Saal Ka Aakhri Ravivar : आज साल 2025 का आखरी रविवार है, जो बेहद खास हैं, सूर्य पूजा के इस एक उपाय से साल भर बरसेगा धन और सम्मान।
Saal Ka Aakhri Ravivar : साल 2025 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है और इस साल का आखिरी रविवार यानी 28 दिसंबर, सामान्य दिनों की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा हुआ है।

Saal Ka Aakhri Ravivar : आज साल 2025 का आखरी रविवार है, जो बेहद खास हैं, सूर्य पूजा के इस एक उपाय से साल भर बरसेगा धन और सम्मान।
28 December 2025 Surya Puja Mahatva : साल 2025 अब अपने अंतिम पड़ाव पर है और इस साल का आखिरी रविवार यानी 28 दिसंबर, सामान्य दिनों की तुलना में कहीं अधिक शक्तिशाली और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरा हुआ है। ज्योतिष शास्त्र और प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, साल का अंतिम रविवार एक कॉस्मिक गेटवे (ब्रह्मांडीय द्वार) की तरह होता है। यह दिन केवल कैलेंडर की एक तारीख नहीं, बल्कि सौर मंडल के राजा सूर्य देव की उस ऊर्जा को समेटने का अवसर है, जो पूरे साल हमारे जीवन को गति प्रदान करती रही है। इस दिन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि सूर्य की किरणें पृथ्वी के साथ एक ऐसा संबंध बनाती हैं, जो हमारे भीतर की मानसिक थकान और साल भर के बर्नआउट को खत्म कर भविष्य के लिए नई शक्ति का संचार करती हैं।
28 December 2025 Surya Puja Mahatva : इस विशेष रविवार का एक अनूठा पहलू कार्मिक क्लेंसिंग यानी कर्मों की शुद्धि है। सूर्य देव को जगत का साक्षी माना गया है, जो हमारे हर अच्छे-बुरे कर्म को देखते हैं। साल के इस अंतिम रविवार को जब हम सूर्य देव की उपासना करते हैं, तो यह हमारे पिछले 365 दिनों के संघर्षों और गलतियों को पीछे छोड़कर एक नई शुरुआत करने का आध्यात्मिक संकेत होता है। यह दिन आत्म-मंथन के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, जहाँ हम शून्य से शिखर तक पहुँचने का संकल्प ले सकते हैं। यदि आप नए साल में किसी बड़े प्रोजेक्ट, करियर में बदलाव या नई जीवनशैली की शुरुआत करना चाहते हैं, तो आज के दिन की गई सूर्य साधना आपको वह मानसिक दृढ़ता प्रदान करती है जो सफल होने के लिए अनिवार्य है।
वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टि से भी इस दिन का महत्व अतुलनीय है। विदाई लेते साल के इस रविवार को पॉवर संडे का नाम दिया गया है क्योंकि यह विदाई और स्वागत के बीच की एक कड़ी है। आज की पूजा और सूर्य को दिया गया अर्घ्य सीधे हमारे आज्ञा चक्र को प्रभावित करता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता और आत्मविश्वास में अभूतपूर्व वृद्धि होती है। यह दिन हमें सिखाता है कि जिस तरह सूर्य बिना थके हर दिन उदय होता है, उसी तरह हमें भी पुराने साल की असफलताओं को पीछे छोड़कर पूरे तेज के साथ आगे बढ़ना चाहिए। आज का यह शुभ संयोग उन सभी के लिए एक 'गोल्डन चांस' है जो अपने आने वाले साल को खुशहाली, अनुशासन और सफलता के साथ सजाना चाहते हैं।
आज क्या हैं खास
1. मिरर थेरेपी और सूर्य का संकल्प (The Mirror & Sun Connection)
आज के दिन की एक सबसे बड़ी खासियत जो बहुत कम लोग जानते हैं, वह है सूर्य-मिरर संकल्प। रविवार की सुबह सूर्योदय के समय, सूर्य की हल्की धूप में खड़े होकर आईने में अपनी आंखों में देखकर अगले साल के लिए कोई एक बड़ा संकल्प लेना एक मनोवैज्ञानिक चमत्कार की तरह काम करता है। माना जाता है कि सूर्य की मौजूदगी में जब आप खुद से वादा करते हैं, तो आपकी इच्छाशक्ति (Willpower) को ब्रह्मांडीय ऊर्जा का समर्थन मिलता है। यह अभ्यास आपके आत्मविश्वास को उस स्तर पर ले जाता है जहाँ से आप आने वाले साल की हर चुनौती को पार करने के लिए तैयार हो जाते हैं। यह महज़ एक टोटका नहीं, बल्कि अपनी अंतरात्मा को सूर्य के तेज से जोड़ने का एक गहरा आध्यात्मिक तरीका है।
2. तांबे के जल का अमृत प्रयोग (The Copper-Sun Alchemy)
आज के दिन को खास बनाने वाला दूसरा सबसे बड़ा पहलू है तांबे और सूर्य का संगम। साल के इस आखिरी रविवार को तांबे के पात्र में रखा हुआ जल, जो कम से कम 1 घंटे तक सूर्य की सीधी रोशनी में रहा हो, उसे पीना स्वास्थ्य और सौभाग्य के लिए 'अमृत' समान माना गया है। विज्ञान कहता है कि सूर्य की किरणें जब तांबे के संपर्क में आती हैं, तो जल का शुद्धिकरण (Purification) होता है और उसमें सकारात्मक गुण बढ़ जाते हैं। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, यह जल आपके भीतर के आत्म-तत्व को जगाता है। साल के अंत में यह छोटी सी क्रिया आपके शरीर और मन को 'डिटॉक्स' कर देती है, जिससे आप नए साल की शुरुआत एक शुद्ध और स्फूर्तिवान ऊर्जा के साथ करते हैं।
