Panchmukhi Budha Mahadev : पंचमुखी बूढ़ा महादेव, 25 लिंगों का अद्भुत शिवलिंग, आईये जाने यहाँ की महिमा
Panchmukhi Budha Mahadev : आदि काल से स्थापित पंचमुखी शिवलिंग वर्तमान में उमापति पंचमुखी बूढ़ा महादेव के नाम से जाना जाता है.
Panchmukhi Budha Mahadev kawardha : छत्तीसगढ़ के कवर्धा नगर के सिद्धपीठ उमापति पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर में आदि काल से स्वयंभू स्थापित पंचमुखी शिवलिंग मौजूद है.
बूढ़ा महादेव मंदिर में दिव्य पंचमुखी शिवलिंग रियासत काल से भी पूर्व का स्वयंभू शिवलिंग है. इसी वजह से यह काफी प्रसिद्ध है और इसका खास महत्व भी है.
मंदिर में पांच मुख वाले पांच शिवलिंग
मंदिर में पांच मुखवाले पांच शिवलिंग हैं. एक-एक शिवलिंग में पांच-पांच मुख हैं. इस तरह से यहां कुल 25 लिंगों का अद्भुत शिवलिंग है. सांख्य दर्शन के अनुसार भगवान शंकर पंचभूत अर्थात पृथ्वी, जल, अग्नि, आकाश और वायु हैं. पंचमुखी बूढ़ा महादेव के शिवलिंग भी इसी तरह हैं. माना जाता है कि यह दुर्लभ और अद्वितीय शिवलिंग है, जिसके चलते ही इसकी ख्याति दूर दूर तक है.
श्रावण मास में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ लगा रहती है. इतना कि इस जगह पर मेला जैसा माहौल रहता है. लंबी कतार के बाद श्रद्धालुओं को शिवलिंग के दर्शन हो पाते हैं. स्थानीय लोगों के साथ-साथ लोग दूर-दूर से भी यहां पहुंचते हैं. श्रावण मास में तो बूढ़ा महादेव कांवड़ियों के लिए प्रमुख जलाभिषेक स्थान रहता है.