Chaitra Navratri 2024 : नवरात्रि का चौथा दिन मां कुष्मांडा को समर्पित, माँ को मालपुआ अत्यंत प्रिय
मां कुष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है क्योंकि वे आठों भुजाओं में अलग अलग चीजें धारण किए हुए हैं. मां को मालपुए का भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है
नवरात्रि का चौथा दिन मां दुर्गा के भव्य स्वरूप मां कुष्मांडा को समर्पित होता है. बेहद भव्य और सुंदर छवि वाली देवी कुष्मांडा की पूजा करने से सारे दुखों का नाश होता है.
कुष्मांडा देवी का स्वरूप बेहद सुंदर और भव्य है. मां कुष्मांडा का वाहन सिंह है. उन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है क्योंकि वे आठों भुजाओं में अलग अलग चीजें धारण किए हुए हैं. इसमें एक भुजा में कमंडल, एक भुजा में धनुष और बाण, एक में कमल पुष्प, एक में शंख, एक भुजा में चक्र, एक अन्य भुजा में गदा, एक भुजा में सभी सिद्धियों को सिद्ध करने वाली माला और एक हाथ में मां अमृत कलश भी लिए हुए हैं.
मां कुष्मांडा सृष्टि की आदि-स्वरूपा, आदि शक्ति हैं, ऐसे उन्हें मालपुए का भोग लगाना काफी शुभ माना जाता है।
मां कुष्मांडा की पूजा में इस मंत्र का जाप जरूर करें. देवी कुष्मांडा का मंत्र है -
या देवी सर्वभूतेषु माँ कूष्माण्डा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
देवी कुष्मांडा की पूजा विधि
देवी कुष्मांडा की पूजन के लिए उनकी तस्वीर को चौकी पर विराजमान करें. फिर रोली, अक्षत, पीले फूल, पीले वस्त्र अर्पित करें. देवी कुष्मांडा को कुम्हड़ा (कद्दू) जरूर अर्पित करें. देवी मां को कुम्हड़े की बलि प्रिय है. इसके अलावा मां कुष्मांडा की पूजा में 'ॐ बुं बुधाय नमः' मंत्र का जाप करते हुए हरी इलायची के साथ सौंफ चढ़ाएं. बेहतर होगा कि जितनी आपकी उम्र हो माता को उतनी ही इलायची अर्पित करें. पूजा के बाद माता को समर्पित की गई इलायची को साफ हरे वस्त्र में बांधकर, पूरे नवरात्रि तक अपने पास रखें. ऐसा करने से जीवन में सुख और समृद्धि बढ़ती है.
पहने पीले रंग के कपड़े
नवरात्रि के चौथे दिन पीले रंग के कपड़े पहनें और फिर देवी कुष्मांडा की पूजा करें. मां कुष्मांडा को पीला रंग बेहद प्रिय है. साथ ही मां कुष्मांडा की पूजा अर्चना शांत मन से करें.
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ध्यान मंत्र : सुरा सम्पूर्ण कलशं रूधिराप्लुतमेव च।
दधानां हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥
भोग : मालपूआ का भोग
वस्त्र : सफ़ेद या गाढे पीले रंग के वस्त्र पहने|
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मंत्र : क्लीं क्लूं खड्गधरिणी देव्यै माम रक्ष रक्ष का उच्चरण करें| पति पत्नि के सम्बंधों में आ रही बाधाओं का होगा समधान|