दिन सभी पितरों का तर्पण किया जाता है। सर्व पितृ अमावस्या पर सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. इस दिन सूर्य कन्या राशि में और चंद्रमा दोपहर 3 बजकर 57 मिनट से शुरू होकर 57 मिनट तक सिंह राशि में रहेंगे. इसके बाद वे कन्या राशि में गोचर करेंगे. सर्व पितृ अमावस्या पर साल का अंतिम सूर्य ग्रहण भी लग रहा है, जो रात में 10 बजकर 59 मिनट पर लगेगा.


धार्मिक मान्यता के अनुसार, सर्वपितृ अमावस्या पर किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से पितरों की आत्मा को तृप्ति और शांति मिलती है. कहते हैं कि इस दिन किए गए कर्मकांड सीधे पितृ लोक तक पहुंचते हैं, जिससे पितृ प्रसन्न होकर अपने वंशजों को लंबी उम्र, धन-धान्य और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.

सर्व पितृ अमावस्या मुहूर्त

दृक पंचांग के अनुसार, सर्व पितृ अमावस्या का अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 50 मिनट से शुरू होकर दोपहर के 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. उस दिन का राहुकाल का समय 4 बजकर 48 मिनट से शुरू होकर 6 बजकर 19 मिनट तक रहेगा.




सर्वार्थ सिद्धि योग कब से कब तक


सर्वार्थ सिद्धि ज्योतिष में एक बेहद शुभ योग है, जो किसी विशेष दिन एक विशिष्ट नक्षत्र के मेल से बनता है. मान्यता है कि इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं और व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने में मदद मिलती है. सर्वार्थ सिद्धि योग का समय 21 सितंबर को सुबह 09:32 ए एम से 22 सितंबर को 06:09 ए एम तक है.

सर्व पितृ अमावस्या 2025 मुहूर्त

अमावस्या तिथि शुरू – 21 सितंबर को रात 12:16 बजे.

अमावस्या तिथि समाप्त – 22 सितंबर को रात 1:23 बजे.

कुतुप मुहूर्त – 21 सितंबर को दोपहर 12:07 से दोपहर 12:56 बजे तक.

रौहिण मुहूर्त – 21 सितंबर को दोपहर 12:56 से दोपहर 1:44 बजे तक.

अपराह्न काल – 21 सितंबर को दोपहर 1:44 से शाम 4:10 बजे तक.




सर्व पितृ अमावस्या क्यों मनाई जाती है?

सर्व पितृ अमावस्या को पितृ मोक्ष अमावस्या या सर्व मोक्ष अमावस्या भी कहा जाता है. यह दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि अगर आपने अभी तक अपने पितरों का श्राद्ध नहीं किया है या उनकी श्राद्ध की तिथि पता नहीं है, तो आप इस दिन उनका श्राद्ध कर अपने पितरों को तृप्त कर सकते हैं. ऐसा करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है.

सर्व पितृ अमावस्या के लिए कौन से मंत्र हैं ?


सर्व पितृ अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति और पितरों को प्रसन्न करने के लिए आप नीचे दिए गए मंत्रों का जाप कर सकते हैं:-

पितृ गायत्री मंत्र:- ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्.

दूसरा पितृ मंत्र:- ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:.

पितृ देवता मंत्र:- ॐ पितृ देवतायै नमः.


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