Chaturmas 2024 : 17 जुलाई से चातुर्मास शुरु, मुंडन, जनेऊ संस्कार, गृहप्रवेश और विवाह समेत सभी मांगलिक कार्य बंद
इस समय कोई भी शुभ और नए कार्य नहीं किए जाते हैं, हालांकि इसमें ज्यादा से ज्यादा धार्मिक कार्य और दान-पुण्य करना चाहिए.
सनातन धर्म चातुर्मास को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इसका अर्थ है चार महीने की एक पवित्र अवधि. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दौरान भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं.
हिंदू पंचांग के अनुसार, 17 जुलाई से चातुर्मास की शुरुआत होगी. इन 4 महीनों के दौरान मुंडन, जनेऊ संस्कार, गृहप्रवेश और विवाह समेत सभी मांगलिक कार्य बंद हो जाएंगे.
यही कारण है कि इस समय कोई भी शुभ और नए कार्य नहीं किए जाते हैं, हालांकि इसमें ज्यादा से ज्यादा धार्मिक कार्य और दान-पुण्य करना चाहिए.
चातुर्मास का समापन 12 नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ होगा. धार्मिक मान्यता है कि इस शुभ दिन भगवान विष्णु योग निद्रा से जागेंगे और तभी से सभी प्रकार के शुभ कार्यों की शुरुआत होगी.
सनातन धर्म में चातुर्मास का महत्व
सनातन धर्म में चातुर्मास की अवधि का बड़ा धार्मिक महत्व है. भले ही इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, लेकिन यह धार्मिक कार्यों के लिए बहुत विशेष माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस समय भगवान विष्णु की पूजा जरूर करनी चाहिए, जिससे आपके ऊपर किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का असर न पड़े. इसके साथ ही भजन-कीर्तन भी करना चाहिए.