Budh Pradosh Fast : बुध प्रदोष व्रत कल, यहाँ पढ़ें शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा - बुध प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट से 09 बजकर 22 मिनट तक
हर माह में शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, पूर्ण भक्ति के साथ प्रदोष व्रत करने से साधक के सभी रोग-दोष दूर हो सकते हैं। ऐसे में आप इस दिन पर भगवान शिव के निमित्त व्रत रखकर और पूरे विधि-विधान के साथ महादेव की पूजा-अर्चना द्वारा इसकी विशेष कृपा के पात्र बन सकते हैं।
ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 19 जून 2024, सुबह 07 बजकर 28 मिनट पर हो रही है, जो 20 जून को सुबह 07 बजकर 49 मिनट तक रहने वाली है। ऐसे में प्रदोष व्रत 19 जून, बुधवार के दिन किया जाएगा। बुधवार के दिन पड़ने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत भी कहा जाएगा।
प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, ऐसे में पूजा का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा - बुध प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त - शाम 07 बजकर 22 मिनट से 09 बजकर 22 मिनट तक
इस तरह करें पूजा
प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से मुक्त हो जाएं। इसके बाद हाथ में पवित्र जल, फूल और अक्षत लेकर व्रत का संकल्प करें। अब समस्त शिव की विधिवत रूप से पूजा-अर्चना करें और भोग लगाएं। शाम के समय मंदिर में दीपक जलाएं और भगवान शिव का अभिषेक करें। शाम के समय पुनः पूरे विधि-विधान के साथ शिव परिवार की पूजा-अर्चना करें।
शिव जी को दही और घी का भोग जरूर लगाना चाहिए
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी को दही और घी का भोग जरूर लगाना चाहिए। इसके साथ ही आप मालपुआ, सफेद बर्फी, और खीर आदि का भोग भी लगा सकते हैं। वहीं प्रदोष व्रत के दिन शिव जी को सूजी के हलवे का भोग लगाना भी लाभकारी माना गया है। इससे साधक के सभी कष्ट दूर होने लगते हैं और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
बुध प्रदोष व्रत के दिन घर की साफ-सफाई के साथ-साथ पूजा-स्थल की साफ-सफाई का भी विशेष रूप से ध्यान रखें। प्रदोष व्रत के दिन तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन आदि के सेवन से बचें। साथ ही इस तिथि पर मांस व मदिरा आदि का सेवन भी न करें। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन नाखून, बाल या दाढ़ी बनवाने की भी मनाही होती है।