Ram Lala Live Aarti Today : कोहरे की चादर और कड़ाके की ठंड, फिर भी रामलला के दर्शन को उमड़ा आस्था का सैलाब; घर बैठे करें प्रभु के मनमोहक स्वरूप के दर्शन
Ram Lala Live Aarti Today :अयोध्या धाम में एक अलौकिक दृश्य देखने को मिला। कड़ाके की ठंड और कोहरे की चादर के बीच प्रभु श्री रामलला के दरबार में आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा कि पूरी धर्मनगरी जय श्री राम के उद्घोष से गुंजायमान हो उठी।

Ram Lala Live Aarti Today : कोहरे की चादर और कड़ाके की ठंड, फिर भी रामलला के दर्शन को उमड़ा आस्था का सैलाब; घर बैठे करें प्रभु के मनमोहक स्वरूप के दर्शन
Ayodhya Ram Mandir Live : अयोध्या : आज 25 दिसंबर 2025 की सुबह अयोध्या धाम में एक अलौकिक दृश्य देखने को मिला। कड़ाके की ठंड और कोहरे की चादर के बीच प्रभु श्री रामलला के दरबार में आस्था का ऐसा सैलाब उमड़ा कि पूरी धर्मनगरी जय श्री राम के उद्घोष से गुंजायमान हो उठी। साल के अंत की छुट्टियों और विशेष दिन होने के कारण आज सुबह से ही राम पथ और भक्ति पथ पर श्रद्धालुओं की लंबी कतारें देखी गईं। सरयू तट पर स्नान के बाद भक्त सीधे जन्मभूमि मंदिर की ओर बढ़ रहे हैं, जहाँ प्रभु का दिव्य और मनमोहक स्वरूप हर किसी को मंत्रमुग्ध कर रहा है।
Ayodhya Ram Mandir Live : ब्रह्म मुहूर्त में दिव्य मंगला आरती आज सुबह प्रभु श्री रामलला की मंगला आरती संपन्न हुई। कड़ाके की ठंड को देखते हुए प्रभु को विशेष ऊनी वस्त्रों और रत्नों से जड़ित आभूषणों से सजाया गया। पुजारियों द्वारा मंत्रोच्चार के बीच जब गर्भगृह के पट खुले, तो प्रभु की पहली झलक पाते ही श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। आज की आरती में विशेष रूप से केसरिया और पीले फूलों का श्रृंगार किया गया था, जिसकी खुशबू पूरे मंदिर परिसर में फैली हुई थी। मंगला आरती के बाद प्रभु को सुकोमल बाल भोग लगाया गया, जिसमें दूध, फल और मेवों का अर्पण किया गया।
दिनभर होने वाली अन्य प्रमुख आरतियों का विवरण श्री राम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु की सेवा के लिए दिनभर में पांच प्रमुख आरतियाँ आयोजित की जाती हैं, जिनका क्रम इस प्रकार हैं
श्रृंगार आरती मंगला आरती के बाद प्रभु का पूर्ण श्रृंगार किया जाता है। इसमें उनके विग्रह को राजसी स्वरूप दिया जाता है। आज इस आरती में शामिल होने के लिए भक्तों को विशेष पास के माध्यम से प्रवेश दिया गया। भोग आरती (दोपहर 12:00 बजे): यह मध्याह्न की मुख्य आरती है। इसमें प्रभु को छप्पन भोग या विशेष सात्विक भोजन अर्पण किया जाता है। दोपहर की इस आरती के समय मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ रहने की संभावना है, क्योंकि इस समय तक दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु भी पहुंच जाते हैं।
संध्या आरती (शाम 7:30 बजे): सूर्यास्त के बाद प्रभु की संध्या आरती की जाती है। इस समय पूरा मंदिर परिसर दीपों की रोशनी से जगमगा उठता है। शाम की इस आरती का आध्यात्मिक वातावरण भक्तों को शांति और सुकून का अनुभव कराता है। शयन आरती (रात्रि 9:00 बजे): यह दिन की अंतिम आरती होती है, जिसमें प्रभु को विश्राम के लिए तैयार किया जाता है। इसके बाद गर्भगृह के पट बंद कर दिए जाते हैं।
प्रशासनिक व्यवस्था और दर्शन मार्ग आज की भीड़ को देखते हुए अयोध्या प्रशासन ने सुग्रीव किला से लेकर मंदिर प्रवेश द्वार तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। श्रद्धालुओं के लिए जगह-जगह पीने के पानी और बैठने की व्यवस्था की गई है। भक्तों को सलाह दी गई है कि वे अपने मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लॉकर में जमा करके ही प्रवेश करें। अयोध्या का नया रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड आज यात्रियों से पूरी तरह भरा हुआ है, जो यह दर्शाता है कि 2025 के अंत में रामलला के दर्शन की कितनी भारी महिमा है।
श्री राम की महिमा
प्रभु श्री राम का नाम केवल एक नाम नहीं, बल्कि जीवन जीने का सबसे सही तरीका है। उन्हें 'मर्यादा पुरुषोत्तम' इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने हर रिश्ते और हर जिम्मेदारी को पूरी ईमानदारी से निभाया। एक राजकुमार होकर भी उन्होंने अपने पिता के वचन के लिए खुशी-खुशी 14 साल का वनवास स्वीकार कर लिया। राम की महिमा हमें सिखाती है कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, हमें कभी भी अपने धर्म और सच्चाई का रास्ता नहीं छोड़ना चाहिए। उनका पूरा जीवन धैर्य और साहस की एक महान मिसाल है।
राम जी की महिमा उनके प्रेम और बराबरी के भाव में छिपी है। भगवान होकर भी उन्होंने समाज के हर वर्ग को गले लगाया। चाहे वो नाव चलाने वाले केवट हों, जूठे बेर खिलाने वाली माता शबरी हों या वानर सेना, राम जी ने सबको समान सम्मान और प्रेम दिया। उनकी महिमा हमें यह सिखाती है कि कोई भी इंसान छोटा या बड़ा नहीं होता, बल्कि उसके कर्म और उसकी भक्ति महान होती है। उन्होंने दिखाया कि सच्चे प्रेम और भक्ति से भगवान को भी अपना मित्र बनाया जा सकता है।
आज के समय में राम की महिमा का मतलब है अपने अंदर अच्छाई को जगाना। राम का नाम लेने से मन को जो शांति मिलती है, वह दुनिया के किसी भी ऐश्वर्य में नहीं है। उनका आदर्श शासन 'रामराज्य' आज भी न्याय और सुख-शांति का प्रतीक माना जाता है, जहाँ हर कोई सुरक्षित और खुश था। प्रभु राम की महिमा आज भी हमें दूसरों की मदद करना, बड़ों का सम्मान करना और बुराई के खिलाफ निडर होकर खड़े होना सिखाती है। जो व्यक्ति राम के बताए रास्ते पर चलता है, उसका जीवन सफल हो जाता है।
