Hanuman Ji Ke Bhajan Lyrics: कीजो केसरी के लाल, हे दुःख भन्जन, सब कुछ हनुमान तुम्ही से है... समेत सुनिए हनुमान जी के टॉप 10 सुपरहिट भजन
Hanuman Ji Ke Bhajan: Hanuman Bhajan Lyrics In Hindi: कुछ भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भजन कीर्तन(Hanuman Ji Ke Bhajan) भी करते हैं. हनुमान जी के भजन गाने या सुनने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं. तो आइए जानते हैं हनुमान जी के कुछ प्रसिद्ध टॉप 10 भजन(Top 10 Hanuman Bhajan)...

Hanuman Ji Ke Bhajan: Hanuman Bhajan Lyrics In Hindi: प्रभु श्रीराम के परम भक्त और सभी संकटों को दूर करने हनुमान जी की कृपा कौन नहीं पाना चाहता है. उनकी कृपा जिसे मिल जाए उसकी साडी समस्या दूर हो जाती है. उनके डर से भूत प्रेत भी कांपते हैं. उनकी भक्ति करने वालों से बुरी बला हमेशा दूर रहती है. इसलिए तो इन्हे संकटमोचन भी कहा जाता है. हनुमान जी सभी संकटों को दूर करने वाले और हर परेशानी को हरने वाले देवता हैं.
इतना ही नहीं पुराणिक कथा के अनुसार हनुमान जी इतने दयालु हैं कि अपने शत्रुओं पर भी दया कर देते हैं. पौराणिक कहानियों में इस बात का उल्लेख भी मिलता है कि हिन्दू धर्म में केवल हनुमान जी एक ऐसे देवता हैं जो आज भी कलयुग में धरती पर वास करते हैं. इसका उल्लेख कल्कि पुराण और विष्णु पुराण में भी है. हनुमान जी ने गंधमादन पर्वत पर हैं. हनुमान जी आज भी धरती पर रहकर अपने भक्तों की रक्षा करते हैं.
भक्त भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए विधिवत पूजा करते हैं. व्रत रखते हैं. उन्हें उनकी पसंद भोग चढ़ाते हैं. हनुमान जी की पूजा करने के साथ श्री हनुमान चालीसा(Shree Hanuman Chalisa Lyrics), बजरंग बाण(Bajarang Baan Lyrics) और संकटमोचन हनुमान अष्टक(Sankatmochan Hanuman Ashtak Lyrics) का पाठ करते हैं. कुछ भक्त हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए भजन कीर्तन(Hanuman Ji Ke Bhajan) भी करते हैं. हनुमान जी के भजन गाने या सुनने से हनुमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं. तो आइए जानते हैं हनुमान जी के कुछ प्रसिद्ध टॉप 10 भजन(Top 10 Hanuman Bhajan)...
श्री हनुमान चालीसा(Shree Hanuman Chalisa Lyrics)
दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज , निजमन मुकुरु सुधारि। बरनउं रघुबर बिमल जसु, जो दायक फल चारि।।
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुधि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुं लोक उजागर।।राम दूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।
कंचन बरन बिराज सुबेसा।
कानन कुण्डल कुँचित केसा।।
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजे।
कांधे मूंज जनेउ साजे।।
शंकर सुवन केसरी नंदन।
तेज प्रताप महा जग वंदन।।
बिद्यावान गुनी अति चातुर।
राम काज करिबे को आतुर।।
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया।
राम लखन सीता मन बसिया।।
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा।
बिकट रूप धरि लंक जरावा।।
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचन्द्र के काज संवारे।।
लाय सजीवन लखन जियाये।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये।।
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई।।
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं।।
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा।
नारद सारद सहित अहीसा।।
जम कुबेर दिगपाल जहां ते।
कबि कोबिद कहि सके कहां ते।।
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा।
राम मिलाय राज पद दीन्हा।।
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना।
लंकेश्वर भए सब जग जाना।।
जुग सहस्र जोजन पर भानु।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।।
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं।
जलधि लांघि गये अचरज नाहीं।।
दुर्गम काज जगत के जेते।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते।।
राम दुआरे तुम रखवारे।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे।।
सब सुख लहै तुम्हारी सरना।
तुम रच्छक काहू को डर ना।।
आपन तेज सम्हारो आपै।
तीनों लोक हांक तें कांपै।।
भूत पिसाच निकट नहिं आवै।
महाबीर जब नाम सुनावै।।
नासै रोग हरे सब पीरा।
जपत निरन्तर हनुमत बीरा।।
संकट तें हनुमान छुड़ावै।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
सब पर राम तपस्वी राजा।
तिन के काज सकल तुम साजा।।
और मनोरथ जो कोई लावै।
सोई अमित जीवन फल पावै।।
चारों जुग परताप तुम्हारा।
है परसिद्ध जगत उजियारा।।
साधु संत के तुम रखवारे।।
असुर निकन्दन राम दुलारे।।
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।
राम रसायन तुम्हरे पासा।
सदा रहो रघुपति के दासा।।
तुह्मरे भजन राम को पावै।
जनम जनम के दुख बिसरावै।।
अंत काल रघुबर पुर जाई।
जहां जन्म हरिभक्त कहाई।।
और देवता चित्त न धरई।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।।
सङ्कट कटै मिटै सब पीरा।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा।।
जय जय जय हनुमान गोसाईं।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं।।
जो सत बार पाठ कर कोई।
छूटहि बन्दि महा सुख होई।।
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा।
होय सिद्धि साखी गौरीसा।।
तुलसीदास सदा हरि चेरा।
कीजै नाथ हृदय महं डेरा।।
कीजो केसरी के लाल (Duniya Chale Na Shri Ram Ke Bina Lyrics)
कीजो केसरी के लाल मेरा छोटा सा यह काम,
मेरी राम जी से कह देना जय सियाराम,
मैं राम संग जपता तुम्हारा सदा नाम,
अपने राम जी से कह देना जय सिया राम
दीन हीन के सहारे महावीर तुम हो,
अपने भक्तो की जगाते तकदीर तुम हो,
हर दुखिया का हाथ तुम लेते हो थाम,
मेरी राम जी से कह देना जय सियाराम
महाबली महायोद्धा महासंत तुम हो,
लाते सूखे हुए बागो में बसंत में तुम हो,
तेरी भक्ति से आत्मा को मिलता आराम,
मेरी राम जी से कह देना जय सियाराम
पूरी सदा ही हमारी हर आस करना,
बाबा भक्तो को कभी ना निराश करना,
दोनों चरण तुम्हारे हैं ‘लख्खा’ के सुखदाम,
मेरी राम जी से कह देना जय सियाराम
दुनिया चले न श्री राम के बिना(Duniya Chale Na Shri Ram Ke Bina Lyrics)
दुनिया चले न श्री राम के बिना
राम जी चले न हनुमान के बिना।
जबसे रामायण पड़ ली है, एक बात मैंने समझ ली है
रावन मरे न श्री राम के बिना, लंका जले न हनुमान के बिना
दुनिया चले न श्री राम के बिना
राम जी चले न हनुमान के बिना।
लक्षमण का बचना मुश्किल था, कौन बूटी लाने के काबिल था
लक्षमण बचे न श्री राम के बिना, बूटी मिले न हनुमान के बिना
दुनिया चले न श्री राम के बिना
राम जी चले न हनुमान के बिना।
सीता हरण की कहानी सुनो, बनवारी मेरी भी कहानी सुनो
सीता मिले न श्री राम के बिना, पता चले न हनुमान के बिना
दुनिया चले न श्री राम के बिना
राम जी चले न हनुमान के बिना।
बेठे सिंघासन पर श्री राम जी, चरणों में बैठे हनुमान जी
मुक्ति मिले न श्री राम के बिना, भक्ति मिले न हनुमान के बिना
दुनिया चले न श्री राम के बिना
राम जी चले न हनुमान के बिना।
हे दुःख भन्जन मारुती नंदन (Hey Dukh Bhanjan Maruti Nandan Lyrics)
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन, सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन, सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥
अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता, दुखिओं के तुम भाग्यविधाता।
सियाराम के काज सवारे, मेरा करो उद्धार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार॥
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन, सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार॥
अपरम्पार है शक्ति तुम्हारी, तुम पर रीझे अवधबिहारी ।
भक्तिभाव से ध्याऊं तोहे, कर दुखों से पार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार ।
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन, सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥
जपूं निरंतर नाम तिहरा, अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा ।
रामभक्त मोहे शरण मे लीजे, भाव सागर से तार ॥
पवनसुत विनती बारम्बार ॥
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन, सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन, सुन लो मेरी पुकार ।
पवनसुत विनती बारम्बार ॥
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं(Sankat Harne Wale Ko Hanuman Kehte Hain Lyrics)
दुनिया रचने वाले को भगवान कहते हैं,
और संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं ।
हो जाते है जिसके अपने पराये,
हनुमान उसको कंठ लगाये ।
जब रूठ जाये संसार सारा,
बजरंगबली तब देते सहारा ।
अपने भक्तो का बजरंगी मान करते है,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं ॥
दुनिया में काम कोई ऐसा नहीं है,
हनुमान के जो बस में नहीं है ।
जो चीज मांगो, पल में मिलेगी,
झोली ये खाली खुशियों से भरेगी ।
सच्चे मन से जो भी इनका ध्यान करते हैं,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं ॥
कट जाये संकट इनकी शरण में,
बैठ के देखो बजरंग के चरण में ।
‘लख्खा’ की बातों को झूठ मत मानो,
फिर ना फंसोगे जीवन मरण में ।
इनके सीने में हरदम सिया राम रहते है,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं ॥
और देवता चित्त ना धरही,
हनुमंत से सर्व सुख करही ।
संकट कटे मिटे सब पीरा,
जो सुमिरै हनुमत बल बीरा ।
दुनिया रचने वाले को भगवान कहते हैं,
संकट हरने वाले को हनुमान कहते हैं ।
संकटमोचन हनुमान अष्टक(Sankatmochan Hanuman Ashtak Lyrics)
बाल समय रवि भक्ष लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों।
ताहि सों त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो।
देवन आनि करी बिनती तब, छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो।
चौंकि महामुनि साप दियो तब, चाहिए कौन बिचार बिचारो।
कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के सोक निवारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीस यह बैन उचारो।
जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहां पगु धारो।
हेरी थके तट सिन्धु सबे तब, लाए सिया-सुधि प्राण उबारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
रावण त्रास दई सिय को सब, राक्षसी सों कही सोक निवारो।
ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाए महा रजनीचर मरो।
चाहत सीय असोक सों आगि सु, दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
बान लाग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सूत रावन मारो।
लै गृह बैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सु बीर उपारो।
आनि सजीवन हाथ दिए तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
रावन जुध अजान कियो तब, नाग कि फांस सबै सिर डारो।
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो।
आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
बंधू समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो।
देबिन्हीं पूजि भलि विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मंत्र विचारो।
जाये सहाए भयो तब ही, अहिरावन सैन्य समेत संहारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
काज किए बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो।
कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसे नहिं जात है टारो।
बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होए हमारो।
को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो।
सब कुछ हनुमान तुम्ही से है (Sub Kuch Hanuman Tumhi Se Hai Lyrics)
जितना दिया हनुमान ने मुझको जितना दिया हनुमान ने मुझको,
उतनी मेरी औकात नही ये है कृपा मेरे बाबा की, मुझमें ऐसी कोई बात नही
जा तू भी वही जा जा, जिस दर पर सबकी बिगड़ी बनती है देख तेरी तकदीर बनाना,
उनके लिए बड़ी बात नही उनके लिए बड़ी बात नही ।।
जब मौज पे आई वो लहरे, कतरे को समंदर कर डाला ये उनकी रीत पुरानी है,
ये उनकी रीत पुरानी है खाली देखा उसे भर डाला ।।
ये चमक ये दमक, फुलवन मैं महक, सबकुछ हनुमान तुम्ही से है इठलाके पवन चूमे सय्या के चरण,
बगियन मा बाहर तुम्ही से है बगियन मा बाहर तुम्ही से है ।।
मेरे सुख दुख की रखते हो खबर, मेरे सर पर साया तुम्हारा है मेरी नैया के खेवन हार तुम्ही,
मेरा बेड़ा पार तुम्ही से है सब कुछ हनुमान तुम्ही से है ।।
में तो भूल गई कुछ भी कहना, तोहरी प्रीत मै रोवत है नैना रग रग में बसी प्रीत तोर,
अखियन में खुमार तुम्ही से है सब कुछ हनुमान तुम्ही से है ।।
मेरा दिल लेलो मेरी जान ले लो, मेरा तन ले लो मेरा मन ले लो मेरे इश्क को निशबत है तुमसे,
जीवन श्रंगार तुम्ही से है सब कुछ हनुमान तुम्ही से है ।।
मैं तो भूल गई सब सुख चैना, मोरे जबसे लड़े तुम संग नैना मेरी नस नस मैं है प्रीत तोरी,
मेरा सब आधार तुम्ही से है सब कुछ हनुमान तुम्ही से है ।।
मेरा कोई नही है दुनिया मैं,
मेरा तोल करार तुम्ही से है मैं कहा जाकर सौदा बेचू,
मेरा सब व्यापार तुम्ही से है सब कुछ हनुमान तुम्ही से है.
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में(Shri Ram Janki Bethe Hai Mere Sine Main Lyrics)
नहीं चलाओ बाण व्यंग के ऐह विभीषण
ताना ना सेह पाऊं, क्यों तोड़ी है यह माला,
तुझे ए लंकापति बतलाऊं
मुझ में भी है तुझ में भी है, सब में है समझाऊं
ऐ लंका पति विभीषण ले देख मैं तुझ को आज दिखाऊं
- जय श्री राम -
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में,
देख लो मेरे मन के नागिनें में।
मुझ को कीर्ति न वैभव न यश चाहिए,
राम के नाम का मुझ को रस चाहिए।
सुख मिले ऐसे अमृत को पीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में॥
अनमोल कोई भी चीज मेरे काम की नहीं
दिखती अगर उसमे छवि सिया राम की नहीं
राम रसिया हूँ मैं, राम सुमिरन करू,
सिया राम का सदा ही मै चिंतन करू।
सच्चा आंनंद है ऐसे जीने में श्री राम,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में॥
फाड़ सीना हैं सब को यह दिखला दिया,
भक्ति में हैं मस्ती बेधड़क दिखला दिया।
कोई मस्ती ना सागर मीने में,
श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में॥
हनुमान तुम्हारा क्या कहना (Hanuman Tumhara Kya Kehna Lyrics)
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही
हनुमान तुम्हारा क्या कहना
तेरी भक्ति का क्या कहना
तेरी शक्ति का क्या कहना
सीता खोज करी तुमने
सात समुंदर पार गये
लंका को किया शमशान प्रभु
बलवान तुम्हारा क्या कहना
तेरी भक्ति का क्या कहना
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही
हनुमान तुम्हारा क्या कहना
जब लक्षमणजी को शक्ति लगी
तुम धौलागिर पर्वत लाये
लक्ष्मण को बचाए आ करके
तब प्राण तुम्हारा क्या कहना
तेरी भक्ति का क्या कहना
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही
हनुमान तुम्हारा क्या कहना
तुम भक्त शिरोमणि हो जग में
तुम वीर शिरोमणि हो जग में
तेरे रोम रोम में बसते है
सियाराम तुम्हारा क्या कहना
तेरी भक्ति का क्या कहना
कलयुग में सिद्ध हो देव तुम्ही
हनुमान तुम्हारा क्या कहना
तेरी भक्ति का क्या कहना
तेरी शक्ति का क्या कहना
खुश होंगे हनुमान, राम राम किए जा(Khush Honge Hanuman Ram Ram Kiye Jaa Lyrics)
सुबह शाम आठो याम, यहीं नाम लिए जा,
खुश होंगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
लिखा था राम नाम वो, पत्थर भी तर गए
किए राम से जो बैर, जीते जी वो मर गए
बस नाम का रसपान, ए इंसान किए जा
खुश होगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
राम नाम की धुन पे नाचे, हो कर के मतवाला
बजरंगी सा इस दुनिया में, कोई ना देखा भाला,
जो भी हनुमत के दर पे आता, उसका संकट टाला,
मुख में राम, तन में राम, जपे राम राम की माला ॥
जहाँ राम का कीर्तन, वही हनुमान जति हो,
गोदी मे गणपति को लें, शिव पार्वती हो,
सियाराम की कृपा से, सौ साल जिए जा,
खुश होगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
जिसपे दया श्री राम की, बांका ना बाल हो,
उसका सहाई ‘लक्खा’, अंजनी का लाल हो
‘राजपाल’ तू हर हाल में, जयकार किए जा,
खुश होगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
सुबह शाम आठो याम, यहीं नाम लिए जा,
खुश होंगे हनुमान, राम राम किए जा ॥
