जिला पंचायत की लापरवाही का शिकार हुई महिला शिक्षिका को साढ़े 4 माह गुजर जाने के बाद भी नहीं मिला है वेतन…. परेशान महिला शिक्षिका ने सीएम भूपेश बघेल को ट्वीट करके मांगा न्याय…लिखा – पिछले 4 माह से नहीं मिला है वेतन मेरी मदद करें मुख्यमंत्री जी!
रायपुर 18 मार्च 2021। राज्य में 16278 शिक्षाकर्मियों का 1 नवंबर 2020 की स्थिति में स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया है लेकिन आज भी कुछ ऐसे शिक्षक हैं जो अपने विभाग की लापरवाही का शिकार होकर न केवल संविलियन के लाभ से वंचित है बल्कि उन्हें पिछले 4 माह से भी अधिक समय से वेतन तक नहीं मिला है ऐसे समय में उनका गुजारा कैसे चल रहा होगा इसकी कल्पना सहज रूप से की जा सकती है ।
ऐसा नहीं है कि राज्य कार्यालय से आनन-फानन में इन प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया है लेकिन कई प्रकरण ऐसे हैं जिस पर मामला उच्च कार्यालय तक तो पहुंचा लेकिन वहां से भी उन्हें न्याय नहीं मिल सका है और अब ऐसे में मजबूरी में शिक्षक सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ट्वीट करके अपनी समस्या बता रहे हैं । ऐसे ही एक मामले में जिला बलौदा बाजार भाटापारा के कसडोल ब्लॉक के शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला बया में पदस्थ व्याख्याता रीना ठाकुर ने पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री से की है।
दरअसल बीईओ कार्यालय से रीना ठाकुर का नाम संविलियन के लिए भेजते समय उनका नाम रीना उर्वशा अंकित किया गया था और संविलियन आदेश भी इसी नाम से जारी हुआ है जबकि वह पूर्व में ही शादी उपरांत अपना नाम कार्यालय से संशोधित करा चुकी हैं और सेवा पुस्तिका में भी रीना ठाकुर अंकित हो गया है यही नहीं कार्यालय से 2018 के बाद जो पत्राचार हुए हैं उसमें भी रीना ठाकुर ही अंकित है लेकिन संविलियन के लिए जानकारी भेजते समय बीईओ कार्यालय की लापरवाही का भुगतान अब महिला शिक्षिका कर रही है और कई बार शिकायत के बावजूद मामले का निराकरण नहीं हुआ है ।
पहले तो स्थानीय कार्यालय द्वारा उन्हें घुमाया जाते रहा और जब इस पूरे मामले की शिकायत हुई तो अब जिला पंचायत में लोक शिक्षण संचालनालय को संविलियन आदेश में सुधार के लिए 5 मार्च को पत्र प्रेषित किया है लेकिन अभी तक राज्य कार्यालय से संशोधित आदेश जारी नहीं हुआ है जिसके चलते महिला शिक्षक को वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है , ऐसे में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर ऐसे लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं होती है और उनकी गलती की सजा आखिर शिक्षक क्यों भुगतते हैं । अब देखना होगा कि मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद इस मामले में कोई कार्यवाही होती है या नहीं ।