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Chankya Niti: लोभी, अंहकारी, मूर्ख और विद्वान लोगों को वश में करने का तरीका क्या है? जानिए चाणक्य का अनूठा आइडिया...

Chankya Niti: लोभी, अंहकारी, मूर्ख और विद्वान लोगों को वश में करने का तरीका क्या है? जानिए चाणक्य का अनूठा आइडिया...
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By Gopal Rao

NPG न्यूज नेटवर्क

Chankya Niti: आचार्य चाणक्य ने अपने श्लोकों के माध्यम से जीवन की वास्तविकताओं से परिचित कराया है। चाणक्य कहते हैं कि इन श्लोकों का मनन करने और व्यवहार में उतारने से आम आदमी के लिए जीवन संघर्ष आसान हो जाता है। अपने इस श्लोक में उन्होंने बताया है कि लोगों को वश में करने का तरीका क्या है।

चाणक्य लिखते हैं-

  • लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् स्तब्धमञ्जलिकर्मणा।
  • मूर्खः छन्दोऽनुवृत्तेन यथार्थत्वेन पंडितम्॥
  • इस श्लोक के माध्यम से चाणक्य ने लोभी, अभिमानी, मूर्ख और विद्वान व्यक्ति को वश में करने के तरीके बताए हैं। विस्तार से जानते हैं।

लोभी को वश में करना हो तो-

लोभी व्यक्ति सिर्फ एक चीज़ का सगा होता है वो है धनलाभ। जब तक उसे अपना फायदा नजर नहीं आएगा, उसे आपसे संपर्क बनाने में कोई रुचि नहीं होगी। इसलिए अगर जीवन में ऐसी परिस्थिति आए कि आपके लिए किसी लोभी व्यक्ति से संपर्क अनिवार्य हो तो आपको धन का इस्तेमाल करना होगा। जब उसे यह महसूस होगा कि आपसे संपर्क उसके लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है तो वह खुद ब खुद आपके करीब चला आएगा या आपको अपने करीब आने देगा। ऐसे लोभी को सिर्फ धनलाभ के फेर में उलझाकर ही वश में किया जा सकता है।

अभिमानी व्यक्ति को वश में ऐसे करें

अभिमानी व्यक्ति सबको अपने आगे नतमस्तक देखकर संतुष्ट होता है। इसलिए आपको अगर किसी अभिमानी व्यक्ति को संतुष्ट करना हो, उसकी नज़दीकी अनिवार्य हो तो उसके सामने झुक कर, हाथ जोड़कर विनम्रता से पेश आएं। तभी अभिमानी व्यक्ति का अहं तुष्ट होगा और वो आपको करीब आने देगा। अभिमानी व्यक्ति को वश में करने का यही एकमात्र तरीका है।

मूर्ख को वश में करना हो तो

मूर्ख आदमी हठी होता है। उसे किसी भी तरह की समझाइश दी जाए, किसी भी कार्य को करने का सही तरीका समझाया जाए या किसी गलती पर टोका जाए, वह सिर्फ गैरज़रूरी तर्क कर अपनी ही बात पर डटा रहेगा और आपकी एक नहीं सुनेगा। ऐसे व्यक्ति को वश में करना हो तो उसके अनुकूल बातें करनी होंगी। उसके अनुकूल कार्य करके ही उसे अपना बनाया जा सकता है।

विद्वान को वश में करना हो तो

विद्वान व्यक्ति को न तो किसी प्रलोभन की आवश्यकता है न ही सबको अधीन देखने की उसमें चाह होती है। उसे तो सिर्फ एक ही तरीके से अपने वश में किया जा सकता है कि आप उसके सामने वास्तविकता खोलकर रखें। सच्ची बात बताएं। ऐसे आचरण से ही आप विद्वान व्यक्ति को वश में करने का प्रयत्न कर सकते हैं। उसके विश्वस्त हो सकते हैं। उसे झूठ, आडम्बर पूर्ण व्यवहार से नहीं जीता जा सकता।

यही नहीं एक अन्य श्लोक में चाणक्य ने अपने दुश्मन को वश में करने का तरीका भी बताया है। वे कहते हैं-

  • अनुलोमेन बलिनः प्रतिलोमेन दुर्जनम्।
  • आत्मतुल्यबलं शत्रुं विनयेन बलेन वा॥

चाणक्य बताते हैं कि परिस्थिति का आकलन कर शत्रु को अपने वश में करने का कौशल आना चाहिए। यानी बलवान शत्रु को अनुकूल और दुर्जन शत्रु को प्रतिकूल व्यवहार द्वारा अपने वश में करना आना चाहिए। और यदि दुश्मन बल में समान हो तो परिस्थिति को समझते हुए अनुकूल या प्रतिकूल व्यवहार करना चाहिए। इसे सरल शब्दों में ऐसे समझ सकते हैं।

शत्रु बलवान हो तो ऐसे करें वश में

शत्रु भी अलग- अलग किस्म के होते हैं। यदि शत्रु बलवान है और अगर आपको लगता है कि उसके साथ मुकाबला या प्रतिस्पर्धा करने से आपकी हानि सुनिश्चित है तो ऐसे शत्रु को अपने व्यवहार से जीतें। विनयी बन कर रहें, ताकि आप अनावश्यक द्वंद्व और दिक्कतों से बचे रहे। और क्रमशः अपने अनुकूल व्यवहार से उसके साथ अच्छे संबंध स्थापित करें।

और यदि शत्रु दुर्जन हो तो

वहीं अगर शत्रु दुर्जन है यानि की आप जानते कि उसके साथ विनय पूर्वक, प्रेमपूर्ण व्यवहार से कुछ भी हासिल नहीं होगा। क्योंकि आप कितना भी अच्छा व्यवहार कर लें उसपर कुछ भी असर नहीं होगा। वह हमेशा अपने बर्बर रूप में ही रहेगा। आपके सज्जनता पूर्वक व्यवहार को आपकी कमजोरी ही समझेगा। तब ऐसे में 'प्रतिकूल व्यवहार' करना आना चाहिए। आप साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाकर उसे वश में करके मानें।

यदि शत्रु बल में समान हो तो

कुछ शत्रु ऐसे भी हो सकते हैं जो बल या योग्यता में आपके समकक्ष हों, टक्कर के हों। ऐसे शत्रु को वश में करना हो तो परिस्थिति पर ध्यान केंद्रित करें। आकलन करें कि आज की परिस्थितियों में ऐसे दुश्मन के साथ कैसा व्यवहार किया जाए। फिर सद्व्यवहार या बल दोनों में से किसी एक के इस्तेमाल से ऐसे दुश्मन को अपने वश में करें।

Gopal Rao

गोपाल राव रायपुर में ग्रेजुएशन करने के बाद पत्रकारिता को पेशा बनाया। विभिन्न मीडिया संस्थानों में डेस्क रिपोर्टिंग करने के बाद पिछले 8 सालों से NPG.NEWS से जुड़े हुए हैं। मूलतः रायपुर के रहने वाले हैं।

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