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Bahula Chauth 2024 : इस व्रत में दूध का सेवन करने से हो जाएंगे पाप के भागी... संतान के लिए रखा जाता है व्रत

Bahula Chauth 2024: इस साल बहुला चौथ 22 अगस्त 2024 को मनाई जाएगी. संतान की सुरक्षा के लिए ये पर्व मनाया जाता है, स्त्रियां इस दिन गायों की पूजा करती हैं.

Bahula Chauth 2024 : इस व्रत में दूध का सेवन करने से हो जाएंगे पाप के भागी... संतान के लिए रखा जाता है व्रत
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By Meenu

Bahula Chauth 2024 : भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को बहुला चौथ के नाम से जाना जाता है. संतान की सुरक्षा के लिए ये पर्व मनाया जाता है, स्त्रियां इस दिन गायों की पूजा करती हैं. शास्त्रों में गाय को विशेष महत्व दिया गया है. गाय को मां का दर्जा प्राप्त है. गाय की पूजा करने वाली स्त्रियों को संतान सुख मिलता है साथ ही संतान पर आने वाले संकटों का भी नाश होता है.

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार श्रीकृष्ण शेर के रूप में बहुला गाय के सामने आ गए, वह खुद के प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार हो गई, उसने शेर से कहा कि वह अपने बच्चे को दूध पिलाने के बाद उसके भोजन का निवाला बन जाएगी. बछड़े के प्रति गाय का स्नेह देखकर शेर ने उसे जाने दिया, वचन अनुसार गाय अपना काम कर शेर के सामने आ गई.

भगवान कृष्ण बहुला की धर्मपरायणता और वचनबद्धता को देखकर प्रसन्न हुए और उन्होंने बहुला को आशीर्वाद दिया, कि कलियुग में तुम्हारी जो पूजा करेगा उसकी संतान हमेशा सुखी और सुरक्षित रहेगी और इसी दिन से व्रती महिला गाय के दूध का सेवन नहीं करती है।




साथ ही मिट्‌टी से बने शिव-पार्वती, कार्तिकेय (Kartikeya) और गणेश (Ganesh) जी की प्रतिमा बनाकर उनकी उपासना की जाती है. श्रीकृष्ण (Krishna) ने इस दिन का महत्व स्वंय बताया है. मान्यता है इसके प्रताप से संतान को जीवन में हर सुख प्राप्त होता है.


बहुला चौथ 2024 मुहूर्त (Bahula Chauth 2024 Muhurat)


पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 22 अगस्त 2024, दोपहर 01.46 से होगी और अगले दिन 23 अगस्त 2024 को सुबह 10.38 पर इसका समापन होगा.

बहुला चौथ की पूजा - शाम 06.40 - शाम 07.05 (बहुला चौथ की पूजा शाम के समय की जाती है)


बहुला चौथ व्रत कैसे किया जाता है ? (Bahula Chauth Vrat Vidhi)


बहुला चतुर्थी के दिन गाय के दूध से बनी हुई कोई भी सामग्री नहीं खानी चाहिए. गाय के दूध पर उसके बछड़े का अधिकार समझना चाहिए, दिन भर व्रत करके संध्या के समय गौ की पूजा की जाती है. कुल्हड़ पर पपड़ी आदि रखकर भोग लगाया जाता है और पूजन के बाद उसी का भोजन किया जाता है. इस दिन दूध से बनी चीजों का सेवन करने पर पाप के भागी बनते हैं.

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