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Chaitra Navratri 2023 :पूजा,जप तप और उपवास के साथ, जानिए चैत्र नवरात्रि की महिमा और इन बातों को न करें नजरअंदाज

Chaitra Navratri pooja vidhi
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Chaitra Navratri

By NPG News

Chaitra Navratri 2023 :चैत्र नवरात्रि 2023- देवी आराधना का महापर्व चैत्र नवरात्रि 22 मार्च, बुधवार से शुरू हो रही है। इन 9 दिनों में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में 4 नवरात्रि आती है, इनमें से 2 प्रकट और 2 गुप्त होती है। ये चारों ही नवरात्रि ऋतुओं के संधिकाल पर आती हैं। जो लोग सोच रहे है कि कोरोना के चलते देवी मां के दर्शन संभव नहीं है। वो भी घर बैठे मां दुर्गा का आहवान करें । मंत्र जाप व सप्तशति के पाठ से दुर्गा मां की आराधना करें मां वर्तमान की विकट परिस्थितियों से मिलकर लड़ने में हमारी मदद करेगी।

चैत्र नवरात्रि वैज्ञानिक कारण

चैत्र नवरात्रि शीत और ग्रीष्म ऋतु के संधिकाल पर आती है। इस समय शीत ऋतु का प्रभाव कम होता है और ग्रीष्म ऋतु का प्रभाव अधिक होता है। शीत और ग्रीष्म ऋतुओं के मेल से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, जिसके कारण मौसमी बीमारियां होने की संभावनाएं काफी अधिक रहती हैं।इससे बचने के लिए इस समय नवरात्रि होने से साधक को कुछ विशेष नियमों का पालन करते है जैसे- उपवास करना और जप, तप करना। - उपवास के दौरान फलाहार करने से पेट संबंधी बीमारी नहीं होती है। चैत्र मास में पड़ने वाले नवरात्रों को चैत्र नवरात्रि कहते हैं। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार इस दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। वो नौ रूप हैं, शैलपुत्री, , ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री जिनकी इस दौरान विधि-विधान से पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च, 2023 से शुरू होकर 30 मार्च 2023 तक हैं।

चैत्र नवरात्रि में सामग्री और पूजा विधि

नवरात्रि पूजा में मां दुर्गा को भेंट के रूप में लाल चुनरी, चूड़ी, बिछिया, इत्र, सिंदूर, महावर, लाल बिन्द, शुद्धमेहंद,काजल,चोटी, माला या मंगल सूत्पा, पायल,कान की बाली आदि अर्पित करें। इससे माता रानी आप पर प्रसन्न होंगी।

ध्यान रखें कि मां दुर्गा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापन के लिए लकड़ी की चौकी का ही इस्तेमाल करें। पूजन के दौरान सवा मीटर लाल या पीला कपड़ा,लाल चुनरी या साड़ी,कलश,आम के पत्ते ,फूल माला और लाल फूल ,एक जटा वाला नारियल,पान के पत्त,सुपारी,इलायची,लौंग,कपूर,रोली, सिंदूर,मौली,चावल, दुर्गा सप्तशती की पुस्तक अपने समक्ष ज़रूर रखें।

चैत्र नवरात्रि में ध्यान दें

अगर देवी की मूर्ति धातु या चांदी की बनी हो तो ध्यान रहे इसे पीताम्बरी से साफ कर लें। घर के पूजा स्थल की एक दिन पहले ही साफ़ सफ़ाई समस्त देवी देवताओं के वस्त्रादि बदल दें। देवी दुर्गा की जो भी प्रतिमा स्थापित की है, उसमें माता का वाहन यानि शेर शांत मुद्रा में हो। नवरात्रों के दौरान भूलकर भी माता रानी को दूर्वा अर्पित न करें। इससे आपकी पूजा निष्फल हो सकती है। अगर घर में नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाएं तो किसी भी हालात में घर को अकेला नहीं छोड़े यानि इस दौरान घर पर ताला नहीं होना चाहिए।

देवी मां के आगे जलाया जाने वाला दीपक उनकी प्रतिमा या मूर्ति के बायीं ओर ही रखें और मूर्ति या जौ दायीं ओर बोएं।जब मातारानी की पूजा करें तो लाल या पीले आसन पर ही बैठें।

चैत्र नवरात्रि शुभ मुहूर्त

इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च से हो रही है और और 30 मार्च 2023, दिन वार को नवरात्रि का समापन होगा। इन दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। 2023 में चैत्र नवरात्रि का आरंभ 22 मार्च से होगा। पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 मार्च 2023 की रात 10 .52 मिनट से शुरू होगी और 22 मार्च 2023 की रात 8 .20 मिनट पर समाप्‍त होगी। उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 से होगी। इस दिन घटस्‍थापना का शुभ मुहूर्त केवल 1 घंटा 10 मिनट का रहेगा। घटस्‍थापना का शुभ मुहूर्त 22 मार्च की सुबह 06:29 बजे से सुबह 07:39 बजे तक रहेगा।

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