BAKRID 2025: बकरीद से पहले जानिए, क्यों वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने कुर्बानी को लेकर दी खास हिदायत?
देशभर में ईद-उल-अजहा का पर्व 7 जून को मनाया जाएगा। जिसे बकरीद या कुर्बानी की ईद भी कहते हैं। यह पर्व इस्लाम धर्म का प्रमुख पर्व है जिसे हजरत इब्राहिम की इम्तेहान की याद में मनाया जाता है कहा जाता है कि उन्होने अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला लिया था लेकिन आखिरी वक्त पर अल्लाह ने उनके बेटे की जानवर की कुर्बानी का आदेश दिया था और तब से लेकर अब तक यह पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।

BAKRID 2025: बकरीद से पहले जानिए, क्यों वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने कुर्बानी को लेकर दी खास हिदायत?
देशभर में ईद-उल-अजहा का पर्व 7 जून को मनाया जाएगा। जिसे बकरीद या कुर्बानी की ईद भी कहते हैं। यह पर्व इस्लाम धर्म का प्रमुख पर्व है जिसे हजरत इब्राहिम की इम्तेहान की याद में मनाया जाता है कहा जाता है कि उन्होने अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे की कुर्बानी देने का फैसला लिया था लेकिन आखिरी वक्त पर अल्लाह ने उनके बेटे की जानवर की कुर्बानी का आदेश दिया था और तब से लेकर अब तक यह पर्व बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
यह पर्व सिर्फ कुर्बानी का त्यौहार नहीं बल्कि आत्मचिंतन का प्रतीक भी है। मुस्लिम समुदाय के लोग इस पर्व के जरिए हज के महत्व को समझते हैं। यह त्यौहार इंसानियत की भावना को बढ़ाता है और इस त्यौहार में कुर्बानी का मुख्य उद्देश्य है कि अल्लाह के लिए कुछ त्याग किया जाए जिसका लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे।
इस पर्व में कुर्बानी का खासा महत्व है और इन्ही बातों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने लोगो को शांति और सौहार्द्र के साथ ईद का पर्व मनाने की बात कही उन्होने कहा कि यह शांति और भाईचारे का त्यौहार है। बुराई को खत्म करने क़ुर्बानी दी जाती है इसलिए सभी से गुज़ारिश है कि सोशल मीडिया पर क़ुर्बानी की तस्वीर और वीडियो न डाले. कुर्बानी सार्वजनिक जगह पर ना करें, अपने घर पर कुर्बानी करें और चारों तरफ से उस जगह कों ढक कर करें। नालियों में खून न बहाए। कुर्बानी के खून को गड्ढा करके उसे दफनाए। त्योहार इस तरीके से मनाए कि हमारे पड़ोसियों को तकलीफ न हो उन्होने लोगों से अपील की है कि शासन प्रशासन के नियमों का पालन करें।
