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Guru poornima 2024 : कौन और किसे कहते हैं गुरु ? आइए जानें गुरु की महिमा और गुरु पूर्णिमा का मुहूर्त, पूजा विधि

वास्तव मेँ गुरु की महिमा का पूरा वर्णन कोई कर सकता ही नहीँ । गुरु की महिमा भगवान से भी अधिक है । इसलिये शास्त्रोँ मेँ गुरु की बहुत महिमा आयी है ।

Guru poornima 2024 : कौन और किसे कहते हैं गुरु ? आइए जानें गुरु की महिमा और गुरु पूर्णिमा का मुहूर्त, पूजा विधि
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By Meenu

Guru Purnima 2024 : हिंदू धर्म में गुरु को भगवान के समान माना गया है और भगवान रूपी गुरु की पूजा और उनका सम्मान करने के लिए गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है. जो हर साल आषाढ़ माह (Ashad Maas) के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है, इस बार गुरु पूर्णिमा का पावन त्योहार रविवार, 21 जुलाई 2024 को मनाया जाएगा.

वास्तव मेँ गुरु की महिमा का पूरा वर्णन कोई कर सकता ही नहीँ । गुरु की महिमा भगवान से भी अधिक है । इसलिये शास्त्रोँ मेँ गुरु की बहुत महिमा आयी है । परंतु वह महिमा सच्चाई की है, दम्भ-पाखण्ड की नहीँ । आजकल भारत में सांसारिक अथवा पारमार्थिक ज्ञान देने वाले व्यक्ति को गुरु कहा जाता है।

इनकी पांच श्रेणिया हैं। शिक्षक - जो स्कूलों में शिक्षा देता है। आचार्य - जो अपने आचरण से शिक्षा देता है। कुलगुरु - जो वर्णाश्रम धर्म के अनुसार संस्कार ज्ञान देता है। .दीक्षा गुरु - जो परम्परा का अनुसरण करते हुए अपने गुरु के आदेश पर आध्यात्मिक उन्नति के लिए मंत्र दीक्षा देते हैं।

गुरु -वास्तव में यह शब्द समर्थ गुरु अथवा परम गुरु के लिए आया है। गुरु का अर्थ है भारी. ज्ञान सभी से भारी है अर्थात महान है अतः पूर्ण ज्ञानी चेतन्य रूप पुरुष के लिए गुरु शब्द प्रयुक्त होता है, उसकी ही स्तुति की जाती है।



इस दिन गुरुओं का आशीर्वाद लेने के अलावा स्नान, दान आदि का भी विशेष महत्व होता है. कहते हैं कि गुरु (Guru) की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है और दुख और कष्ट का नाश होता है, तो चलिए हम आपको बताते हैं गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन आपको किस तरह से पूजा अर्चना करनी चाहिए.

किस दिन मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा

हिंदू पंचांग के अनुसार, गुरु पूर्णिमा का पावन त्योहार आषाढ़ माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाएगा. जिसकी शुरुआत 20 जुलाई को शाम 5:59 से होगी और इसका समापन 21 जुलाई को दोपहर 3:46 पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार 21 जुलाई को ही गुरु पूर्णिमा का पावन त्योहार मनाया जाएगा.

इस तरह करें गुरु पूर्णिमा पर पूजा



गुरु पूर्णिमा के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें, स्वच्छ या नए कपड़े पहने. दिन की शुरुआत भगवान के ध्यान से करें. सूर्य देव को जल अर्पित करें, इसके बाद पूजा स्थल पर बैठकर भगवान विष्णु और वेदव्यास जी की प्रतिमा स्थापित करें, इस पर फूल, धूप, दीप, अक्षत, हल्दी आदि चीजें अर्पित करें. घी का दीया जलाकर आरती करें और सच्चे मन से गुरु चालीसा और गुरु कवच का पाठ करें. गुरु पूर्णिमा के दिन आप फल, मिठाई, खीर आदि चीजों का भोग लगा सकते हैं. इसके बाद आप अपनी बुद्धि और विद्या के विकास के लिए अपनी पढ़ाई में इस्तेमाल होने वाली कॉपी किताब की पूजा करें और इस दिन गरीबों को अन्न, धन, वस्त्र या पढ़ाई से संबंधित चीजें देना बहुत शुभ माना जाता है.

गुरु पूर्णिमा पर करें इस मंत्र का जाप

गुरु पूर्णिमा पर अपने गुरु का आशीर्वाद पाने के लिए आप उनके चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लें, इसके बाद 108 तुलसी या रुद्राक्ष की माला पर गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरुर्देवो महेश्वरः, गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः मंत्र का जाप करें.

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