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Makar Sankranti Ka Mahtava मकर संक्रांति का महत्व क्या है, जानिए इस दिन क्या दान करना चाहिए?

Makar Sankranti Ka Mahtava हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल 14 और 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाती है। इन दो दिनों में जब सूर्य मकर राशि में जाते है तो ,संक्रांति काल होता है, जानते हैं इस साल किस दिन मनाई जाएगी संक्रांति..

Makar Sankranti Ka Mahtava मकर संक्रांति का महत्व क्या है, जानिए इस दिन  क्या दान करना चाहिए?
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By Shanti Suman

Makar Sankranti Ka Mahtava मकर संक्रांति का महत्व:मकर संक्रांति का त्यौहार इस साल 14 जनवरी की बजाय 15 जनवरी को मनाया जा रहा है। ज्योतिष गणना के अनुसार 15 जनवरी से पंचक, खरमास और अशुभ समय समाप्त हो जाएगा और विवाह, ग्रह प्रवेश आदि के शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। 15 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन ही डुबकी लगाने से दान पूजा का महत्व है।

मकर संक्रांति का महत्व

मकर संक्रांति के पर्व को देश में माघी, पोंगल, उत्तरायण, खिचड़ी और बड़ी संक्रांति आदि नामों से जाना जाता है। इस दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में आ जाते हैं। सूर्य के उत्तरायण में रहने के समय को शुभ समय माना जाता है और इस दौरान मांगलिक कार्य आसानी से किए जाते हैं। चूंकि पृथ्वी दो गोलार्धों में बंटी हुई है।,ऐसे में जब सूर्य का झुकाव दाक्षिणी गोलार्ध की ओर होता है तो इस स्थिति को दक्षिणायन कहते हैं और सूर्य जब उत्तरी गोलार्ध की ओर झुका होता है तो सूर्य की इस स्थिति को उत्तरायण कहते हैं। इसके साथ ही 12 राशियां होती हैं जिनमें सूर्य पूरे साल एक-एक माह के लिए रहते हैं। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं। जानें मकर संक्रांति का मुहूर्त, पूजा विधि और अन्य खास बातें-

मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त

मकर संक्रांति के दिन पुण्यकाल और महापुण्यकाल में स्नान-दान बेहद फलदायी माना जाता हैं इस बार पुण्य काल मुहूर्त 15 जनवरी 2024 को सुबह 10 .15 मिनट पर शुरू होगा और इसका समापन शाम 05 .र 40 मिनट पर होगां वहीं महापुण्य काल दोपहर 12 .15 मिनट से शाम 06 बजे तक रहेगा

पुण्य काल मुहूर्त – सुबह 10 .15 मिनट पर शुरू,समापन शाम 05 .र 40 मिनट पर होगा (15 जनवरी 2024)

महापुण्य काल मुहूर्त – दोपहर 12 .15 मिनट से शाम 06 बजे तक रहेगा(15 जनवरी 2024) को

इस दिन सूर्य मकर राशि में रहेंगे. साथ ही शतभिषा व पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, शश योग, वरियान योग, वाशी योग, सुनफा योग बनेगा। इन योगों में शुभ कार्य, दान, पुण्य, तीर्थ यात्रा, भागवत महापुराण का पाठ करना किस्मत के बंद दरवाजे खोल सकता है।

कुंभ राशि के चंद्रमा में मकर संक्रांति का पुण्य काल होगा, जो कि बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन सूर्य पूजन तथा भगवान शिव का अभिषेक विशेष रुप से करना चाहिए।

मकर संक्रांति पूजा विधि-पूजा मंत्र

मकर संक्रांति के दिन सुबह किसी नदी, तालाब अथवा शुद्ध जलाशय में स्नान करें। इसके बाद नये या साफ वस्त्र धारण कर चड़ी और तिल के लड्डू विशेष रूप से लोगों को दिए जाते हैं। इसके बाद घर में प्रसाद ग्रहण करने से पहले आग में थोड़ी सा गुड़ और तिल डालें और अग्नि देवता को प्रणाम करें।

ऊं सूर्याय नम: ऊं आदित्याय नम: ऊं सप्तार्चिषे नम:

मकर संक्रांति के दिन क्या दान करना चाहिए?

मकर संक्रांति के दिन खिचड़ी का दान जरूर करें। माना जाता है इस दिन खिचड़ी का दान करने से घर में सुख और शांति का वास होता है। तिल और गुड़ का दान भी विशेष माना जाता है।

मकर संक्रांति के दिन काले तिल को तांबे के पात्र में भरकर किसी गरीब व्यक्ति या फिर किसी ब्राह्मण को अवश्य दान करें।ऐसा करने से उन्हें शनिदेव का आर्शीवाद प्राप्त होगा।

शिव पुराण के अनुसार, मकर संक्रांति पर आप नए वस्त्रों का दान करेंगे तो शुभ होगा। ऐसा करने से सेहतमंद बने रहेंगे। किसी प्रकार की कोई बीमारी हो तो वस्त्रों का दान करने से समस्या कम होने लगती है।

घी का दान करना भी श्रेष्ठ फल प्राप्त कराता है। माना जाता है कि घी का दान करने से शरीर स्वस्थ रहता है। इसके साथ ही देवी महालक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।

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