भाई दूज और रक्षा बंधन में क्या है अंतर?, आख़िर क्यों दोनों त्यौहार को एक साथ नहीं मानते हैं…आइए जानते हैं…
भाई दूज और रक्षा बंधन में क्या है अंतर?, आख़िर क्यों दोनों त्यौहार को एक साथ नहीं मानते हैं…आइए जानते हैं…
![भाई दूज और रक्षा बंधन में क्या है अंतर?, आख़िर क्यों दोनों त्यौहार को एक साथ नहीं मानते हैं…आइए जानते हैं… भाई दूज और रक्षा बंधन में क्या है अंतर?, आख़िर क्यों दोनों त्यौहार को एक साथ नहीं मानते हैं…आइए जानते हैं…](https://npg.news/h-upload/2022/10/26/1167177-bhai-dooj.webp)
NPG डेस्क I भाई दूज और रक्षा बंधन ये दोनों ही त्योहार भाई-बहन से जुड़े होते हैं। इस दिन बहनें भाई की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और आरती कर मिठाई खिलाती हैं। साल में भाई-बहन के दो त्योहार आते हैं, रक्षाबंधन और भाई दूज। लेकिन फिर भी इनमें कुछ अंतर है। तो चलिए आपको बताते हैं कि भाई दूज और रक्षा बंधन के त्योहार में क्या फर्क है।
भाई दूज और रक्षा बंधन में अंतर:-
1.धार्मिक मान्यताओं अनुसार रक्षा बंधन की शुरुआत इंद्र देव, राजा बली और भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा हुई थी। वहीं भाई दूज की शुरुआत यमराज और उनकी बहन यमुना द्वारा हुई थी।
2.यही कारण है कि रक्षा बंधन के दिन लोग राजा बली की कथा सुनते हैं और भाई दूज के दिन यमराज और यमुना की।
3.रक्षा बंधन के दिन बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी यानी पवित्र धागा बांधती हैं और भाई अपनी बहनों को उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। भाई दूज पर बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और कई जगह इस दिन भाई को सूखा नारियल देने की भी परंपरा है।
4.आमतौर पर देखा जाता हैं कि यदि बहन विवाहित हो तो वो अपने भाई के घर जाकर रक्षा बंधन मानती है लेकिन भाई दूज में भाई अपनी बहन के घर जाकर भाई दूज मनाता है।
5.भाई दूज के दिन यमराज और यमुना नदी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन भाई और बहन यमुना नदी में स्नान करते हैं। रक्षा बंधन के दिन ऐसी कोई मान्यता नहीं है।
6.रक्षा बंधन पर बहन राखी बांधने के बाद अपने भाई को मिठाई खिलाती हैं। भाई दूज पर बहनें अपने भाई को भोजन खिलाने के बाद पान खाने को देती हैं। ऐसी मान्यता है कि भाई दूज के दिन यदि बहन अपने भाई को पान खिलाती हैं तो उन्हें पुण्य मिलता है।
7.भाई दूज में आरती और टीका महत्वपूर्ण होता है जबकि रक्षा बंधन में राखी( रस्सी, धागा) बांधने का।
8.रक्षा बंधन पर भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन लेते हैं, जबकि भाई दूज में बहन अपने भाई की रक्षा करने का वचन लेती हैं।