पौष पुत्रदा एकादशी 2023: इस एकादशी से हो रही है साल के शुरुआत, जानिए सही तारीख मुहूर्त पारण का समय और पूजा विधि
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Paush Putrada Ekadashi 2023:; इस साल 2023 में पुत्रदा एकादशी 2 जनवरी को पड़ेगी। पुत्रदा एकादशी के दिन संतान की लंबी आयु और संतान प्राप्ति की कामना करने वाली महिलाएं पुत्रदा एकादशी के व्रत को करती हैं। पुत्रदा एकादशी को साल में दो बार आती है। साल की पहली पुत्रदा एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी या पौष शुक्ल पुत्रदा एकादशी कहते हैं। यह एकादशी दिसंबर या जनवरी महीने में आती है। दूसरी पुत्रदा एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहते हैं। यह जुलाई या अगस्त के महीने में आती है।
देवशयनी एकादशी का शुभ मुहूर्त
पौष पुत्रदा एकादशी नए साल में 02 जनवरी 2023 को ही मनाई जाएगी। पौष पुत्रदा एकादशी की शुरुआत 01 जनवरी 2023 को शाम 07. 11 मिनट पर होगी और इसका समापन 02 जनवरी 2023 को शाम 08 .23 मिनट पर होगा। पौष पुत्रदा एकादशी का पारण 03 जनवरी 2023 को सुबह 07.12 मिनट से 09 . 25 मिनट तक रहेगा।
पुत्रदा एकादशी के दिन धनु राशि में सूर्य और 08:52 PM तक मेष राशि उपरांत वृषभ राशि पर संचार करेगा और नक्षत्र भरणी 02:23 PM तक उपरांत कृत्तिका रहेगा।
पुत्रदा एकादशी का शुभ काल अभिजीत मुहूर्त -12:09 PM से 12:51 PM, अमृत काल -09:16 AM से 10:59 AM, ब्रह्म मुहूर्त -05:36 AM से 06:24 AM रहेगा।
पौष पुत्रदा एकादशी विधि
पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। व्रत रखने से एक दिन पहले भक्तों को सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। इसके अलावा व्रती महिला या पुरुष को संयमित और ब्रह्मचर्य का भी पालन करना चाहिए। आगले दिन व्रत शुरू करने के लिए सुबह उठकर स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें, और भगवान विष्णु का ध्यान करें। गंगाजल, तुलसीदल, फूल, पंचामृत से भगवान विष्णु की पूजा करें। पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने वाली महिला या पुरुष निर्जला व्रत करें। यदि आपका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, तो शाम को दीपक जलाने के बाद फलाहार कर सकते हैं। व्रत के अगले दिन द्वादशी पर किसी ब्राह्मण व्यक्ति या किसी जरूरतमंद को भोजन कराएं, और दान दक्षिणा दें। उसके बाद ही व्रत का पारण करें। पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने वालों को व्रत से पहले दशमी के दिन एक समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। संयमित और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। पौष पुत्रदा एकादशी के दिन ओम नमो भगवते वासुदेवाय, विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम, विष्णु अष्टोत्रम का मंत्र का जाप करेंगे तो अच्छा रहेगा। साथ में संतान गोपाल मंत्र का जाप करें । इसके लिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसके बाद विष्णु सहस्रनाम स्तोत्रम का पाठ करें। व्रत के दिन अनाज या चावल के सेवन से बचना चाहिए।