डेस्क I गोवर्धन पूजा कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाई जाती है. हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। लेकिन इस साल ऐसा नहीं होगा. दरअसल साल का दूसरा व आखिरी सूर्यग्रहण दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को लगने के कारण दिवाली और गोवर्धन पूजा में एक दिन का अंतर आ रहा है. इस साल गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर 2022, बुधवार को होगी. इस दिन ही भाईदूज का त्योहार मनाया जाएगा. गोवर्धन पूजा को देश के कुछ हिस्सों में अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस पावन दिन भगवान श्री कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा- अर्चना की जाती है. गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण को 56 या 108 तरह के पकवानों का भोग भी लगाया जाता है.
गोवर्धन पूजन विधि:-
इस दिन सबसे पहले शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान करें. इसके बाद घर के मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं. साथ ही उस पर्वत को घेरकर आसपास ग्वालपाल, पेड़ और पौधों की आकृति बनाएं. उसके बाद गोवर्धन के पर्वत के बीचोंबीच भगवान कृष्ण की मूर्ति या तस्वीर लगाएं. इसके बाद गोवर्धन पर्वत और भगवान कृष्ण की पूजा करें. पूजन करने के बाद अपनी मनोकामनाओं की प्रार्थना करें. इसके बाद भगवान कृष्ण को पंचामृत और पकवान का भोग लगाएं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो लोग गोवर्धन पर्वत की प्रार्थना करते हैं,
गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त:-
हिंदू पंचांग के अनुसार गोवर्धन पूजा का त्योहार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को मनाया जाता है. हर बार दिवाली के अगले दिन ही गोवर्धन पूजा मनाया जाता है. लेकिन, इस बार सूर्य ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा का पर्व 25 अक्टूबर के बजाए 26 अक्टूबर यानी आज मनाया जा रहा है. इसकी शुरुआत 25 अक्टूबर को शाम 4 बजकर 18 मिनट पर शुरू हो चुकी है. इसका समापन 26 अक्टूबर यानी आज दोपहर 2 बजकर 44 मिनट पर होगा. इसलिए आप गोवर्धन पूजा दोपहर 2 बजकर 45 मिनट से पहले जरूर कर लें.
गोवर्धन पूजा के दिन अन्नकूट की मान्यता
इस दिन श्रद्धालु तरह-तरह की मिठाइयों और पकवानों से भगवान कृष्ण को भोग लगाते हैं. यही नहीं, इस दिन 56 भोग बनाकर भगवान कृष्ण को अर्पित किये जाते हैं और इन्हीं 56 तरह के पकवानों को अन्नकूट बोला जाता है. इस दिन मंदिरों में भी अन्नकूट का आयोजन किया जाता है.
गोवर्धन पूजा के दिन क्या करें और क्या न करें:-
गोवर्धन पूजा खुले स्थान में करनी चाहिए, कभी भी बंद कमरे में गोवर्धन पूजा न करें. ऐसा करना बेहद अशुभ माना जाता है. गोवर्धन पूजा करते समय गौ माता की पूजा भी अवश्य करें. इस दिन साफ सुथरे कपड़े पहने. परिवार के साथ मिलकर गोवर्धन पूजा करें. इस पावन दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें. इसी के साथ गोवर्धन परिक्रमा हमेशा नंगे पैर करें. अगर स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है तो ऐसे में आप रबर या कपड़े के जूते पहन सकते हैं. गोवर्धन परिक्रमा को अवश्य पूरा करें क्योंकि आधी परिक्रमा अशुभ मानी जाती है. इस दिन तामसिक भोजन व शराब जैसी नशीली चीजों के सेवन से बचें.
गोवर्धन पूजा कथा:-
गोवर्धन पूजा करने के पीछे धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण इंद्र का अभिमान चूर करना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर उठाकर गोकुल वासियों की इंद्र से रक्षा की थी. माना जाता है कि इसके बाद भगवान कृष्ण ने स्वंय कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन 56 भोग बनाकर गोवर्धन पर्वत की पूजा करने का आदेश दिया दिया था. तभी से गोवर्धन पूजा की प्रथा आज भी कायम है और हर साल गोवर्धन पूजा और अन्नकूट का त्योहार मनाया जाता है.