Aparajita: दशहरा पर करें अपराजिता फूल से ये खास उपाय, घर में नहीं रहेगी किसी चीज की कमी
आज विजयादशमी है। इस दिन अपराजिता के फूलों से संबंधित कुछ उपाय करने से आपके घर में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहेगी। इसके अलावा उन्नति का रास्ता भी खुलेगा।
रायपुर, एनपीजी न्यूज। आज 12 अक्टूबर को दशहरा जिसे विजयादशमी भी कहते हैं, धूमधाम से मनाई जा रही है। आज का दिन बहुत महत्व का है। आज के दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार किया था, साथ ही भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। आज के दिन कुछ उपाय करने से दरिद्रता खत्म हो जाती है, सुख-समृद्धि आती है, धन-धान्य की कमी नहीं होती और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
ऐसा ही उपाय अपराजिता के फूलों से भी किया जाता है। आज हम आपको अपराजिता के फूलों से किए जाने वाले कुछ उपायों के बारे में बताएंगे, जिससे आपके घर में कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होगी।
अपराजिता का अर्थ है- जिसे कोई पराजित न कर सके
अपराजिता के फूलों से माता की पूजा-अर्चना करें। अपराजिता के पौधे की पूजा करें, तो धन-धान्य में कमी नहीं होती। अपराजिता का अर्थ है- जिसे कोई पराजित न कर सके। मां की पूजा इस फल से करने से श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। ये फूल और पौधा असत्य पर जीत का प्रतीक माना जाता है। वहीं दशहरा भी हम बुराई पर अच्छाई और असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक के तौर पर ही मनाते हैं।
मां लक्ष्मी को अपराजिता के फूल करें अर्पित
दशहरा के दिन पूजा के दौरान मां लक्ष्मी को अपराजिता के फूल जरूर अर्पित करें। ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके बाद इन्हीं फूलों को तिजोरी या पर्स में रख लें। माना जाता है कि ऐसा करने से धन लाभ होता है।
घर से दरिद्रता ऐसे करें दूर
वहीं अगर आपको लंबे समय से आर्थिक दिक्कतें परेशान कर रही हैं, तो विजयादशमी के दिन अपराजिता के फूलों का उपाय करें। इसके लिए पहले आप एक बर्तन में पानी भरकर रख लें। अब इसमें अपराजिता के 7 फूल डालें और इसे घर के ईशान कोण में रख दें। ऐसा करने से आपके घर की दरिद्रता दूर होने लगती है।
गृह क्लेश से भी मिलेगा छुटकारा
अगर घर में हमेशा कलह होता रहता है, झगड़े होते हैं, पारिवारिक सदस्यों के बीच तनाव रहता हो, तब भी पानी से भरे बर्तन में 7 अपराजिता के फूल रखकर उसे घर के ईशान कोण में रख दें। इससे आपको गृह क्लेश से भी छुटकारा मिलता है।
चंद्रमा को अर्पित करें अपराजिता के फूल
वहीं चंद्रमा को अपराजिता का फूल अर्पित करने से भी दरिद्रता दूर होती है।
पानी में अपराजिता के फूल डालकर नहाएं
विजयादशमी के दिन अपराजिता का फूल पानी में डालकर नहाने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि मिलती है।
मंदिर में चढ़ाएं अपराजिता के फूलों की माला
दशहरा के दिन अपराजिता के 11 फूलों की माला बनाकर मंदिर में चढ़ाएं, इससे गुरू ग्रह मजबूत होता है। धन-धान्य भी बढ़ता है और कारोबार में भी उन्नति होती है।
दशहरा पर अपराजिता के पूजन का शुभ मुहूर्त
दशहरा पर अपराजिता के पौधे का पूजन करना भी बेहद शुभ माना जाता है। इसके पूजन का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से लेकर दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। दोपहर की पूजा का समय दोपहर 1 बजकर 16 मिनट से दोपहर 3 बजकर 35 मिनट तक है।
इस समय से दशमी तिथि का शुभारंभ
हिंदू पंचांग के अनुसार, 12 अक्टूबर को दशमी तिथि सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी। दशमी तिथि का समापन 13 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 7 मिनट पर होगा। हो जाएगा। वहीं श्रावण नक्षत्र 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगा और 13 अक्टूबर 2024 को सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।