Krishna Janmashtami 2025: 16 अगस्त को कहां-कहां बंद रहेंगे स्कूल, कॉलेज और ऑफिस? देखें पूरी लिस्ट
Krishna Janmashtami 2025: अगस्त का महीना हर साल अपने साथ अलग ही रौनक लेकर आता है। इस बार तो जैसे खुशी और भक्ति का संगम ही बनने वाला है। स्वतंत्रता दिवस और कृष्ण जन्माष्टमी की तारीखें कुछ यूं जुड़ी हैं कि स्कूल-कॉलेज से लेकर सरकारी दफ्तरों तक में एक लंबा जश्न मनाने का मौका मिलेगा।

Krishna Janmashtami 2025
Krishna Janmashtami 2025: अगस्त का महीना हर साल अपने साथ अलग ही रौनक लेकर आता है। इस बार तो जैसे खुशी और भक्ति का संगम ही बनने वाला है। स्वतंत्रता दिवस और कृष्ण जन्माष्टमी की तारीखें कुछ यूं जुड़ी हैं कि स्कूल-कॉलेज से लेकर सरकारी दफ्तरों तक में एक लंबा जश्न मनाने का मौका मिलेगा।
कान्हा के आगमन की तैयारी-
16 अगस्त, शनिवार को पूरे देश में श्रद्धा और उमंग के साथ भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। मथुरा और वृंदावन में, जहां हर गली कान्हा के भजनों से गूंजेगी, घर-घर में दही-हांडी, झांकियां और रासलीला की तैयारियां ज़ोरों पर होंगी। रात 12 बजे के शुभ क्षण में मंदिरों में घंटियों की ध्वनि और ‘नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ के जयकारे माहौल को भक्ति में डुबो देंगे।
लॉन्ग वीकेंड का तोहफ़ा-
इस साल जन्माष्टमी का आनंद दोगुना हो गया है क्योंकि यह स्वतंत्रता दिवस के तुरंत बाद पड़ रही है। 15 अगस्त शुक्रवार को राष्ट्रीय अवकाश, 16 अगस्त शनिवार को जन्माष्टमी और 17 अगस्त रविवार की साप्ताहिक छुट्टी-यानी लगातार तीन दिन का अवकाश। छात्रों, पेरेंट्स और कर्मचारियों के लिए यह एक सुनहरा मौका है, जब वे परिवार संग त्योहार मना सकते हैं, कहीं घूमने जा सकते हैं या घर पर सुकून के पल बिता सकते हैं।
कहां-कहां रहेंगे स्कूल और दफ्तर बंद-
कई राज्यों और शहरों में इस दिन स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तर बंद रहेंगे। इनमें अहमदाबाद (गुजरात), आइजोल (मिजोरम), भोपाल (मध्य प्रदेश), चंडीगढ़, चेन्नई (तमिलनाडु), देहरादून (उत्तराखंड), गंगटोक (सिक्किम), हैदराबाद (तेलंगाना), जयपुर (राजस्थान), जम्मू (जम्मू-कश्मीर), कानपुर और लखनऊ (उत्तर प्रदेश), पटना (बिहार), रायपुर (छत्तीसगढ़), रांची (झारखंड), शिलांग (मेघालय) और विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) जैसे शहर शामिल हैं। कुछ जगहों पर बैंक भी बंद रहेंगे। चूंकि छुट्टियों का ऐलान स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकारों के स्तर पर किया जाता है, लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपने-अपने संस्थानों से छुट्टियों की जानकारी पहले से ले लें।
मथुरा-वृंदावन की जगमगाहट-
त्योहार का असली रंग मथुरा और वृंदावन में देखने को मिलेगा, जहां भगवान कृष्ण ने अपने बचपन और युवावस्था के अनगिनत लीलाएं कीं। गलियों में रंगीन झालरों और फूलों से सजे मंदिर, दही-हांडी की प्रतियोगिताएं, रासलीला के मंचन और हर ओर गूंजते भजन—ये नजारे श्रद्धालुओं को समय में पीछे ले जाते हैं। देशभर से आए पर्यटक यहां कृष्ण जन्म की आधी रात वाली आरती में शामिल होकर खुद को भाग्यशाली मानते हैं।
छुट्टियों के बाद की भागदौड़-
इस लंबे अवकाश के बाद सोमवार, 18 अगस्त को फिर से रोज़मर्रा की भागदौड़ शुरू होगी, लेकिन इन तीन दिनों में मिली भक्ति, उमंग और परिवार संग बिताए पलों की यादें लंबे समय तक दिल को सुकून देती रहेंगी।
