Ashadh mah 2024 Start: आषाढ़ मास आज से हुआ शुरू, जानें इस मास क्या करें और क्या न करें
आषाढ़ मास में देवी दुर्गा, भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान सूर्यदेव की पूजा का विधान है।
Ashadh mah 2024 start : हिंदू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ 22 जून दिन शनिवार यानी की आज से प्रारंभ हो चुका है। इस मास का नाम पूर्वाषाढ़ और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के ऊपर रखा गया है इसलिए इस महीने की पूर्णिमा को चंद्रमा इन्हीं दो नक्षत्र में रहते हैं।
आषाढ़ महीने में कई महत्वपूर्ण त्योहार और व्रत आते हैं और यह माह ज्योतिषीय और आध्यात्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि इस मास में भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और चातुर्मास भी प्रारंभ हो जाता है।
आषाढ़ मास में देवी दुर्गा, भगवान शिव, भगवान विष्णु और भगवान सूर्यदेव की पूजा का विधान है। विधि विधान के साथ देवी देवताओं की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामना पूरी होती हैं। आइए जानते हैं हिंदू कैलेंडर के चौथे महीने आषाढ़ में क्या करें क्या ना करें...
आषाढ़ मास में क्या करें
- आषाढ़ मास में हर रोज ब्रह्म मुहूर्त में उठकर तुलसी पूजा करें और मंत्र व जप का ध्यान करें।
- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय, ॐ नमः शिवाय, ॐ रामदूताय नमः, ॐ क्रीं कृष्णाय नमः और ॐ रां रामाय नमः मंत्रों का जप करें।
- हर रोज सूर्यदेव को अर्घ्य दें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।
- आषाढ़ मास में भगवान विष्णु माता लक्ष्मी, भगवान शिव माता पार्वती, सूर्यदेव की पूजा करने का विधान है।
- आषाढ़ मास में में दान, यज्ञ, व्रत, देव पूजा, पितृ पूजा करने से भाग्य का साथ मिलता है और सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
- गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद करें और धन, कपड़ा, छाता, जल, अनाज आदि का दान करना चाहिए।
- आषाढ़ मास में तीर्थयात्रा करने का विशेष महत्व है। ऐसा करने से शारीरिक और आध्यात्मिक लाभ मिलता है।
- 22 जून से आषाढ़ मास प्रारंभ हो रहा है और 21 जुलाई को समाप्त हो रहा है, इसके बाद सावन मास का प्रारंभ हो जाएगा।
- आषाढ़ मास में देवशयनी एकादशी, चातुर्मास प्रारंभ, गुप्त नवरात्र प्रारंभ, गुरु पूर्णिमा आदि कई प्रमुख व्रत त्योहार मनाए जाते हैं।
आषाढ़ मास में क्या ना करें
- आषाढ़ मास में बैंगन, मसूर दाल, गोभी, लहसुन, प्याज आदि का सेवन करने से बचना चाहिए।
- इस मास में मांस-मछली, मदिरा, अन्य नशीले पदार्थ और अनैतिक कृत्यों से दूर रहना चाहिए।
- आषाढ़ मास में पत्तेदार सब्जी, हरी सब्जियां बिल्कुल नहीं खाना चाहिए और तेल वाली चीजों से बचना चाहिए।
- इस मास में क्रोध, अहंकार, घमंड आदि चीजों से दूर रहें।
- इस मास में किसी को अपमान ना करें और अपशब्द ना बोलें। साथ ही घर पर आए किसी व्यक्ति खाली हाथ ना लौटाएं।