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Thand mein sharab peene Se Kya hota Hai: ठंड में शराब पीने से लगती है गर्मी; जानिए लोगों में फैले इस मिथक की पूरी सच्चाई

Thand mein sharab peene Se Kya hota Hai: सच यह है कि शराब आपको कुछ मिनटों के लिए गर्मी का एहसास जरूर कराती है, लेकिन शरीर का असली तापमान नीचे गिरने लगता है। इस लेख में हम समझेंगे कि ठंड के दिनों में शराब पीने से शरीर पर क्या असर पड़ता है।

Thand mein sharab peene Se Kya hota Hai: ठंड में शराब पीने से लगती है गर्मी; जानिए लोगों में फैले इस मिथक की पूरी सच्चाई
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By Chirag Sahu

Thand mein sharab peene Se Kya hota Hai: ठंड के मौसम में मनुष्य हो या जानवर सभी को अपने शरीर को गर्म करने की जरूरत पड़ती है। जब हम मनुष्य की बात करते हैं तो मनुष्य के पास कई ऐसे तरीके हैं जिनसे वह अपने शरीर को गर्म रख सकता है। इसको लेकर लोगों के बीच एक धारणा प्रचलित है की शराब के दो पैग लेने से शरीर गरम हो जाता है और सर्दी कम लगती है। सच यह है कि शराब आपको कुछ मिनटों के लिए गर्मी का एहसास जरूर कराती है, लेकिन शरीर का असली तापमान नीचे गिरने लगता है। इस लेख में हम समझेंगे कि ठंड के दिनों में शराब पीने से शरीर पर क्या असर पड़ता है।

ठंड में शराब पीने से लगती है गर्मी: कितनी सच ये बात

शराब पीने के बाद त्वचा की सतह पर मौजूद नसे मिलने लगती है जिससे शरीर के अंदर की गर्मी बाहर की ओर त्वचा पर आने लगती है और इस स्थिति में जब हम त्वचा को स्पर्श करते हैं तो हमें गर्मी का एहसास होता है परंतु हमारे शरीर के अंदर का तापमान ठंडा ही बना रहता है। यही स्थिति हाइपोथर्मिया का जोखिम बढ़ाती है जो समय पर ध्यान न होने पर जानलेवा भी हो सकती है।

ठंड का हृदय पर दबाव

सर्दी के मौसम में हृदय पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है। शराब पीने से तापमान गिरते ही नसें स्वाभाविक रूप से सिकुड़ती हैं, जिससे रक्तचाप (Blood pressure) ऊपर जाता है और हृदय को खून पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। ठंडे दिनों में हृदयाघात (Heart Attack) की घटनाओं का बढ़ना इसी बढ़े हुए तनाव से जुड़ा माना जाता है।

शरीर में पानी की कमी

ठंड के मौसम में ज्यादा पसीना न निकलने की वजह से प्यास भी कम लगती है। शराब इस स्थिति को और बिगाड़ देती है क्योंकि यह मूत्रवर्धक होती है यानी शरीर से पानी को तेजी से बाहर निकाल देती है। इसका असर यह होता है कि शरीर में डिहाइड्रेशन बढ़ जाता है, जिससे सिर दर्द, थकान और प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है।

शराब के सेवन से निर्णय क्षमता में कमी

ठंड में शराब का सेवन जोखिमो को बढ़ाता है। शराब पीने से निर्णय क्षमता कमज़ोर पड़ती है, इसलिए व्यक्ति मौसम की तीव्रता को कम आंकता है और कपड़े या आराम के बारे में सावधानी बरतने में चूक कर बैठता है। त्वचा से निकल रही गर्मी को मनुष्य असली गर्माहट मान लेता है,जो वास्तविक नहीं होती, जिसके कारण ठंड में अधिक समय से रुकने पर शरीर का ताममान 35⁰C से कम हो जाता है जिसे हाइपोथर्मिया की स्थिति कहते है।

ठंड में पीने का सही तरीका

ठंडे प्रदेशों में भारत की तुलना में अधिक ठंड अधिक पड़ती है और वहां के लोगों द्वारा शरीर को गर्म रखने के लिए रम या बियर का सेवन किया जाता है जो पूरी सुरक्षा मानकों का ध्यान में रखते हुए पीया जाता है, परंतु भारत में ठंडे प्रदेशों की तुलना में जलवायु काफी अलग है और यहां के लोग भी इन सभी सुरक्षाओं का ध्यान अक्सर नहीं रखते। ठंड हो या कोई और मौसम शराब का सेवन हमेशा हानिकारक होता है इसलिए इसके आकर्षण से बचना काफी आवश्यक है। भारत देश में शिक्षा और जानकारी के अभाव की वजह से यहां शराब का सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है और लोगों को शराब के हानिकारक प्रभावों के बारे में पता होने के बावजूद भी सेवन नहीं छोड़ते इसलिए आइए जानते हैं ठंड में शराब पीने का सही तरीका –

पीने के लिए इन तरीकों को अपनाना रहेगा सुरक्षित

  • ठंड के समय में 1 या 2 पैक से अधिक पीने से बचें।
  • सर्दियों में शराब को ठंडा करके न पीएं।
  • खाली पेट शराब पीना हो सकता है हानिकारक।
  • एक बार में ही ग्लास खत्म ना करें, धीरे-धीरे पीना सही तरीका है।
  • ठंड में व्हिस्की, ब्रांडी, रम और वोटका का सेवन किया जा सकता है।

डिस्क्लेमरः यह लेख केवल सामान्य जानकारी देने के लिए लिखी गई है। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर उचित चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें। NPG.News इस लेख के लिए किसी भी जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।

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