Janmashtami 2025: जन्माष्टमी के दिन कैसे कपड़े पहने चाहिए? फटाफट नोट कर एक-एक डिटेल
Janmashtami 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर साल भक्ति, उत्साह और श्रद्धा से मनाया जाता है. यह दिन भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है. भक्त उपवास करते हैं, भजन गाते हैं और रात 12 बजे कान्हा के जन्म का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन कुछ खास रंगों के कपड़े पहन कर पूजा करने से श्री कृष्ण की कृपा जल्दी मिलती है.

Janmashtami 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी(Janmashtami 2025) का पर्व हर साल भक्ति, उत्साह और श्रद्धा से मनाया जाता है. यह दिन भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है. भक्त उपवास करते हैं, भजन गाते हैं और रात 12 बजे कान्हा के जन्म का उत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन कुछ खास रंगों के कपड़े पहन कर पूजा करने से श्री कृष्ण की कृपा जल्दी मिलती है.
जन्माष्टमी (Janmashtami 2025) पर लोग घर तो सजाते ही हैं, लेकिन खुद भी खास कपड़े पहनते हैं. माना जाता है कि यदि इस दिन भगवान को पसंद आने वाले रंगों के कपड़े पहने जाएं, तो भगवान की कृपा जल्दी प्राप्त होती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.
जन्माष्टमी पर कौन से रंग पहनना शुभ माना जाता है और क्यों (Janmashtami Par Kaise Kapde Pahne)
1. पीला रंग
श्रीकृष्ण को पीले वस्त्र बहुत पसंद हैं. इस रंग को खुशहाली और शुभ कामों का प्रतीक माना जाता है. जन्माष्टमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने से सकारात्मक सोच और शांति बनी रहती है.
2. नीला रंग
कृष्ण जी के रंग को देखकर उन्हें श्याम कहा जाता है. नीला रंग उन्हीं की तरह गहरा और शांत होता है. नीले कपड़े पहनकर पूजा करने से मन में स्थिरता आती है और तनाव दूर होता है.
3. मोरपंख जैसा रंग
भगवान श्रीकृष्ण के मुकुट में मोरपंख होता है. मोरपंख के रंग जैसे कपड़े इस दिन पहनना सुंदरता और भक्ति दोनों को दर्शाता है. यह रंग पहनने से मन भगवान की ओर और ज्यादा आकर्षित होता है.
4. गुलाबी और लाल रंग
गुलाबी रंग को कोमलता और स्नेह का प्रतीक माना जाता है, जबकि लाल रंग में जोश और ताकत होती है. इन रंगों को जन्माष्टमी जैसे खास मौके पर पहनना शुभ फल देता है.
5. हरा रंग
हरा रंग जीवन की ताजगी और बढ़ोतरी को दर्शाता है. इस दिन हरे कपड़े पहनने से मन तरोताजा रहता है और जीवन में संतुलन बना रहता है.
इस दिन घर में झूला सजाएं, लड्डू गोपाल को पालने में झुलाएं, भजन-कीर्तन करें और रात 12 बजे विशेष पूजा करें. अगर हो सके तो पूरे परिवार के साथ भगवान के प्रिय रंगों के कपड़े पहनकर पूजा करें. इससे माहौल भक्तिमय भी होगा और आपको विशेष आध्यात्मिक लाभ भी मिलेगा.
