Begin typing your search above and press return to search.

Hindu Naya Saal 2081:गुड़ी पड़वा कब है शुभ मुहूर्त ?कैसे मनाया जाता है और क्या खाया जाता है

Hindu Naya Saal 2081: इस दिन को धार्मिक और सामाजिक महत्व के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार आनंद और उत्साह का प्रतीक है जो लोगों को एक साथ लाता है और समृद्धि और खुशियों की कामना करता है।

Hindu Naya Saal 2081:गुड़ी पड़वा कब है शुभ मुहूर्त ?कैसे मनाया जाता है और क्या खाया जाता है
X
By Shanti Suman

Hindu Naya Saal 2081:गुड़ी पड़वा, हिन्दू धर्म के एक प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न हिस्सों में उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन, लोग अपने घरों को सजाते हैं और उन्हें रंग-बिरंगी गुड़ियां (चिल्लरे) और फूलों से सजाते हैं। उन्हें घर की ऊँचाई पर लगाया जाता है, जिसे 'गुड़ी' कहा जाता है। यह एक परंपरागत प्रथा है जिसमें लोग खुशी और उत्साह के साथ इसे मनाते हैं।गुड़ी पड़वा के दिन लोग पूजा-पाठ करते हैं और भगवान राम की आराधना करते हैं। इस दिन को धार्मिक और सामाजिक महत्व के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार आनंद और उत्साह का प्रतीक है जो लोगों को एक साथ लाता है और समृद्धि और खुशियों की कामना करता है।

हिंदू नववर्ष प्रारंभ चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि से होता है इस दिन को नव संवत्सर, गुड़ी पड़वा, उगादि, विक्रम संवत, युगादि, वरेह, चेटीचंड, विशु, वैशाखी, चित्रैय तिरुविजा, सजिबु नोंगमा पानबा, मेइतेई चेइराओबा आदि के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह 09 अप्रैल 2024 मंगलवार के दिन से शुरू होगा। इस दिन अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शश राजयोग का संयोग बन रहा है तथा रेवती और अश्विनी नक्षत्र भी संयोग बन रहा है। इस दिन चंद्रमा गुरु की राशि मीन में होंगे और शनि देव स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश राजयोग का भी निर्माण होगा। इस वर्ष का राजा मंगल और मंत्री शनि महाराज है।

गुड़ी पड़वा कब है शुभ मुहूर्त ?

09 अप्रैल 2024 मंगलवार के शुभ समय मुहूर्त की बात करें तो इस दिन ब्रह्म मुहूर्त प्रातः 03.56 से प्रातः 04.44 तक और प्रातः संध्या - 04.20 से प्रातः 05.32 तक। अभिजीत मुहूर्त- 11.06 पूर्वाह्न से 11.54 पूर्वाह्न तक। विजय मुहूर्त - 01.30 अपराह्न से 02.17 अपराह्न तक।

कैसे मनाया जाता है गुड़ी पड़वा

इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर घर की साफ सफाई करने के बाद घर को तोरण, मांडना या रंगोली, ताजे फूल आदि से सजाया जाता है। इस दिन गांवों में लोग अपने घरों को गोबर से लिपते है। इसके बाद लोग प्रातः जल्दी उठकर शरीर पर तेल लगाने के बाद ही स्नान करते हैं। मराठी समाज में गुड़ी को बनाकर उसकी पूजा करके घर के द्वारा पर ऊंचे स्थान पर उसे स्थापित करते हैं। गुड़ी पड़वा दो शब्दों से मिलकर बना होता है। जिसमें गुड़ी का अर्थ होता हैं विजय पताका और पड़वा का मतलब होता है प्रतिपदा। सभी समाज के लोग धर्म ध्वजा को मकान के उपर लहराते हैं। हिन्दू अपने घरों पर भगवा ध्वज लहराकर उसकी पूजा करते हैं।

गुड़ी पड़वा पर क्या खाते है

इस दिन कड़वे नीम का सेवन आरोग्य के लिए अच्छा माना जाता है। मीठे नीम की पत्तियां प्रसाद के तौर पर खाकर इस त्योहार को मनाने की शुरुआत करते हैं। नीम की पत्तियों, गुड़ और इमली की चटनी बनायी जाती है। इसका स्वाद यह भी दर्शाता है कि चटनी की ही तरह जीवन भी खट्टा-मीठा होता है। इसके साथ ही इस दिन श्रीखंड का सेवन करके ही दिन की शुरुआत करते हैं। इससे संपूर्ण वर्ष अच्छा रहता है।

इस दिन सभी लोग पारंपरिक व्यंजन तैयार करते हैं जैसे पूरन पोली, पुरी और श्रीखंड, खीर, मीठे चावल जिन्हें लोकप्रिय रूप से सक्कर भात कहा जाता है। गुड़ी पड़वा पर श्रीखण्ड, पूरन पोळी, आदि पकवान बनाए जाते हैं।

Next Story