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Train Me Kitne Prakar Ke Coach Hote Hai: ट्रेन में कितने प्रकार के होते हैं डिब्बे? जानिए कौन-सा कोच देता है सबसे आरामदायक सफर! पढ़िए पूरी डिटेल

Train Me Kitne Prakar Ke Coach Hote Hai: भारत में रेल परिवहन यातायात साधनों में सबसे महत्वपूर्ण है। पूरे भारत में लगभग हर दिन 2 करोड़ से भी अधिक लोग रेल से अपनी यात्रा करते है, लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि ट्रेनों में कितने प्रकार के डिब्बे होते हैं और उनमें क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं, आइए आपको बताते हैंं...

Train Me Kitne Prakar Ke Coach Hote Hai: ट्रेन में कितने प्रकार के होते हैं डिब्बे? जानिए कौन-सा कोच देता है सबसे आरामदायक सफर! पढ़िए पूरी डिटेल
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By Chirag Sahu

Train Me Kitne Prakar Ke Coach Hote Hai: भारत में रेल परिवहन यातायात साधनों में सबसे महत्वपूर्ण है। पूरे भारत में लगभग हर दिन 2 करोड़ से भी अधिक लोग रेल से अपनी यात्रा करते है, लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि ट्रेनों में कितने प्रकार के डिब्बे होते हैं और उनमें क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं। जब हम IRCTC से टिकट बुक करते हैं तो कई तरह के विकल्प दिखाई देते हैं और ट्रेन में उपलब्ध कोच की जानकारी न होने की वजह से अक्सर हम इस उलझन में पड़ जाते हैं कि कौन सा कोच हमारी यात्रा के लिए सबसे सही रहेगा। आइए विस्तार से जानते हैं भारतीय रेलवे में मौजूद सभी प्रकार के कोचों के बारे में।

प्रथम श्रेणी एसी कोच (1A)

भारतीय रेलवे में सबसे लग्जरी और महंगा कोच फर्स्ट क्लास एसी होता है। इस कोच का किराया इतना अधिक होता है कि यह कई बार हवाई यात्रा के किराए के बराबर हो जाता है। यही कारण है कि लोग सुविधा के हिसाब से फ्लाइट या फर्स्ट एसी में से किसी एक को चुनते हैं। फर्स्ट एसी कोच की सबसे बड़ी खासियत इसके प्राइवेट केबिन होते हैं। इन केबिनों में लॉक की सुविधा होती है और एक केबिन में 2 से 4 यात्री आराम से ट्रैवल कर सकते है।

द्वितीय श्रेणी एसी कोच (2A)

सेकेंड एसी भारतीय रेलवे का एक लोकप्रिय और सुविधाजनक कोच है। यह फर्स्ट एसी से सस्ता होता है लेकिन इसमें भी अच्छी खासी सुविधाएं मिलती हैं। इस कोच में दो स्तरों में बर्थ व्यवस्थित होती हैं। सेकेंड एसी की खास बात यह है कि इसमें हर बर्थ के लिए पर्दे की व्यवस्था रहती है जो यात्रियों की प्राइवेसी को मेनटेन करता है। एक पूर्ण सेकेंड एसी कोच में 48 यात्री यात्रा कर सकते हैं।

तृतीय श्रेणी एसी कोच (3A)

थर्ड एसी भारतीय रेलवे का सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला एसी कोच है। मध्यम वर्ग के यात्री इस कोच में सबसे ज्यादा सफर करते हैं क्योंकि यह फर्स्ट और सेकंड एसी कोच से सस्ते होने के साथ-साथ सुविधाजनक भी है। इस कोच में टिकट के किराए में यात्रियों को चादर, तकिया और कंबल भी मिलता है।

एग्जीक्यूटिव चेयर कार (EC)

एग्जीक्यूटिव चेयर कार एक प्रीमियम डे-ट्रैवल कोच है जो छोटी यात्राओं के लिए बेहतरीन विकल्प है। यह कोच सामान्यतः शताब्दी एक्सप्रेस और तेजस एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में मिलता है। इस कोच की सबसे बड़ी खासियत इसकी बड़ी और आरामदायक सीटें हैं। सीटों के बीच काफी जगह होती है जिससे यात्रियों को पैर रखने के लिए पर्याप्त लेगरूम मिलता है। कोच में एयर कंडीशनिंग की भी उत्तम व्यवस्था रहती है।

वातानुकूलित चेयर कार (CC)

एसी चेयर कार भी दिन की यात्रा के लिए बनाया गया कोच है लेकिन यह एग्जीक्यूटिव चेयर कार से थोड़ा सस्ता होता है। यह कोच उन यात्रियों के लिए बेस्ट है जो आस-पास के शहरों में जाना चाहते हैं और एसी की सुविधा के साथ सफर करना चाहते हैं। इसकी सीटें हवाई जहाज की सीटों की तरह बनी होती हैं और इनके साथ छोटी ट्रे भी जुड़ी रहती हैं जिन पर खाना-पीना या छोटा सामान रखा जा सकता है।

स्लीपर क्लास कोच (SL)

स्लीपर क्लास भारतीय रेलवे का सबसे लोकप्रिय और ज्यादा इस्तेमाल होने वाला नॉन-एसी कोच है। एक ट्रेन में लगभग 10 स्लीपर कोच लगे होते हैं। यह कोच उन यात्रियों के लिए सही है जो लंबी यात्रा करना चाहते हैं लेकिन एसी का ज्यादा खर्च नहीं उठाना चाहते। इस कोच में सोने और बैठने के लिए पर्याप्त जगह रहती है परंतु इस कोच की एक समस्या है कि इसमें शोरगुल बहुत होता है। थोड़े–थोड़े समय में कुछ न कुछ बेचने वाले आते ही रहते है और जोर जोर से चिल्लाते है, यह थोड़ा डिस्टर्ब कर सकता है।

द्वितीय सीटर कोच (2S)

सेकेंड सीटर या सेकेंड सीटिंग कोच एक नॉन-एसी कोच है जो केवल बैठने की सुविधा प्रदान करता है। यह कोच चेयर कार के समान होता है लेकिम इसमें एयर कंडीशनिंग नहीं होती। इस कोच में बैठने के लिए रिजर्वेशन की जरूरत होती है और हर यात्री को एक सीट अलॉट की जाती है। यह कोच जनरल कोच की तुलना में अधिक आरामदायक होता है।

अनारक्षित या सामान्य श्रेणी कोच (UR)

जनरल या अनारक्षित कोच भारतीय रेलवे का सबसे सस्ता कोच है। इसे साधारण कोच भी कहा जाता है और यह आम यात्रियों के लिए बनाया गया है। इस कोच में यात्रा करने के लिए सबसे कम रुपयों की जरूरत पड़ती है इसी वजह से इसमें यात्रियों की भीड़ भी सबसे अधिक होती है। अगर आपने कभी त्योहारों में जनरल कोच देखा हो तो समझ जाएंगे कि यहां सीट से ज़्यादा जगह पाना बड़ी बात है। जनरल कोच की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें यात्रा करने के लिए किसी रिजर्वेशन की जरूरत नहीं होती है।

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