Rakshabandhan 2025: राखी बांधने से पहले देखे लें मुहूर्त, वरना शुभ पर्व में अशुभ संयोग ना पड़ जाए भारी!
Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन का त्योहार सिर्फ एक धागा बांधने का नाम नहीं, ये उस प्रेम, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक है जो भाई-बहन को जन्मों तक जोड़े रखता है। ऐसे में अगर राखी का ये पवित्र बंधन अशुभ समय में बांध दिया जाए, तो उसकी ऊर्जा कमज़ोर पड़ सकती है। यही वजह है कि ज्योतिषियों की सलाह को नजरअंदाज करना आपको भारी पड़ सकता है।

Rakshabandhan 2025
Rakshabandhan 2025: रक्षाबंधन का त्योहार सिर्फ एक धागा बांधने का नाम नहीं, ये उस प्रेम, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक है जो भाई-बहन को जन्मों तक जोड़े रखता है। ऐसे में अगर राखी का ये पवित्र बंधन अशुभ समय में बांध दिया जाए, तो उसकी ऊर्जा कमज़ोर पड़ सकती है। यही वजह है कि ज्योतिषियों की सलाह को नजरअंदाज करना आपको भारी पड़ सकता है।
ज्योतिषियों के अनुसार, 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे से 9 अगस्त की रात 1:52 बजे तक भद्रा काल रहेगा, जो किसी भी मांगलिक कार्य के लिए वर्जित माना गया है। इसलिए, राखी बांधने का सबसे शुभ और सटीक मुहूर्त 9 अगस्त सुबह 5:47 से दोपहर 1:24 तक का है। इस समय के भीतर राखी बांधने से पूर्णिमा का पुण्य और शुभ फल प्राप्त होगा।इतना ही नहीं, इस बार राहु काल या रंगों को लेकर भी कोई विशेष बाध्यता नहीं है। यानी आप लाल, पीले, हरे जैसे किसी भी शुभ रंग की राखी बांध सकते हैं और भले ही राहुकाल हो, इस विशेष दिन उसकी भी छाया कमजोर मानी गई है।
जान लें पूजन विधि-
राखी बांधने से पहले पूजा की थाली सजाकर भगवान को समर्पित करें। भाई को पूर्व या उत्तर की दिशा में बैठाएं, तिलक लगाएं, रक्षा सूत्र बांधें और आरती करें। मिठाई खिलाकर मंगल कामना करें। ध्यान रहे कि भाई का सिर ढका हुआ हो – ये सम्मान और परंपरा दोनों के लिए आवश्यक है। और हां, राखी के बाद माता-पिता का आशीर्वाद लेना न भूलें। इस रक्षाबंधन पर शुभ मुहूर्त में किया गया एक छोटा सा कार्य, रिश्तों में बड़ी ऊर्जा भर सकता है।
रक्षाबंधन न सिर्फ भाई-बहन की परंपरा निभाने का पर्व है, बल्कि एक संदेश है कि प्रेम और सुरक्षा के बंधन को सही समय पर निभाना भी जरूरी होता है। समय केवल घड़ी का नहीं, भावना का भी होता है। जब हम शुभ मुहूर्त में राखी बांधते हैं, तो हम सिर्फ धर्म नहीं निभा रहे होते, बल्कि रिश्तों को एक सकारात्मक ऊर्जा से जोड़ रहे होते हैं।
