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World Aids Day: हर साल 1 दिसंबर को ही एड्स दिवस क्यों मनाया जाता है? जानिए इसके लाल रिबन लोगो का असली मतलब

world aids day:हर साल 01 दिसंबर को पूरी दुनिया में विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मतलब उन लोगों को याद करना है जो एड्स की वजह से अपनी जान खो बैठे हैं साथ ही वे लोग भी शामिल हैं जो वर्तमान में इससे जूझ रहे हैं। यह दिन एचआईवी और एड्स के खिलाफ लड़ाई और लोगों को जागरूक करने का दिन है।

World Aids Day: हर साल 1 दिसंबर को ही एड्स दिवस क्यों मनाया जाता है? जानिए इसके लाल रिबन लोगो का असली मतलब
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By Chirag Sahu

world aids day:हर साल 01 दिसंबर को पूरी दुनिया में विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मतलब उन लोगों को याद करना है जो एड्स की वजह से अपनी जान खो बैठे हैं साथ ही वे लोग भी शामिल हैं जो वर्तमान में इससे जूझ रहे हैं। यह दिन एचआईवी और एड्स के खिलाफ लड़ाई और लोगों को जागरूक करने का दिन है।

विश्व एड्स दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

विश्व एड्स दिवस का इतिहास 1988 से शुरू होता है। यह पहला वैश्विक स्वास्थ्य दिवस था जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन और संयुक्त राष्ट्र ने स्थापित किया था। इस दिन को एड्स दिवस के रूप में मनाने की पहल दो सूचना अधिकारियों जेम्स डब्ल्यू बन और थॉमस नेटर ने की थी। इस समय एड्स से पीड़ित लोगों की संख्या काफी बढ़ती जा रही थी, जिसको देखते हुए लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए एक विश्व स्तर पर एक मंच बनाने की जरूरत थी। इसी के तहत पहली बार यह दिवस दिसंबर 1988 में मनाया गया था और तब से लगातार हर साल इसी दिन ही मनाया जाता है।

1 दिसंबर ही क्यों चुना गया?

1 दिसंबर की इस तारीख को जेम्स डब्ल्यू बन के द्वारा सिफारिश किया गया था। उन्होंने इस दिन को इसलिए चुना क्योंकि उस दौर में इस समय अमेरिकी चुनाव खत्म हो चुके थे और क्रिसमस की छुट्टियां शुरू नहीं हुई थी, इसलिए मीडिया और दर्शकों का पूरा ध्यान इस मुद्दे पर केंद्रित किया जा सकता था। इस निर्णय ने विश्व एड्स दिवस के रूप में 1 दिसंबर को विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। सन 1996 तक WHO ने ही इस दिवस का आयोजन किया लेकिन उसके बाद UNAIDS ने इसकी जिम्मेदारी संभाली है। 2004 से लेकर अब तक हर साल एक विशेष थीम तय की जाती है।

विश्व एड्स दिवस 2025 की थीम है

"Overcoming disruption, transforming the AIDS response"

एड्स दिवस के लोगो – लाल रिबन का महत्व

न्यूयॉर्क में एड्स जागरूकता को लेकर एक संस्था बनी जिसका नाम था – एचआईवी जागरूकता कला संस्था(Visual AIDS)। इस संस्था के 12 कलाकारों ने लोगों के समक्ष दृश्य कला के रूप में एड्स को प्रस्तुत करने के लिए एक प्रतीक का निर्माण किया, जो आज विश्वप्रसिद्ध और मान्यता प्राप्त है। एड्स से पीड़ित लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए यह लाल कलर का फीता पहना जाता है। वर्तमान में यह लाल फीता विश्व एड्स दिवस और इससे संबंधित जागरूकता अभियानों का एक प्रमुख अंग बन गया है।

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