Ram Mandir Aarti Live Today : अयोध्या से रामलला की भव्य मंगल आरती लाइव, घर बैठे करें प्रभु श्री राम के दिव्य दर्शन।
Ram Mandir Aarti Live Today : प्रातः कालीन मंगल आरती और दिव्य शृंगार प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में आज, 13 दिसंबर 2025 (शनिवार) की सुबह का प्रारंभ, राम मंदिर के गर्भगृह में विराजित बाल स्वरूप रामलला की भव्य मंगल आरती से हुआ

Ram Mandir Aarti Live Today : अयोध्या से रामलला की भव्य मंगल आरती लाइव, घर बैठे करें प्रभु श्री राम के दिव्य दर्शन।
Ram Mandir Aarti Live Today : अयोध्या | प्रातः कालीन मंगल आरती और दिव्य शृंगार प्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या में आज, 13 दिसंबर 2025 (शनिवार) की सुबह का प्रारंभ, राम मंदिर के गर्भगृह में विराजित बाल स्वरूप रामलला की भव्य मंगल आरती से हुआ। यह प्रथम आरती ठीक सुबह 6:30 बजे सम्पन्न हुई, जिसने पूरे मंदिर परिसर को भक्ति और ऊर्जा से भर दिया। पुजारियों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच रामलला का विशेष पीले और गुलाबी रंग के वस्त्रों और स्वर्ण आभूषणों से शृंगार किया। ताज़े फूलों और मालाओं से सजे रामलला का यह मनमोहक रूप भक्तों के लिए मोक्षदायक अनुभव लेकर आया। आरती के दौरान शंख, नगाड़ों और घंटों की मधुर ध्वनि से उत्पन्न हुआ दिव्य नाद, दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं की आस्था को और गहरा कर गया।
Ram Mandir Aarti Live Today : आरती के बाद के कार्यक्रम और दिनचर्या
मंगल आरती संपन्न होने के तुरंत बाद, रामलला को बाल भोग अर्पित किया गया, जिसके बाद दिन की मुख्य पूजा-अर्चना की जाएगी उसके उपरांत, मंदिर के पट अब सामान्य भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए गए हैं। शनिवार होने के कारण आज भक्तों की भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है, जिसके लिए मंदिर प्रबंधन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं। दर्शन का यह क्रम दिन भर जारी रहेगा, जिसमें दोपहर में रामलला को राजभोग अर्पित किया जाएगा और शाम को सूर्य अस्त के समय संध्या आरती होगी। इस प्रकार, रामलला की दैनिक दिनचर्या और पूजा-अर्चना की परंपराएं अत्यंत श्रद्धा और समर्पण के साथ निरंतर जारी हैं।
Ram Mandir Aarti Live Today : अयोध्या राम मंदिर का गौरवशाली इतिहास
अयोध्या का इतिहास हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मभूमि माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों और पुराणों के अनुसार, यह स्थान त्रेता युग से ही अस्तित्व में है। माना जाता है कि राम जन्मभूमि पर पहला भव्य मंदिर भगवान राम के पुत्र कुश ने बनवाया था, जिसे बाद के शासकों ने समय-समय पर जीर्णोद्धार करके संरक्षित रखा। अयोध्या नगरी को भारत की सात पवित्र नगरियों में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। सदियों से, यह स्थल सनातन संस्कृति और भक्ति का केंद्र रहा है, जहाँ लाखों श्रद्धालु जन्मभूमि के दर्शन के लिए आते रहे हैं। इस मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण जैसे प्राचीन साहित्य में भी मिलता है, जो इसकी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक जड़ों की गहराई को बताता है।
विध्वंस और संघर्ष का लंबा काल
इस पवित्र स्थल के इतिहास का सबसे दुखद और विवादास्पद अध्याय 1528 ईस्वी में शुरू हुआ, जब मुगल शासक बाबर के सेनापति मीर बाकी ने यहाँ विद्यमान मंदिर को कथित तौर पर ध्वस्त करके उसके स्थान पर एक ढांचा (बाबरी मस्जिद) खड़ा कर दिया। इस विध्वंस के बाद से ही, हिंदू समाज ने जन्मभूमि को पुनः प्राप्त करने के लिए एक लंबा और कठिन संघर्ष शुरू कर दिया। लगभग पाँच शताब्दियों तक चले इस संघर्ष में कई बलिदान हुए और अनगिनत कानूनी लड़ाइयाँ लड़ी गईं। यह भूमि विवाद देश की आज़ादी के बाद भी भारतीय न्यायपालिका के लिए एक बड़ी चुनौती बना रहा, जिसने दशकों तक दोनों समुदायों के बीच तनाव को जीवित रखा।
कानूनी समाधान और भव्य पुनर्निर्माण
इस ऐतिहासिक और धार्मिक संघर्ष का पटाक्षेप 9 नवंबर 2019 को हुआ, जब भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। न्यायालय ने विवादित पूरी भूमि रामलला विराजमान को सौंप दी और केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वहाँ एक भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया जाए। इस फैसले ने वर्षों पुराने विवाद को समाप्त कर दिया और राम मंदिर के पुनर्निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। 5 अगस्त 2020 को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। आज, उसी स्थान पर वास्तुकला की नागर शैली में एक विशाल और भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जारी है, जिसका उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को किया गया है। यह नया मंदिर न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि देश की एकता और न्यायपालिका में विश्वास का भी प्रतीक है।
