Bhagwan Vishnu Ki Aarti: 'भगवान विष्णु की आरती' करते समय इन मंत्रों का करें जाप; हर मनोकामना होगी पूरी, आर्थिक तंगी से मिलेगी निजात
Bhagwan Vishnu mantra: सनातन धर्म में मान्यता है कि, भगवान विष्णु की पूजा करने से जातक को सुख-शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही आय में वृद्धि और पुण्य प्राप्त होते है। आज हम आपको भगवान विष्णु की आरती और ख़ास पूजा विधि बताने जा रहे है, जिसे करने मात्र से आपको कई विशेष प्रकार के लाभ मिलने वाले है।

Bhagwan Vishnu Ki Aarti
Bhagwan Vishnu Ki Aarti: सनातन धर्म में हर दिन किसी न किसी भगवान या देवी-देवता को समर्पित है। वैसे ही गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को दिया गया है, जिन्हें संसार का पालनहार माना जाता है। हिन्दू धार्मिक मान्यता के अनुसार, गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करने और खास प्रसाद चढ़ाने से उनकी कृपा से व्यक्ति को सुख-शांति की प्राप्ति होती है और आर्थिक स्थिति में भी मजबूती आती है। गुरुवार के दिन व्रत रखने से भाग्य अच्छा होता है। पूजा करते समय भगवान विष्णु की आरती करना जरूरी होता है, जिससे अच्छे फल मिलते हैं और सारी इच्छाएं पूरी होती हैं।
सनातन संस्कृति में भगवान विष्णु को जगत के रक्षक के रूप में भी देखा जाता है। जैसे ब्रह्मा जी सृष्टि की रचना करते हैं और भगवान शिव संहार करते हैं, वैसे ही भगवान विष्णु जीवों की रक्षा करते हैं। भगवान विष्णु के कई अवतार धरती पर आकर संसार की रक्षा करते रहे हैं। माना जाता है कि, जो लोग भगवान विष्णु की सही तरह से पूजा करते हैं, खासकर क्षीर सागर में विराजमान विष्णु जी की, उन्हें कभी खत्म न होने वाले पुण्य और फल प्राप्त होता है।
भगवान विष्णु की पूजा सामग्री
भगवान विष्णु की पूजा में सबसे पहले देवता की मूर्ति को नहलाने के लिए तांबे का लोटा और तांबे का ही जल कलश अनिवार्य होता है। मूर्ति को सजाने के लिए कपड़े और आभूषण भी जरूरी होते हैं। साथ में अक्षत (चावल), कुमकुम, तेल, रुई, दीपक, अष्टगंध और फूल भी चाहिए होते है। तुलसी के पत्ते, जनेऊ और तील का भी खास महत्व होता है। पूजा के दौरान नारियल, फल, मिठाई, पंचामृत, शक्कर, सूखे मेवे, पान और दक्षिणा देना भी जरूरी माना जाता है।
जब भी आप भगवान विष्णु की पूजा करके अपनी मनोकामना पूरी करना चाहते हैं, तो पूजा शुरू करने से पहले संकल्प जरूर लें। इसके लिए दोनों हाथों में थोड़ा जल लें, उसमें कुछ फूल और चावल डालें। फिर उस जगह का नाम जहां पूजा हो रही है, साथ में साल, दिन और तारीख बोलें। अपनी मनोकामना भी दिल से कहें। इसके बाद वह जल जमीन पर गिरा दें। इसे संकल्प कहते हैं, जो पूजा का एक खास हिस्सा होता है।
भगवान् विष्णु की पूजा विधि
भगवान विष्णु की पूजा करने से पहले सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लेकर उनकी पूजा करनी चाहिए। गणेश जी की पूजा बहुत जरूरी होती है। उनके लिए पहले स्नान करवाएं, कपड़े चढ़ाएं, फिर फूल और चावल (अक्षत) अर्पित करें। उसके बाद ही भगवान विष्णु की पूजा शुरू करें।
विष्णु जी की पूजा में सबसे पहले उनका आह्वान करें, उन्हें आराम से बैठने को जगह दें, फिर पंचामृत और जल से उन्हें स्नान कराएं और साफ करें। फिर उन्हें नए कपड़े पहनाएं, आभूषण और यज्ञोपवीत पहनाएं, साथ ही फूलों की माला भी पहनाई जा सकती है। माथे पर सुगंधित इत्र लगाएं और तिलक लगाएं, जिसमें अष्टगंध का इस्तेमाल करें।
फिर धूप और दीप जलाएं। भगवान विष्णु को तुलसी का बहुत प्यार है, इसलिए पूजा में तुलसी के पत्ते जरूर दें। चावल की जगह आप तिल का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि विष्णु पूजा में चावल कम ही इस्तेमाल होता है। इसके बाद दीपक जलाएं, आरती करें, और फिर प्रसाद (नैवेद्य) अर्पित करें। इस दौरान मंत्र "ॐ नमः नारायणाय" का जाप कर सकते है।
कुछ बातें ध्यान रखें: विष्णु की पूजा में तुलसी जरूर दें, लेकिन अगर लक्ष्मी जी के साथ पूजा कर रहे हों तो तुलसी न दें, यह वर्जित है। हमेशा साफ-सुथरे कपड़े पहनें और गंदे कपड़े पहनकर पूजा न करें। भगवान के सामने बासी फूल न रखें, ताजे फूल ही चढ़ाएं। पूजा जूठे मुँह न करें, खाना खाने से पहले पूजा करना सही होता है। भगवान विष्णु और उनके अवतार श्री कृष्ण की पूजा में घी का दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
भगवान जगदीश्वर की आरती
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे। भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे। जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का। सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का। मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी, तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी। तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी, पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी। तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता, मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता। तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति, किस विधि मिलूं दयामय तुमको मैं कुमति। दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे, अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे। विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा, श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा। तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा, तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा। जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे, कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे। ॐ जय जगदीश हरे।
भगवान विष्णु की आरती के लाभ
भगवान विष्णु की पूजा आरती करने से आपको ज़िंदगी में बहुत सारे फायदे मिलते हैं। आपकी हर तरह की परेशानियां दूर होती हैं, जैसे की, पैसे की तंगी, बच्चों की खुशी, और जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। पूजा से आपको आराम, धन-दौलत, यश और खुशहाली भी मिलती है।
भगवान विष्णु को दुनिया का रक्षक माना जाता है। जब दुनिया बनी, तो भगवान नारायण ही थे, जिन्होंने सारा ब्रह्मांड बनाया। उनकी दया और करुणा इतनी बड़ी है कि, वे सबका ख्याल रखते हैं और जो भी उनकी पूजा करता है, उसे हर तरह का लाभ मिलता है। भगवान विष्णु की आरती करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है, घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, मानसिक शांति मिलती है और जीवन के कष्टों से मुक्ति मिलती है। सच्चे मन से की गई आरती से सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं, ग्रह दोष शांत होते हैं और भक्ति व अध्यात्म में प्रगति होती है।
भगवान विष्णु का मंत्र
1. ॐ बृहस्पते अति यदर्यो अर्हाद् द्युमद्विभाति क्रतुमज्जनेषु ।
यद्दीदयच्दवस ऋतप्रजात तदस्मासु द्रविणं धेहि चित्रम्”।।
2.ॐ वासुदेवाय विघ्माहे वैधयाराजाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे अमृता कलसा हस्थाया धीमहि तन्नो धन्वन्तरी प्रचोदयात् ||
