PITRU PAKSHA 2025 : पितृ पक्ष में भूलकर भी ना करें इनका सेवन, नहीं तो पितृ हो जायेंगे नाराज, लग जायेगा पितृ दोष
Pitru Paksha 2025 : जानकारी के अभाव में ऐसी चीजे भी खानपान में शामिल कर लेते है जिससे पितृ देव नाराज हो जाते हैं

PITRU PAKSHA 2025: आपका पितृ पक्ष में आपका खानपान कैसा है... क्या आपको पता है पितृ पक्ष में हमें क्या खाना-पीना चाहिए ? हम जानकारी के अभाव में ऐसी चीजे भी खानपान में शामिल कर लेते है जिससे पितृ देव नाराज हो जाते हैं और उसका भयावह प्रकोप देखने को मिलता है. तो चलिए फिर जानते हैं इस पक्ष में क्या खाए क्या नहीं.
श्राद्ध क्रिया करने वाला बाहरी भोजन से बचे
जो व्यक्ति श्राद्ध क्रिया करता है उसे बाहर के बने खाना के सेवन नहीं करना चाहिए और 15 दिनों तक सात्विक भोजन ही करना चाहिए।
श्राद्ध में भोजन को लोहे के बर्तन में नहीं परोसना चाहिएश्राद्ध में भोजन को लोहे के बर्तन में नहीं परोसना चाहिए। इसके लिए तांबे, पीतल या अन्य किसी धातु के बर्तन का प्रयोग करना चाहिए।
चना का सेवन भी वर्जित
पितृ पक्ष में चना का सेवन भी वर्जित होता है। इस दौरान चना, चने की दाल और चने से बना सत्तू भी खाना और खिलाना अच्छा नहीं है।
मूली और गाजर और इनका सेवन नहीं
पितृ पक्ष में मूली और गाजर का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इस सब्जियों का संबंध राहु से होता है। इस समय किसी भी जड़ वाले सब्जी का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा सफेद तिल, लौकी, काला नमक, जीरा, चना-सरसों का साग आदि का सेवन भी करना वर्जित माना गया है।
मसूर की दाल का खास वर्जित
पितृ पक्ष में मसूर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि ज्योतिष शास्त्र में मसूर दाल का संबंध मंगल से माना गया है और मंगल क्रोध का कारक है। इसके अलावा पितृ पक्ष की अवधि में दाल, चावल और आटा जैसी कोई भी चीज को कच्चा नहीं खाएं।
भैंस के दूध का सेवन करना भी वर्जित होता
राजमा, कोदा, अलसी, बासी भोजन, समुद्र जल से बना नमक और भैंस के दूध का सेवन करना भी वर्जित होता है। पितृ पक्ष में केवल अरवा चावल ही खाएं। उसना चावल का सेवन पितृ पक्ष में वर्जित माना गया है।
अरबी और करेला का सेवन भी पितृ पक्ष में वर्जित
शास्त्रों में अरबी और करेला का सेवन भी पितृ पक्ष में वर्जित माना गया है। इनके सेवन से आपके पितृ आपसे नाराज हो सकते हैं।
तामसिक आहार का सेवन खासकर नहीं
पितृपक्ष में तामसिक आहार जैसे मांस, मछली, मदिरापान, लहसुन, प्याज, आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
सात्विक जीवनशैली अपनाएं
पंडित मनोज शुक्ल के अनुसार इस काल में सात्विक आहार, संयमित व्यवहार और पवित्रता पर विशेष ध्यान देना चाहिए. प्रतिदिन ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को दान देना तथा श्राद्ध कर्म को विधिपूर्वक करना पूर्वजों को प्रसन्न करता है.
