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Durga Saptashati : इस गुप्त नवरात्रि राशि के अनुसार करें दुर्गा सप्तशती का पाठ...फिर देखें चमत्कार

Durga Saptashati : दुर्गा सप्तशती में प्ररम्भ और अंत में वर्णित देवी कवच, अर्गला, कीलक तथा सिद्ध कुंजिका स्त्रोत्र के साथ ही साथ राशि के अनुसार एक अध्याय का भी पठन देवी आराधना के नौ दिनो में कर ली जाये तो निश्चित ही जीवन में आ रहे कष्टो से मुक्ति मिलती है और प्रगति तो सुनिश्चित होती ही है।

Durga Saptashati : इस गुप्त नवरात्रि राशि के अनुसार करें दुर्गा सप्तशती का पाठ...फिर देखें चमत्कार
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By Meenu

Gupt Navratri २०२४ : साल 2024 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 6 जुलाई से हो रही है। शास्त्रों के अनुसार साल भर में कुल चार नवरात्रि आते हैं। जिसमें से दो चैत्र व शारदीय और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं।

आषाढ़ मास में पड़ने वाले नवरात्रि को आषाढ़ गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। इस नवरात्री में ‘दुर्गा सप्तशती’ का पाठ कर सकते है. ‘दुर्गा सप्तशती’ में सात सौ श्लोक है, जिन्हे मूलत: तीन चरित्र अर्थात, प्रथम, मध्यम और उत्तम चरित्र में विभाजित किया गया है, महाकाली की आराधना युक्त प्रथम चरित्र में केवल पहला अध्याय, मध्यम चरित्र में दूसरे से चौथा अर्थात तीन अध्याय है, इसमे माँ लक्ष्मी के स्वरूप का वर्णन है, जबकि उत्तम चरित्र में माँ सरस्वती की आराधना के पाँच से तेरह याने नौ अध्याय है। इस तरह से हमे यह विदित होता है कि कलयुग में माँ आदि शक्ति की आराधना मुख्यत: सरस्वती प्रधान ही है।

ज्योतिषाचार्य दत्तात्रेय होस्केरे के अनुसार दुर्गा सप्तशती में प्ररम्भ और अंत में वर्णित देवी कवच, अर्गला, कीलक तथा सिद्ध कुंजिका स्त्रोत्र के साथ ही साथ राशि के अनुसार एक अध्याय का भी पठन देवी आराधना के नौ दिनो में कर ली जाये तो निश्चित ही जीवन में आ रहे कष्टो से मुक्ति मिलती है और प्रगति तो सुनिश्चित होती ही है।


मेष : आप मेष राशि की होने के कारण मंगल प्रधान है। साथ ही साथ केतु, शुक्र और सूर्य से भी प्रभावित हैं। आप को दुर्गा सप्तशती के पहले अध्याय के पठन से क्रोध और अवसाद से मुक्ति मिलगी। धन लभ भी होगा।

वृषभ : आप शुक्र प्रधान हैं और सूर्य,चन्द्र और मंगल से प्रभावित होने के कारण बुद्धि और भावनाओं के सामंजस्य में त्रुटि कर बैठती हैं। आप को दुर्गा सप्तशती के द्वीतीय अध्याय का पठन पूरे नौ दिन करना चाहिये। अर्गला स्त्रोत्र का भी पाठ करें। आपको सामंजस्य बढाने में सहायता मिलेगी।

मिथुन : आपकी राशि आप को बुध प्रधान बनाती है। आप मंगल, राहु और गुरु से भी प्रभावित हैं। आप महत्वाकांक्षी तो है,लेकिन आप से आप के अग्रज और उच्चस्थ प्रसन्न नही रहते। आप को अपनी समस्या के समाधान हेतु नवरात्रि के पूरे नौ दिन दुर्गा सप्तशती के सातवें अध्याय का पाठ करना चाहिये। लाभ अवश्य होगा।



कर्क : आप चन्द्र प्रधान है और गुरु शनि और बुध ग्रहों से प्रभावित हैं। आप अपनी वाणी और भावनात्मक आवेग पर नियंत्रण कर जीवन में सफल हो सकते हैं। दुर्गा सप्तशती के पाँचवे अध्याय का पूरे नौ दिन पठन करें। सम्मान में वृद्धि और यश मिलेगा।

सिंह : आप सूर्य प्रधान राशि के हैं। आप केतु और शुक्र से भी प्रभावित हैं। निर्णय लेने में हुई त्रुटि का आप के जीवन पर गहरा प्रभाव पडता रहा है। पारीवारिक शांति के लिये आप को प्रयास करने चाहिये। दुर्गा सप्तशती के तृतीय अध्याय का पाठ पूरे नौ दिन करें। यहाँ आप के मानसिक शांति के लिये आवश्यक है।

कन्या: आप का बुध प्रधान होना आपको निर्णय लेने की अद्भुत योग्यता देता है। आप सूर्य,चन्द्र और मंगल ग्रह से प्रभावित हैं। आपको नवरात्रि के पूरे नौ दिन दुर्गा सप्तशती के दसवें अध्याय का पाठ करना चाहिये। आप भयमुक्त और चिंता रहित होंगी।

तुला: आप शुक्र ग्रह से प्रभावित है। मंगल, राहु और गुरु भी आप के व्यक्तित्व और जीवन शैली पर प्रभाव डालते हैं। आप को दुर्गासप्तशती के छठवें अध्याय क पाठन करने से ऐश्वर्य और मानसिक शांति प्राप्त होगी। वृश्चिक:आप की राशी का स्वामी मंगल है, और आप गुरु, शनि तथा बुध से प्रभावित हैं। आपको अपनी व्यव्हारिक कुशलता को बनाये रखना होगा और वाणी में मधुरता लानी होगी।आप को दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का निरंतर पठन से अवश्य लाभ होगा।

धनु: आप गुरु गृह से प्रभावित है तथा केतु, शुक्र और सूर्य भी आप को प्रभावित करते हैं। आप को दुर्गा सप्तशती के ग्यारहवें अध्याय के पठन से पद, प्रतिष्ठा और पारीवारिक शांति प्राप्त होगी। पूरे नौ दिन रात्रि सूक्त का भी पठन करें।

मकर: आप शनि प्रधान है, आथ ही साथ सूर्य, चन्द्र और मंगल से भी प्रभावित है। न्याय की प्रतीक्षा में आप का जीवन गुजरता है। न्याय की प्रप्ति और जीवन में अतुलनीय प्रगति के लिये दुर्गा सप्तशती के आठवें अध्याय का पठन करना चाहिये।

कुम्भ: शनि प्रधान होने के कारण आप हठी अवश्य हैं लेकिन मंगल, राहु और गुरु से प्रभावित होने के कारण आप दयालु भी हैं। अस्थिरता आप को प्रभावित करती है। वैचारिक प्रतिबद्धता आप के लिये आवश्यक है। आप दुर्गा सप्तशती के चतुर्थ अध्याय का पठन नवरात्रि के पूरे नौ दिन करें।

मीन: आप गुरु प्रधान है और शनि तथा बुध से प्रभावित हैं। आप का वैचारिक सामंजस्य ठीक न होने से आप चिंतित हैं। आप को व्यवसाय और विवाह सम्बन्धी भी समस्याएं हो सकती है। दुर्गा सप्तशती के नवम अध्याय का पूरे नौ दिन पठन करने से आप को अवश्य लाभ होगा।

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