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Hariyali Teej Festival 2024 : ऑफिस से लेकर घर तक सज-धजकर महिलाओं ने मनाई "हरियाली तीज"

Hariyali Teej Festival 2024 in Raipur : कामकाजी महिलाओं ने सारा दिन ऑफिस में सज-धजकर इस त्योहार को अनोखे अंदाज में मनाया, वहीं घर में भी महिलाओं ने पारंपरिक रीति रिवाज से इस व्रत को संपन्न किया।

Hariyali Teej Festival 2024 : ऑफिस से लेकर घर तक सज-धजकर महिलाओं ने मनाई हरियाली तीज
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By Meenu

Hariyali Teej Festival 2024 in Raipur : हर साल की तरह इस साल भी शहर में माहेश्वरी समाज की महिलाओं द्वारा तीज का त्योहार धूमधाम से मनाया गया.

जहां कामकाजी महिलाओं ने सारा दिन ऑफिस में सज-धजकर इस त्योहार को अनोखे अंदाज में मनाया, वहीं घर में भी महिलाओं ने पारंपरिक रीति रिवाज से इस व्रत को संपन्न किया।

ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती मिले थे। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण शुक्‍ल पक्ष की तृतीया तिथि को तीज का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में कई महिलाएं उपवास रखकर भगवान शिव की आराधना करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अगर आप उपवास न रख पाएं जो सात्विक आहार ही लेना चहिए।

हरियाली तीज वैसे तो पूरे भारत में ही मनाई जाती है मगर हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुरु और ब्रज अंचल में यह विशेष रूप से मनाई जाती है।


शादीशुदा महिलाओं के लिए बेहद खास



एक निजी ऑफिस की इंजीनियर व कर्मचारी महिलाएं रानी, प्राची, हेमलता, माया, मौसमी, दिव्या, रीता ने बताया की यह दिन शादीशुदा महिलाएं बेहद खास तरीके से मनाती हैं। इस दिन वह सुंदर कपड़ों के साथ हरी चूडि़यां पहनती हैं। मेहंदी लगाना भी शुभ माना जाता है।

उपवास रखकर शिव-पार्वती का पूजन




माहेश्वरी समाज की कविता राठी ने बताया की हरियाली तीज का अपने आप में एक विशेष महत्व है। सभी लोग इसे अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। ऐसे में कई लोग इस दिन उपवास रखकर शिव-पार्वती का पूजन करते हैं, तो कहीं महिलाएं इस दिन कई तरह का आयोजन करती हैं। ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन जो महिलाएं उपवास रखती हैं उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। हिंदू धर्म में हरियाली तीज भक्ति और उत्साह के साथ मनाई जाती है।

मेहंदी, हरी चूड़ियां और सोलह श्रृंगार



अवनी अवेन्यु की निवासी दिव्या के अनुसार यह पर्व देश के ज्यादातर राज्यों में खास तरह से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने हाथों में मेहंदी लगाती हैं, हरी चूड़ियां पहनती हैं, और हरे रंग के कपड़ों के साथ सोलह श्रृंगार करती हैं। इस दिन झूले झूलने का भी विशेष महत्व है। गांवों में यह पर्व पूरे जोश के साथ मनाया जाता है। विशेष रूप से हरियाणा और उत्तर प्रदेश की बात करें, तो यहां मायके वाले अपनी बेटी के घर में सावन का सिंधारा भेजते हैं। वहीं सास अपनी बहुओं को इस दिन विशेष तरह का उपहार देती हैं।

हरियाली तीज की कहानी

हरियाली तीज के पीछे की कहानी के बारे में कहा जाता है कि इस दिन माता पार्वती सैकड़ों वर्षों की तपस्या के बाद भगवान शिव से मिली थीं, इसलिए इस दिन महिलाएं उपवास रखकर अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना करती हैं। कई जगहों पर कुंवारी कन्या भी इस दिन उपवास रखती हैं, ताकि वह योग्य वर की पा सकें।

खास तरह के बनाए जाते हैं पकवान

इस दिन घरों में खास तरह के पकवान बनाए जाते हैं, इसमें खीर और मालपुआ जैसी मिठाइयां शामिल हैं। एक खास तरह की मिठाई ‘घेवर’ विशेष रूप से तीज के पर्व पर ही बनाई जाती है।

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