Raksha Bandhan 2025: लड्डू गोपाल को राखी बांधने का सही तरीका, शुभ मुहूर्त और बचने वाली गलतियां
Raksha Bandhan 2025: देशभर में आज रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है और सालों बाद इस पर्व में ऐसा संयोग बना है जब भद्रा और पंचक का साया नहीं है लेकिन इस बार राहुकाल थोड़ी बाधा डाल सकता है। आज के दिन भगवान को भी राखी बांधने की परंपरा है कहा जाता है कि ऐसा करने से आपको भगवान का आशीर्वाद मिलता है। आज हम आपको लड्डू गोपाल को राखी बांधने का खास तरीका बताने जा रहे हैं उससे पहले राखी का मुहूर्त भी जान लेते हैं। राखी का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक होगा।

Raksha Bandhan 2025
Raksha Bandhan 2025: देशभर में आज रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा है और सालों बाद इस पर्व में ऐसा संयोग बना है जब भद्रा और पंचक का साया नहीं है लेकिन इस बार राहुकाल थोड़ी बाधा डाल सकता है। आज के दिन भगवान को भी राखी बांधने की परंपरा है कहा जाता है कि ऐसा करने से आपको भगवान का आशीर्वाद मिलता है। आज हम आपको लड्डू गोपाल को राखी बांधने का खास तरीका बताने जा रहे हैं उससे पहले राखी का मुहूर्त भी जान लेते हैं। राखी का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 47 मिनट से शुरू होकर दोपहर 1 बजकर 24 मिनट तक होगा।
भाई से पहले लड्डू गोपाल को बांधे राखी-
राखी के खास अवसर पर लड्डू गोपाल को भी राखी बांधने का नियम है और शास्त्रों में इसके लिए भी खास नियम है। राखी बांधने से पहले भगवान को स्नान कराएं उन्हे नए कपड़े पहनाएं। इस बात का ध्यान रखें कि लड्डू गोपाल को पीले, गुलाबी या लाल रंग की राखी ही पहनाएं क्योंकि ये रंग शुभ होते हैं उन्हे नीले या काले रंग की राखी ना पहनाएं।
लड्डू गोपाल को स्नान कराने के बाद उनका तिलक करें। भगवान के लिए आप केसर, चंदन, रोली और हल्दी को गंगाजल में मिलाएं और तिलक लगाएं। उसके बाद भगवान को खीर का भोग लगाएं। आप ये बाद ध्यान में रखें कि भगवान को बाहर की मिठाइयों का भोग लगाएं।
भगवान को राखी बांधने के बाद आप उन्हे छोटा सा उपहार भेंट करें ऐसा करने से आपको दस गुना अधिक बढ़कर फल मिलेगा। भगवान को राखी बांधने के बाद उनको उपहार अर्पित करें फिर दीपक जलाकर भगवान की आरती करें, उसके बाद आप लड्डू गोपाल को राखी बांध सकती है।
भगवान की आरती यहां देखें-
श्री लड्डू गोपाल जी की आरती |
आरती बाल कृष्ण की कीजै ।
अपना जन्म सफल कर लीजै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
श्री यशोदा का परम दुलारा ।
बाबा के अँखियन का तारा ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
गोपियन के प्राणन से प्यारा ।
इन पर प्राण न्योछावर कीजै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
बलदाऊ के छोटे भैया ।
कनुआ कहि कहि बोले मैया ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
परम मुदित मन लेत बलैया ।
अपना सरबस इनको दीजै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
श्री राधावर कृष्ण कन्हैया ।
ब्रज जन को नवनीत खवैया ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
देखत ही मन लेत चुरैया ।
यह छवि नैनन में भरि लीजै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
तोतली बोलन मधुर सुहावै ।
सखन संग खेलत सुख पावै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
सोई सुक्ति जो इनको ध्यावे ।
अब इनको अपना करि लीजै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
॥ इति श्री लड्डू गोपाल आरती संपूर्णम् ॥
अस्वीकरण: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पौराणिक शास्त्रों पर आधारित है। इसमें दी गई जानकारी परंपराओं और श्रद्धा के आधार पर साझा की गई है। किसी भी पूजा, व्रत या अनुष्ठान को करने से पहले योग्य पंडित या विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें। एनपीजी न्यूज किसी भी धार्मिक सुझाव की पुष्टि नहीं करता।
