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Lord Krishna Chappan Bhog : कब बनाया था मां यशोदा ने कान्हा के लिए "छप्पन भोग" ... जानिए छप्पन भोग के पीछे मान्यता और क्या-क्या होता है शामिल

Krishna Chappan Bhog : भगवान के इस भोग को अन्नकूट भी कहा जाता है. कहा जाता है कि मुरलीधर को छप्पन भोग में ऐसे खाद्य पदार्थों का भोग लगाया जाता है जिन्हें वर्षाकाल में खाना निषेध माना जाता है

Lord Krishna Chappan Bhog :  कब बनाया था मां यशोदा ने कान्हा के लिए छप्पन भोग ... जानिए छप्पन भोग के पीछे मान्यता और क्या-क्या होता है शामिल
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By Meenu

Lord Krishna 56 Bhog : भगवान कृष्ण को छप्पन भोग (Chappan Bhog) लगाने की परंपरा रही है. छप्पन भोग को लेकर पुराणों में कई कथाएं प्रचलित हैं. एक कथा के अनुसार अन्नकूट (Annakut)की परंपरा देवराज इंद्र के घमंड से संबंधित है.भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन की पूजा किए जाने से देवराज इंद्र नाराज हो गए थे. बाद में जब उन्हें श्रीकृष्ण का साक्षात परमेश्वर होने का भान हुआ तो उन्होंने क्षमा याचना की. इस बीच 7 दिनों तक श्रीकृष्ण निराहार रहे थे.

श्रीकृष्ण शास्त्रोक्त मान्यता है कि माता यशोदा बाल गोपाल को दिन में 8 पहर भोजन करवाती थी अर्थात श्रीकृष्ण आठ प्रहर में 8 बार भोजन ग्रहण करते थे.

जब इन्द्र के क्रोध से भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाया था, उस समय वह लगातार 7 दिन तक अन्न-जल ग्रहण नहीं कर सके थे. इसके बाद माता यशोदा ने बालकृष्ण के लिए 56 भोग बनाए थे. 8वें दिन जब इंद्र ने श्रीकृष्ण से क्षमायाचना करते हुए वर्षा को रोका तो श्रीकृष्ण ने सभी ब्रजवासियों को गोवर्धन पर्वत की छत्रछाया से से बाहर आने का आदेश दिया.

उस वक्त मुरलीधर का 7 दिनों तक निराहार रहना ब्रजवासियों और माता यशोदा को अच्छा नहीं लगा. तब बालकृष्ण के लिए माता यशोदा ने ब्रजवासियों के साथ मिलकर 7 दिन और 8 पहर के हिसाब से 56 तरह के व्यंजन बनाकर श्रीकृष्ण को महाभोग लगाया था.

छप्पन भोग में शामिल व्यंजन




1.भक्त (भात)

2. सूप (दाल)

3. प्रलेह (चटनी)

4. अवलेह (शरबत)

5. बालका (बाटी)

6. इक्षु खेरिणी (मुरब्बा)

7. सदिका (कढ़ी)

8. दधिशाकजा (दही शाक की कढ़ी)

9. सिखरिणी (सिखरन)

10. त्रिकोण (शर्करा युक्त)

11. परिष्टश्च (पूरी)

12. शतपत्र (खजला)

13. सधिद्रक (घेवर)

14. बटक (बड़ा)

15. मधु शीर्षक (मठरी)

16. फेणिका (फेनी)

17. कर्पूरनाड़ी (लौंगपूरी)

18. चिल्डिका (चोला)

19. सुधाकुंडलिका (जलेबी)

20. धृतपूर (मेसू)

21. वायुपूर (रसगुल्ला)

22. चन्द्रकला (पगी हुई)

23. दधि (महारायता)

24. स्थूली (थूली)

25. चक्राम (मालपुआ)

26. खंड मंडल (खुरमा)

27. गोधूम (दलिया)

28. परिखा

29. सुफलाढय़ा (सौंफ युक्त)

30. दधिरूप (बिलसारू)

31. मोदक (लड्डू)

32. शाक (साग)

33. सौधान (अधानौ अचार)

34. मंडका (मोठ)

35. पायस (खीर)

36. दधि (दही)

37. गोघृत (गाय का घी)

38. हैयंगपीनम (मक्खन)

39. मंडूरी (मलाई)

40. कूपिका (रबड़ी)

41. पर्पट (पापड़)

42. शक्तिका (सीरा)

43. लसिका (लस्सी)

44. सुवत

45. संघाय (मोहन)

46. सुफला (सुपारी)

47. सिता (इलायची)

48. फल

49. तांबूल

50. मोहन भोग

51. लवण

52. कषाय

53. मधुर

54. तिक्त

55. कटु

56. अम्ल

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