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Nag Panchami 2025 Date: कब है नाग पंचमी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, योग और धार्मिक महत्व

Nag Panchami 2025 Muhurat: नाग पंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। नाग पंचमी का दिन नाग देवता तो समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन न सिर्फ नाग देवता की पूजा कर उनका आशिर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि कालसर्प दोष, सर्प भय और सर्पदंश जैसी बाधाओं से भी मुक्ति पा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं नाग पंचमी की तिथि, शुभ मुहूर्त, योग और धार्मिक महत्व क्या है?

कब है नाग पंचमी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, योग और धार्मिक महत्व
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By Chitrsen Sahu

Nag Panchami 2025 Muhurat: नाग पंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। नाग पंचमी का दिन नाग देवता तो समर्पित होता है। मान्यता है कि इस दिन न सिर्फ नाग देवता की पूजा कर उनका आशिर्वाद प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि कालसर्प दोष, सर्प भय और सर्पदंश जैसी बाधाओं से भी मुक्ति पा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं नाग पंचमी की तिथि, शुभ मुहूर्त, योग और धार्मिक महत्व क्या है?

नाग पंचमी का महत्व

हिन्दू धर्म में नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा अर्चना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन और विधि-विधान से पूजा-अर्चना करने से कालसर्प दोष, सर्प भय और सर्पदंश जैसी बाधाओं से मुक्ति पाया जा सकता है। नाग देवता को आधात्मिक शक्ति का प्रतिक माना जाता है, इसलिए उनकी पूजा से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। ऐसे में हिन्दू धर्म में नाग पंचमी का बड़ा ही महत्व है।

नाग पंचमी की तिथि

नाग पंचमी श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि यानी कि 29 जुलाई 2025 को मनाया जाएगा। शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 28 जुलाई की रात 11:24 बजे से शुरु होकर 30 जुलाई की रात 12:46 बजे समाप्त होगा। 29 जुलाई 2025 को ही नाग पंचमी का व्रत रखा जाएगा।

नाग पंचमी शुभ मुहूर्त

29 जुलाई 2025 को नाग पंचमी मनाया जाएगा। ऐसे में पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:41 बजे से 8:23 तक रहेगा। इस मुहूर्त में नाग देवता की पूजा विधि-विधान से करना बेहद शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं इस मुहूर्त में पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही कालसर्प दोष और सर्पदंश के भय से भी छुटकारा पाया जा सकता है।

नाग पंचमी पर शिव, रवि और लक्ष्मी योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार नाग पंचमी पर शिव, रवि और लक्ष्मी योग बन रहा है। इस शुभ संयोग में किए गए जप तप से शुभ उल की प्राप्ति होती है। बताया जा रहा है कि नाग पंचमी के दिन ही सावन का मंगवाप होने के कारण मंगला गौरी व्रत का संयोग भी है।

नाग पंचमी की पूजा विधि

  • सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें और साफ सुथरे वस्त्र पहने
  • गाय के गोबर से नाग का आकार बनाए
  • अब नाग देवता का आह्वान करें और ध्यान लगाएं
  • अब फूल, मेवा, मिठाई और दूध अर्पित करें
  • मंत्रों के जाप करें और मनोकामना की प्रार्थना करें।

(अस्वीकरण: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और सामान्य जानकारियों पर आधारित है। NPG NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता)

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