Ram Lala Live Darshan Today : अयोध्या से राम मंदिर लाइव : रामलला की मनमोहक मुस्कान ने मोहा भक्तों का मन, घर बैठे करें प्रभु के दिव्य दर्शन
Ram Lala Live Darshan Today : ब्रह्ममुहूर्त में जब सुनहरे वस्त्रों और रत्नों से जड़े आभूषणों में सजे रामलला के कपाट खुले, तो पूरी अयोध्या जय श्री राम के नारों से गूँज उठी।

Ram Lala Live Darshan Today : अयोध्या से राम मंदिर लाइव : रामलला की मनमोहक मुस्कान ने मोहा भक्तों का मन, घर बैठे करें प्रभु के दिव्य दर्शन
Ram Lala Live Darshan Today : अयोध्या धाम। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में आज की सुबह एक नई आध्यात्मिक ऊर्जा के साथ शुरू हुई। नव्य-भव्य मंदिर के गर्भगृह में आज तड़के प्रभु श्री रामलला की मंगला आरती संपन्न हुई। ब्रह्ममुहूर्त में जब सुनहरे वस्त्रों और रत्नों से जड़े आभूषणों में सजे रामलला के कपाट खुले, तो पूरी अयोध्या जय श्री राम के नारों से गूँज उठी। आरती की लौ और फूलों की सुगंध के बीच प्रभु का बाल स्वरूप अत्यंत दिव्य और मनमोहक लग रहा था। इस विशेष आरती के बाद अब आम भक्तों के लिए दर्शनों का सिलसिला शुरू हो चुका है।
Ram Lala Live Darshan Today : राम मंदिर की परंपरा के अनुसार, आज दिनभर प्रभु की सेवा में पाँच मुख्य आरतियाँ की जाएंगी। सुबह की शुरुआत मंगला आरती से होने के बाद, अब कुछ ही देर में श्रृंगार आरती संपन्न होगी, जिसमें प्रभु का राजसी श्रृंगार कर उन्हें दर्पण दिखाया जाएगा। इसके पश्चात, दोपहर करीब 12:00 बजे भोग आरती का आयोजन होगा। इस दौरान रामलला को विशेष कंद-मूल, फलों और छप्पन भोग का नैवेद्य अर्पित किया जाएगा और कुछ समय के लिए मंदिर के पट विश्राम हेतु बंद रहेंगे। दोपहर के विश्राम के बाद, शाम को सूरज ढलते ही संध्या आरती की जाएगी, जिसकी भव्यता देखते ही बनती है।
Ram Lala Live Darshan Today : रात्रि के समय, दिन की अंतिम आरती के रूप में शयन आरती संपन्न होगी। इस आरती के बाद प्रभु को सुलाया जाता है और मंदिर के कपाट अगले दिन तक के लिए बंद कर दिए जाते हैं। मंदिर ट्रस्ट ने जानकारी दी है कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए दर्शन मार्ग को काफी चौड़ा और सुगम बनाया गया है। भक्तों के लिए कतारों में पंखे, ठंडे पानी और छाया की उचित व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही, दिव्य दर्शन के लिए भक्तों को डिजिटल पास की सुविधा भी दी जा रही है ताकि वे बिना किसी परेशानी के अपने आराध्य के दर्शन कर सकें।
अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजामों के बीच श्रद्धालु राम पथ और भक्ति पथ से होते हुए जन्मभूमि परिसर पहुँच रहे हैं। यदि आप आज अयोध्या में हैं, तो सरयू स्नान के बाद इन आरतियों में सम्मिलित होकर रामलला का आशीर्वाद ले सकते हैं। प्रशासन ने सलाह दी है कि मोबाइल और कीमती सामान निर्दिष्ट लॉकर में जमा करके ही मंदिर परिसर में प्रवेश करें ताकि दर्शन शांतिपूर्ण और सुखद हों।
श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और विश्राम की सुंदर व्यवस्थाएं
अयोध्या धाम में प्रभु श्री रामलला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठहरने और विश्राम की बहुत ही सुंदर व्यवस्थाएं विकसित की गई हैं। यदि आप मंदिर के समीप रुकना चाहते हैं, तो अयोध्या की प्रसिद्ध धर्मशालाएं जैसे कि 'बिड़ला धर्मशाला', 'कनक भवन धर्मशाला' और 'राम वैदेही मंदिर' बेहतरीन विकल्प हैं, जहाँ पारंपरिक वातावरण के साथ आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा संचालित 'तीर्थ यात्री सेवा केंद्र' और 'अमावा राम मंदिर' में भक्तों के लिए ठहरने और निशुल्क भोजन (राम रसोई) की बहुत अच्छी व्यवस्था रहती है।
जैसे-जैसे अयोध्या का कायाकल्प हुआ है, यहाँ रुकने के लिए लग्जरी और बजट होटलों की भी कोई कमी नहीं है। राम पथ और धर्म पथ के आसपास कई नए होटल खुल गए हैं, जहाँ से मंदिर की दूरी बहुत कम है। अगर आप प्रकृति के करीब और शांत माहौल चाहते हैं, तो 'सरयू तट' के पास बने गेस्ट हाउस और टेंट सिटी में रुकना एक यादगार अनुभव हो सकता है। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग का होटल 'राही यात्री निवास' भी एक विश्वसनीय स्थान है, जहाँ सुरक्षित और आरामदायक कमरा आसानी से बुक किया जा सकता है।
अयोध्या भ्रमण के दौरान ठहरने के साथ-साथ स्थानीय जायके का आनंद लेना भी बेहद खास है। यहाँ की गलियों में मिलने वाली गरमा-गरम कचौड़ी, जलेबी और रबड़ी का स्वाद भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है। दर्शन के बाद आप ई-रिक्शा के जरिए आसानी से हनुमानगढ़ी, कनक भवन और दशरथ महल जैसे पवित्र स्थलों तक पहुँच सकते हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अब अयोध्या के मुख्य स्थानों पर क्लॉक रूम और जूता स्टैंड की निशुल्क व्यवस्था की गई है, ताकि आप बिना किसी बोझ के प्रभु की भक्ति में लीन होकर पूरी अयोध्या का भ्रमण कर सकें।
मंदिर का इतिहास (Ayodhya Ram Mandir History in Hindi)
अयोध्या के भव्य राम मंदिर का इतिहास सदियों के संघर्ष, अटूट आस्था और धैर्य की एक अद्वितीय गाथा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अयोध्या वह पवित्र भूमि है जहाँ भगवान विष्णु ने मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के रूप में अवतार लिया था। मूल रूप से यहाँ एक विशाल मंदिर स्थित था, जिसे प्राचीन काल में चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने भव्य रूप दिया था। हालांकि, समय के चक्र और मध्यकालीन काल के आक्रमणों के दौरान मंदिर को क्षति पहुँचाई गई, लेकिन भक्तों के मन में इस स्थान के प्रति श्रद्धा कभी कम नहीं हुई। हिंदुओं के लिए यह स्थान मात्र एक भूमि का टुकड़ा नहीं, बल्कि उनकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का केंद्र बना रहा, जिसके पुनरुद्धार के लिए पीढ़ी-दर-पीढ़ी संघर्ष चलता रहा।
आधुनिक इतिहास में यह विवाद दशकों तक कानूनी प्रक्रियाओं और सामाजिक आंदोलनों का हिस्सा रहा, जिसका अंत 9 नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय के साथ हुआ। इस फैसले ने सदियों पुराने विवाद को समाप्त कर प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया। इसके बाद 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा भूमि पूजन किया गया और देखते ही देखते नागर शैली में निर्मित एक अभूतपूर्व मंदिर आकार लेने लगा। 22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति की 'प्राण प्रतिष्ठा' के साथ ही यह मंदिर न केवल भारत, बल्कि विश्व के करोड़ों हिंदुओं के लिए विजय, न्याय और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बन गया है। आज यह मंदिर आधुनिक इंजीनियरिंग और प्राचीन शिल्प कला का एक बेजोड़ संगम है, जो आने वाली कई शताब्दियों तक सनातन धर्म की महिमा का बखान करता रहेगा।
