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Mahavir Jayanti 2024 : 21 अप्रैल को मनाई जाएगी महावीर जयंती, आइए जानें महावीर के पांच सिद्धांत, खास तथ्य, जयंती का महत्व और इस दिन क्या करते हैं जैन संप्रदाय

भगवान महावीर ने संसार को पांच सिद्धांत बताए हैं, जो आज भी लोगों को समृद्ध जीवन और आंतरिक शांति की ओर ले जाते हैं.

Mahavir Jayanti 2024 : 21 अप्रैल को मनाई जाएगी महावीर जयंती,  आइए जानें महावीर के पांच सिद्धांत,  खास तथ्य, जयंती का महत्व और इस दिन क्या करते हैं जैन संप्रदाय
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By Meenu

जैन धर्म के 24वें व अंतिम तीर्थंकर महावीर जी का जन्म चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन हुआ था. जैन संप्रदाय में महावीर जयंती का विशेष महत्व माना जाता है.

इस साल 21 अप्रैल को वर्धमान महावीर की जयंती मनाई जाएगी. इस दिन जैन धर्म के लोग भगवान महावीर की पूजा करते हैं और उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं को याद करते हैं.

भगवान महावीर ने संसार को पांच सिद्धांत बताए हैं, जो आज भी लोगों को समृद्ध जीवन और आंतरिक शांति की ओर ले जाते हैं.



भगवान महावीर का श्री राम से नाता

जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी का जन्म 599 ईसा पूर्व में हुआ था. जैन संप्रदाय में महावीर जयंती का विशेष है. जैनियों के मुताबिक, महावीर का जन्म चैत्र महीने में उगते चंद्रमा के तेरहवें दिन हुआ था. ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से ये दिन मार्च या अप्रैल में आता है. इस दिन जैन धर्म के अनुयायी भगवान महावीर के जीवन और शिक्षाओं का स्मरण करते हैं. इनका जन्म इक्ष्वाकु राजवंश के राजा सिद्धार्थ और रानी त्रिशला के एक शाही क्षत्रिय परिवार में हुआ था. महावीर जी का संबंध सनातन धर्म में आस्था के सबसे बड़े प्रतीक माने जाने वाले भगवान राम से भी है. क्योंकि महावीर जैन का जन्म भी उसी कुल में हुआ था, जिस कुल में भगवान राम जन्मे थे. भगवान राम और महावीर जी दोनों सूर्यवंशी हैं.

महावीर जयंती महत्व

जैन धर्म के अनुयायियों के लिए महावीर जयंती एक खास दिन माना जाता है. इस दिन वे भगवान महावीर की पूजा करते हैं और उनकी शिक्षाओं को याद करते है. इस अवसर पर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. भगवान महावीर के जन्मदिन पर लोग भगवान महावीर की पूजा करते हैं. भगवान महावीर 30 वर्ष की आयु में उन्होंने अपना घर और परिवार त्याग दिया थै और जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ से दीक्षा ली. 12 सालों की कठोर साधना के बाद उन्हें 573 ईसा पूर्व में तीर्थंकर तत्व प्राप्त हुआ. महावीर ने अहिंसा को सर्वोच्च धर्म बताया.

महावीर जयंती पर जैन लोग क्या करते हैं




जैन धर्म की मान्यता है कि 12 साल के कठोर मौन तप-जप के बाद भगवान महावीर ने अपनी इंद्रियों पर पूरी तरह विजय प्राप्त कर ली थी. निडर, सहनशील और अहिंसक होने के कारण उनका नाम महावीर पड़ा. 72 साल की उम्र में उन्हें पावापुरी से मोक्ष प्राप्त हुआ. महावीर जयंती के दिन जैन धर्म के लोग प्रभातफेरी, अनुष्ठान, शोभायात्रा निकलाते हैं. फिर महावीर जी की मूर्ति का सोने और चांदी के कलश जलाभिषेक किया जाता है.

इस दौरान जैन संप्रदाय के गुरु भगवान महावीर के उपदेश बताते हैं और उनपर चलने की सीख दी जाती है. इस दिन देशभर के जैन मंदिरों में पूजा की जाती है. इस दिन जैन समुदाय के लोग स्वामी महावीर के जन्म की खुशियां मनाते हैं और शोभा यात्राएं भी निकाली जाती हैं. इन्होंने दुनिया को सत्य, अहिंसा के कई उपदेश दिए थे.

भगवान महावीर के पांच सिद्धांत

राजसी ठाठ छोड़ आध्यात्म की राह अपनाने वाले भगवान महावीर स्वामी ने जीवनभर मानव जाति को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने के रास्ते बताए. महावीर स्वामी के 5 प्रमुख सिद्धांत बताए थे, जिन्हें पंचशील सिद्धांत भी कहा जाता है.

  1. सत्य
  2. अहिंसा
  3. अस्तेय यानी चोरी न करना
  4. अपरिग्रह यानी विषय व वस्तुओं के प्रति लगाव न होना
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करना

धार्मिक मान्यता है कि भगवान महावीर के इन पांच सिद्धांतों का पालन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है

महावीर जयंती से जुड़े तथ्य

  • महावीर जयंती जो भगवान महावीर का जन्मदिवस भी है, मुख्य रूप से जैन समुदाय के बीच, राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में भी मनाई जाती है.
  • जिस स्थान पर महावीर का जन्म हुआ उसे अहल्या भूमि भी कहा जाता है. महावीर की ज्ञान साधना 12 वर्ष तक चली थी.
  • महावीर स्वामी ने 30 साल की उम्र में अपना परिवार और राज्य छोड़ दिया था और अध्यात्म की राह पर चल दिए थे.
  • महावीर का जन्मस्थान बिहार में इस शुभ दिन को भव्य तरीके से मनाया जाता है. इस अवसर को वैशाली महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है.
  • महावीर जयंती की सुबह में विभिन्न भव्य जुलूस का आयोजन किया जाता है. इस दिन आप भगवान महावीर की छवियों वाले भव्य रथ देख सकते हैं.
  • इस दिन जैन मंदिरों को खूबसूरत तरीके से सजाया जाता है और इनमें सभी तीर्थंकरों की छवियां शामिल होती हैं.
  • भारत के कुछ प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल जहां महावीर जयंती भव्य तरीके से मनाई जाती है, जो कि पालीताना, रणकपुर, श्रवणबेलगोला, दिलवाड़ा मंदिर, खंडगिरि गुफाएं और उदयगिरि गुफाएं आदि हैं.

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