Ganesh Chaturthi 2024 : गणेश जी पर भूल से भी न चढ़ाये ये चीज, लाल फूल और दूर्वा अत्यंत प्रिय... करें ये खास उपाय
Ganesh Chaturthi 2024 : हिंदू धर्म में पूजा के कुछ नियम-कानून बताए गए हैं. इसी कड़ी में हम आपको उन चीजों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें कभी भूलकर भी भगवान गणेश पर नहीं चढ़ाना चाहिए और इन चीजों को हमेशा भगवान गणेश से दूर रखना चाहिए.
ganesh chaturthi 2024 : गणेश चतुर्थी के मौके पर सभी भगवान गणेश की आराधना में लगे हुए हैं. भगवान गणेश को प्रथम देवता माना जाता है और लोग किसी भी शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की पूजा करते हैं. गणेशोत्सव 2024 के मौके पर भी लोग बप्पा की आराधना में लीन नजर आ रहे हैं. लेकिन आपको इस क्रम में कई चीजों का ध्यान रखने की भी जरूरत है. कुछ चीजें ऐसी भी हैं जिन्हें भगवान गणेश को भेंट नहीं चढ़ाना चाहिए नहीं तो गजानन क्रोधित हो सकते हैं.
हिंदू धर्म में पूजा के कुछ नियम-कानून बताए गए हैं. अगर इंसान उस हिसाब से ही पूजा-अर्चना करे तो उससे लाभ तो मिलता ही है साथ ही भगवान भी भक्तों से प्रसन्न रहते हैं. बता रहे हैं उन चीजों के बारे में जिन्हें कभी भूलकर भी भगवान गणेश पर नहीं चढ़ाना चाहिए और इन चीजों को हमेशा भगवान गणेश से दूर रखना चाहिए.
तुलसी
तुलसी यूं तो काफी शुभ माना जाता है और हिंदू धर्म में देवी-देवताओं को लोग तुलसी अर्पित करते हैं. खुद हमारी हिंदू मान्यताओं में तुलसी की पूजा की जाती है और इसके कई औषधिक फायदे भी हैं. लेकिन आपको ये मालूम होना चाहिए कि आपको कभी भी गणेश भगवान की पूजा के दौरान तुलसी अर्पण नहीं करनी चाहिए. इससे भगवान गणेश नाराज होते हैं और पूजा का फल भी नहीं मिलता है.
सफेद वस्तु
भगवान गणेश पर सफेद वस्तु नहीं चढ़ानी चाहिए. इससे गणेश जी क्रोधित हो जाते हैं. मान्यता के अनुसार एक दफा भगवान गणेश पर चंद्र देव हंस दिए थे. जिसकी वजह से भगवान गणेश क्रोधित हो गए थे और उन्होंने चंद्र देव को श्राप दे दिया था. ऐसे में चंद्रमा से जुड़ी कोई भी चीजें गणेश जी को अर्पित नहीं करनी चाहिए. अगर आपने भगवान गणेश पर सफेद फूल या कोई सफेद वस्त्र चढ़ाया तो इससे पूजा सफल नहीं हो पाती है और भगवान गणेश भी बहुत नाराज होते हैं.
चावल
चावल भी सफेद होता है. टूटा चावल या खंडित चावल कभी भी गणेश भगवान पर नहीं चढ़ाना चाहिए. ऐसा करने से गणेश जी खफा होते हैं और मनवांछित फल भी भक्तों को नहीं मिलता है.
केतकी का फूल
अगर आपने गौर किया हो तो केतकी का फूल भी सफेद-पीले रंग का होता है. सफेद रंग की वजह से ये फूल भी गणेश भगवान के लिए अप्रिय माना जाता है और इस फूल को भी गणेश भगवान को नहीं चढ़ाना चाहिए.
ज्योतिषाचार्य डॉ.दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार गणेश जी पर तुलसी कभी भी नहीं चढ़ाई जाती। कार्तिक माहात्म्य में भी कहा गया है कि 'गणेश तुलसी पत्र दुर्गा नैव तु दूर्वाया' अर्थात गणेशजी की तुलसी पत्र और दुर्गाजी की दूर्वा से पूजा नहीं करनी चाहिए। भगवान गणेश को गुड़हल का लाल फूल विशेष रूप से प्रिय है। इसके अलावा चाँदनी, चमेली या पारिजात के फूलों की माला बनाकर पहनाने से भी गणेश जी प्रसन्न होते हैं। गणपति का वर्ण लाल है, उनकी पूजा में लाल वस्त्र, लाल फूल व रक्तचंदन का प्रयोग किया जाता है।
दुर्वा (दूबी) अर्पण से लाभ ही लाभ
1. गणेश कृपा हेतु गुड़ में दूर्वा लगाकर नंदी को खिलाने से रुका हुआ धन प्राप्त होता है।
2. दूर्वा के गणेश बनाकर दूर्वा से पूजा करना महान पुण्यप्रद माना जाता है।
3. गणेशजी को दूर्वा, मोदक, गुड़ फल, मिष्ठान आदि अर्पण करें। ऐसा करने से भगवान गणेश सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
4. कुंवारी कन्या या अविवाहित युवक अपने विवाह की कामना से गणेश को मालपुए अर्पण करते हैं तो उनका शीघ्र विवाह होता है।
5. गणेश चतुर्थी को कार्य सिद्धि हेतु ब्राह्मण पूजा करके गुड़-लवण-घी आदि दान करने से धन प्राप्ति होती है। विनायक को 21 दूर्वा चढ़ाते वक्त नीचे लिखे मंत्रों को बोलें यानी हर मंत्र के साथ दो दूर्वा चढ़ाएं और आखिरी बची दूर्वा चढ़ाते वक्त सभी मंत्र बोलें।
जानते हैं ये मंत्र :
- 1.ऊँ विघ्न राजाय नम:
- 2.ऊँ हेरम्बाय नम:
- 3.ऊँ ब्रह्म वित्त माय नम:
- 4.ऊँ समस्त जगदाधाराय नम:
- 5.ऊँ वर मूषक वाहनाय नम:
- 6.ऊँ पार्वती शंकरोत्संग खेलनो ललनाये नम:| मंत्रों के साथ पूजा के बाद यथाशक्ति मोदक का भोग लगाएं। 21 मोदक का चढ़ावा श्रेष्ठ माना जाता है। अंत में श्री गणेश आरती कर क्षमा प्रार्थना करें। कार्य में विघ्न बाधाओं से रक्षा की कामना करें।