Begin typing your search above and press return to search.

Paush Putrada Ekadashi 2025 Date : 2025 की अंतिम एकादशी कल ! जानिए संतान से क्या है इसका कनेक्शन, जानिए व्रत के नियम, मुहूर्त, पूजा-विधि

Paush Putrada Ekadashi 2025 Date : पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान पर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं और उन्हें लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है।

Paush Putrada Ekadashi 2025 Date : 2025 की अंतिम एकादशी कल ! जानिए संतान से क्या है इसका कनेक्शन, जानिए व्रत के नियम, मुहूर्त, पूजा-विधि
X
By Meenu Tiwari

Paush Putrada Ekadashi 2025 Date : इस साल की अंतिम एकादशी 30 और 31 दिसंबर को है. इस दिन पौष महीने की पुत्रदा एकादशी है. इस दिन संतान प्राप्ति हेतु श्री हरी भगवान विष्णु जी की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन जो जीवन में सारे जतन के बाद भी संतान सुख से वंचित रहता है उसे भी संतान की प्राप्ति होती है.


पुत्रदा एकादशी का व्रत साल में दो बार रखा जाता है, एक बार सावन में और दूसरी बार पौष माह में। हिंदू पंचांग में पौष माह 10वां महीना है, जो दिसंबर और जनवरी के बीच पड़ता है। पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से संतान पर आने वाले सभी संकट दूर हो जाते हैं और उन्हें लंबी आयु का आशीर्वाद मिलता है। वहीं पुत्रदा एकादशी के प्रभाव से निसंतान दंपतियों को स्वस्थ और बुद्धिमान संतान की प्राप्ति होती है।


पुत्रदा एकादशी के दिन विधिपूर्वक पूजा करने के साथ ही भगवान विष्णु को ये चीजें भी जरूर अर्पित करें। इन चीजों को नारायण के चरणों में चढ़ाने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है। साथ ही घर-परिवार पर माता लक्ष्मी की भी कृपा बनी रहती है।


एकादशी के दिन भगवान विष्णु को अर्पित करें ये चीजें




  • एकादशी के दिन विष्णु जी की पूजा में तुलसी जरूर शामिल करें। तुलसी के बिना श्री हरि की पूजा अधूरी मानी जाती है, इसलिए भोग में भी तुलसी जरूर रखें। बता दें कि एकादशी के दिन तुलसी नहीं तोड़ा जाता है इसलिए पूजा के लिए एक दिन पहले ही तुलसी तोड़कर रख लें। एकादशी के दिन तुलसी को न स्पर्श करें और न ही जल चढ़ाएं।
  • पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु को केला का भोग लगाएं। केले का भोग लगाने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही घर में सुख-समृद्धि आती है।
  • विष्णु जी को पंचामृत का भोग लगाएं। पंचामृत दूध, दही, घी, शहर और चीनी से बनाया जाता है। पंचामृत में तुलसी दल भी जरूर रखें।
  • पुत्रदा एकादशी के दिन विष्णु जी को मौसमी फल का भी भोग लगाएं। मौसमी फल के अलावा आम, अना, सेब आदि चीजें अर्पित करें।
  • भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है। एकादशी के दिन नारायण को पीले रंग के फील और माला अर्पित करें। पीले फूल चढ़ाने से भक्तों को मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है।



पौष पुत्रदा एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Paush Putrada Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)


वैदिक पंचांग के अनुसार, पौष माह में पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 30 दिसंबर (Kab Hai Paush Putrada Ekadashi 2025) को किया जाएगा।


  • पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत- 30 दिसंबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर
  • पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का समापन- 31 दिसंबर को सुबह 05 बजे

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 2025 पारण डेट और टाइम (Paush Putrada Ekadashi Vrat Paran Date and Time)

एकादशी व्रत का पारण अगले दिन किया जाएगा। ऐसे में पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पारण 31 दिसंबर को किया जाएगा। इस दिन व्रत का पारण करने का समय दोपहर 01 बजकर 29 मिनट से लेकर दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक है। इस दौरान किसी भी समय व्रत का पारण किया जा सकता है।

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पारण विधि (Paush Putrada Ekadashi Vrat Paran Vidhi)

सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। इसके बाद मंदिर की सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव कर शुद्ध करें। जगत के पालनहार भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। दीपक जलाकर आरती करें। मंत्रों का जप और विष्णु चालीसा का पाठ करें। सात्विक भोजन का भोग लगाएं। एक बात का खास ध्यान रखें कि भोग थाली में तुलसी के पत्ते जरूर शामिल करें। इसके बाद प्रसाद स्वयं भी ग्रहण करें।

इस दिन मंदिर या गरीब लोगों में अन्न-धन समेत आदि चीजों का दान करें। धार्मिक मान्यता के अनुसार, द्वादशी तिथि के दिन दान करने से साधक को व्रत का पूर्ण फल मिलता है और जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।

Next Story