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Kaal Bhairav Jayanti: कौन है काल भैरव, किस दिन होती है पूजा, जानिए इस का महत्व और चमत्कारी उपाय

Kaal Bhairav Jayanti: किस दिन होती है काल भैरव की पूजा , जानिए कैसे काल भैरव की जिस पर कृपा है जाए उसपर कभी कोई संकट नहीं आता, मन-तन-धन की समस्या भी खत्म हो जाती है।

Kaal Bhairav Jayanti: कौन है काल भैरव, किस दिन होती है पूजा, जानिए इस का महत्व और चमत्कारी उपाय
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By Shanti Suman

Kaal Bhairav Jayanti: हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इसे कालाष्टमी भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन काल भैरव का जन्म हुआ था। इसी के कारण इसे काल भैरव जयंती कहा जाता है। काल भैरव जयंती मंगलवार या रविवार के दिन मनाई जाती है, क्योंकि यह दिन इन्हीं को समर्पित होते हैं। काल भैरव जयंती को महाकाल भैरव जयंती या काल भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।

कहते हैं कि काल भैरव की जिस पर कृपा है जाए उसपर कभी कोई संकट नहीं आता, मन-तन-धन की समस्या भी खत्म हो जाती है। बाबा भैरवनाथ को प्रसन्न करने के लिए काल भैरव जयंती पर कुछ खास उपाय जरुर करें, ये भाग्य चमका सकते हैं।

काल भैरव जयंती 2023 मुहूर्त

मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी तिथि शुरू - 4 दिसंबर 2023, रात 09 बजकर 59

मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी तिथि समाप्त - 6 दिसंबर 2023, प्रात: 12 बजकर 37

पूजा का समय - सुबह 10.53 - दोपहर 01.29

निशिता काल मुहूर्त - 5 दिसंबर, रात 11.44 - देर रात 12.39, 6 दिसंबर

काल भैरव जयंती पर करें ये उपाय

काल भैरव जयंती पर पांच या सात नींबू की माला बनाकर काल भैरव को चढ़ानी चाहिए। मान्यता है इस उपाय से हर शत्रु बाधा का नाश होता है। नौकरी या व्यापार में तरक्की के आड़े आ रहे विरोधी भी शांत रहते हैं. घर से नकारात्मकता दूर होती है।

काल भैरव जयंती पर काले कुत्ते को मीठी रोटी और गुड़ के पुए खिलाएं। धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए ये उपाय कारगर है। संपत्ति के साथ सफलता मिलने के योग बनते हैं।

काल भैरव जयंती पर जरुरतमंदों और असहाय लोगों को गेंहूं, गर्म कपड़े, कंबल का दान करें। रोगों को खत्म करने में ये उपाय मदद करता है,

इस दिन भैरवनाथ के मंदिर में जाकर सुबह के समय कालभैरवाष्टक का पाठ करें। मान्यता है इससे बुरी शक्तियां आसपास भी नहीं भटकती. शनि, राहु-केतु जनित दोष का निवारण होता है।

काल भैरव जयंती का महत्व

, काल भैरव को भगवान शिव का रौद्र रूप माना जाता है। इसलिए इनकी जयंती के दिन विधिवत पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में खुशियां ही खुशियां बनी रहती हैं। इसके साथ ही हर तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। माना जाता है कि अगर जातक के ऊपर काल भैरव जी प्रसन्न हो जाएंगे, तो वह नकारात्मक शक्तियों के अलावा ऊपर बाधा और भूत-प्रेत की जैसी समस्याएं नहीं होती है कालभैरव जयंती पर किए जाने वाले महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में से एक है कालभैरव कथा का पाठ या भगवान कालभैरव की उत्पत्ति और महत्व की कथा। इस दिन भक्त दिन भर का उपवास रखते हैं और आधी रात की पूजा के बाद ही इसे तोड़ते हैं, जो भगवान कालभैरव के जन्म क्षण का स्वागत करने के लिए किया जाता है।

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