Kuber Dev: घर में लगाएं धन के देवता कुबेर का ये पसंदीदा पौधा, नहीं होगी कभी पैसों की कमी
कई लोगों के जीवन में लगातार आर्थिक दिक्कतें बनी रहती हैं, ऐसे में अगर आप अपने घर के गार्डन में कुबेर देव का ये प्रिय पौधा लगाएंगे, तो धन की कमी दूर हो जाएगी। आइए आपको बताते हैं कि कुबेर देवता के प्रिय पौधे का क्या नाम है और उसे घर की किस दिशा में लगाना चाहिए।
रायपुर, एनपीजी न्यूज। कई लोगों के जीवन में लगातार आर्थिक दिक्कतें बनी रहती हैं, ऐसे में अगर आप अपने घर के गार्डन में कुबेर देव का ये प्रिय पौधा लगाएंगे, तो धन की कमी दूर हो जाएगी। आइए आपको बताते हैं कि धन के देवता कुबेर के प्रिय पौधे का क्या नाम है और उसे घर की किस दिशा में लगाना चाहिए।
कुबेर देवता के प्रिय पौधे का नाम क्रासुला
कुबेर देवता के प्रिय पौधे का नाम क्रासुला (crassula) है। ये पौधा कम जगह में भी लग जाता है। क्रासुला को शुक्र ग्रह से जोड़कर देखा जाता है। शुक्र ग्रह ही धन, ऐश्वर्य, भौतिक सुखों और लग्जरी का कारक होता है। माना जाता है कि कुबेर देवता को यह पौधा काफी पंसद है और इस पौधे को लगाने से घर में कुबेर देवता की कृपा आती है।
शुक्र ग्रह को मजबूत करता है क्रासुला पौधा
क्रासुला पौधा कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करता है और धन लाभ में मदद करता है। इसे सही दिशा में लगाने से ही इसका सकारात्मक असर देखने को मिलता है।
धन लाभ के लिए- अगर आप धन लाभ चाहते हैं, तो आपको इस क्रासुला प्लांट को घर की उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। इस पौधे को लगाते समय ध्यान रखें कि ये अंधेरे में ना रहे और इसकी पत्तियां हमेशा साफ रहें। अगर घर में हमेशा धन की कमी बनी रहती है, तो उत्तर दिशा में इस पौधे को लगाने से आपको बहुत लाभ होगा।
नौकरी में प्रमोशन- अगर आपको अपनी जॉब में प्रमोशन चाहिए, तो क्रासुला के पौधे को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें। आप इसे ऑफिस में अपनी डेस्क पर भी रख सकते हैं।
व्यापार में तरक्की के लिए- बिजनेस में लाभ के लिए आपको इस पौधे को कैश काउंटर के ऊपर रखना चाहिए। इससे कुबेर देवता का आशीर्वाद बना रहता है। इसके अलावा ये आपके बिजनेस को बढ़ाने के योग बनाएगा।
घर में सुख-समृद्धि के लिए- आप इस पौधे को घर की बालकनी और छत पर रख सकते हैं। पौधे को जितनी धूप मिलती है, उतनी ही आपके घर में समृद्धि बनी रहती है।
ध्यान रखें
इस पौधे को घर के बंद हिस्सों, दरवाजों और बेड रूम में नहीं लगाएं। ऐसा करने से ये नकारात्मक ऊर्जा का कारण भी बन सकती है।