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Bastar Dussehra 2025 : अंडा और मोंगरी मछली की बलि के साथ सम्पन्न हुई "बारसी उतारनी रस्म", विशाल रथ निर्माण की शुरुआत

Bastar Dussehra 2025 : बस्तर दशहरे के तीसरे प्रमुख अनुष्ठान बारसी उतारनी रस्म आज विधि-विधान के साथ संपन्न की गई.

Bastar Dussehra 2025 :  अंडा और मोंगरी मछली की बलि के साथ सम्पन्न हुई बारसी उतारनी रस्म, विशाल रथ निर्माण की शुरुआत
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By Meenu Tiwari

Bastar Dussehra 2025 : छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ बस्तर में मनाने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की शुरुआत 24 जुलाई 2025 से हुई है. इसी कड़ी में आज इस पर्व की महत्वपूर्ण रस्म बारसी उतारनी रस्म को अंडे और मोंगरी मछली की बलि के साथ पूरा किया गया. डेरी गढ़ई रस्म के साथ बस्तर दशहरा के लिए रथ निर्माण के लिए आज्ञा ली जाती है.

75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरे के तीसरे प्रमुख अनुष्ठान बारसी उतारनी रस्म आज विधि-विधान के साथ संपन्न की गई. यह रस्म बस्तर दशहरे में चलने वाले विशाल रथ निर्माण की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. बस्तर के ऐतिहासिक दशहरा में इस रस्म का विशेष महत्व है. जिसमें रथ बनाने के लिए उपयोग होने वाले पारंपरिक औजारों जैसे बारसी, कुल्हाड़ी, हथौड़ा आदि की पूजा की जाती है.


अंडे, मोंगरी मछली की बलि


रस्म के दौरान अपने औजारों को जंगल से काटकर सिरहसार भवन परिसर के सामने रखे गए साल की लकड़ी पर रखा जाता है. अगरबत्ती, फूल और दीया जलाया जाता है. धूप से आरती की जाती है. साथ ही अंडे, मोंगरी मछली की बलि दी जाती है और पूजा विधान को सम्पन्न किया जाता है. इस रस्म को सिरहसार भवन के सामने सम्पन्न किया जाता है.



बारसी उतारनी रस्म में पूजा के बाद रथ निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई. इस वर्ष चार चक्के के फूल रथ का निर्माण किया जाएगा. इस रथ पर आरूढ़ होकर बस्तर की आराध्य देवी दंतेश्वरी द्वारा बुधवार 24 सितंबर तृतीया तिथि से सोमवार 29 सितम्बर सप्तमी तिथि तक प्रतिदिन नव निर्मित फूल रथ की परिक्रमा होगी. यह रस्म पाट जात्रा और डेरी गढ़ाई जैसी शुरुआती रस्मों के बाद संपन्न हुई. जो रथ निर्माण की प्रक्रिया प्रारम्भ करने का प्रतीक है.

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