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Maha shivaratri 2024:महाशिवारात्रि पर इस तरह करें जलाभिषेक और इन उपायों से बनें मालामाल

Maha shivaratri 2024महाशिवरात्रि २०२४: यह भगवान शिव का प्रमुख पर्व है। माघ फागुन फाल्गुन कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाता है। माना जाता है कि सृष्टि का प्रारम्भ इसी दिन से हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग के उदय से हुआ।

Maha shivaratri 2024:महाशिवारात्रि पर इस तरह करें जलाभिषेक और इन उपायों से बनें मालामाल
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By Shanti Suman

Maha shivaratri 2024महाशिवरात्रि २०२४: शिवरात्रि यानी भगवान शिव की रात इस बार शिवरात्रि बहुत खास योग में पड़ रही है। त्रयोदशी और चतुर्दशी की संधि पर शिवरात्रि का योग बहुत खास है। क्या आप जानते हैं कि इसी दिन मध्यरात्रि को भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था। इसी दिन कहा जाता है कि मां आदिशक्ति के साथ उनका विवाह हुआ था। भगवान शिव आपके भाव मात्र से भी प्रसन्न हो जाते हैं। अगर चारों पहर उनका विभन्न चीजों से अभिषेक किया जाए तो भोलेनाथ की कृपा मिलती है।।इसके अलावा आपको उन चीजों के बारे में भी पता होना चाहिए, जो भोलेनाथ पर अर्पित नहीं की जाती हैं। सबसे पहले भोलेनाथ का पूजन करते समय मन को एकाग्र कर चित्त को शान्त करना चाहिए और फिर पूजन शुरू करना चाहिए।

महाशिवरात्रि उपाय

रुके धन की प्राप्तिः पंचामृत से शिव का अभिषेक करें, 5 चीजें अर्पण करें।ऊं पार्वतीपतये नम: का 108 बार जप करें।

संतान के लिए: पति-पत्नी दोनों गाय का घी अर्पण करें।फिर एकसाथ दोनो जलाभिषेक करें।11 बिल्वपत्र पर राम-राम लिखकर दूसरी तरफ से अर्पण करें।

विद्या के लिए: दूध मिश्रित जल एक धारा में चढ़ाएं। ऊं नम: शिवाय का जाप करें। 5मुखी रुद्राक्ष धारण करें।

बीमारी के निदान: 4 मुखी बत्ती के साथ गाय के घी में दीपक जलाएं व चावल, दूध के साथ जलाभिषेक करें।

नौकरी के लिए: चांदी के लोटे से दूध अर्पण करें, सफेद फूल चढ़ाएं, व शाम को घी का दीपक जलाएं।

शादी के लिए: शाम को 5-6 पीले वस्त्र धारण करें व उतने ही बिल्वपत्र चढ़ाएं। व दीपक जलाएं।

दाम्पत्य सुख के लिए: प्रदोष काल में साफ कपड़े पहनकर चांदी के लोटे से कच्चा दूध चढ़ाएं। ऊं नम: शिवाय का जाप करें।सफेद गुलाब का फूल चढ़ाएं व गाय के घी के दीपक जलाएं।

महाशिवरात्रि पर इन चीजों से अभिषेक

अगर आप भोले नाथ का व्रत कर रहे हैं, तो सबसे पहले आपको भोलेनाथ का अभिषेक करना चाहिए। व्रत रखते हुएपहली पूजा में दूध, गंगाजल, केसर, शहद और जल से बना मिश्रण शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। शिवरात्रि पर चार पहर पूजा का विशेष फल मिलता है। ऐसे में चार पहर पूजा कर रहे हैं, तो आप पहले पहर जल से, दूसरे पहल दही, तीसरे पहर घी, और चोथे पहर शहर से शिवलिंग का अभिषेक करें। तिलक चंदन से लगाएं और फिर भस्म अर्पित करें। फलों में बेर अर्पित करने चाहिए। शमी के पत्ते, बेलपत्र और धतूरा भी शिवजी को अर्पित करना चाहिए।

महाशिवरात्रि पर न करें अर्पित

शिवलिंग पर हल्दी और तुलसी बिल्कुल भी अर्पित नहीं करना चाहिए। अगर भगवान का अभिषेक कर रहे हैं, तो शंख इनकी पूजा में इस्तेमाल न करें। भोलेनाथ पर अगर चावल अर्पित कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि ये टूटे हुए ना हों। साबुत चावल ही अर्पित करें। इसके अलावा सिंदुर ना चढ़ाएं, इसकी जगह भस्म और चंदन से उनका तिलक कर सकते हैं।


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