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Thand ke Dino mein munh se dhuan kyon nikalta Hai: ठंड के दिनों में हमारे मुंह से क्यों निकलता है भाप, यह गर्मियों में क्यों नहीं निकलता! जानिए इसके पीछे का सच

Thand ke Dino mein munh se dhuan kyon nikalta Hai: बचपन में जब हम ठंड के मौसम में सबुह-सुबह उठते थे तो हमारा सबसे पहला काम होता था मुँह से भाप निकालकर घर के दूसरे लोगों को दिखाना और यह काफी जादुई लगता था। इस बात का पता ही नहीं चलता कि ठंड में मुँह से धुंआ आता कहाँ से है। आइए बताते हैं...

Thand ke Dino mein munh se dhuan kyon nikalta Hai: ठंड के दिनों में हमारे मुंह से क्यों निकलता है भाप, यह गर्मियों में क्यों नहीं निकलता! जानिए इसके पीछे का सच
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By Chirag Sahu

Thand ke Dino mein munh se dhuan kyon nikalta Hai: बचपन में जब हम ठंड के मौसम में सबुह-सुबह उठते थे तो हमारा सबसे पहला काम होता था मुँह से भाप निकालकर घर के दूसरे लोगों को दिखाना और यह काफी जादुई लगता था। कई लोग बचपन से लेकर बड़े भी हो जाते है लेकिन उन्हें इस बात का पता ही नहीं चलता कि ठंड में मुँह से धुंआ आता कहाँ से है। जब भी ठंड का मौसम आता है तो अक्सर हमारे मुँह से सफेद धुंआ यानी भाप जैसा कुछ निकलता है। क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता है और जब गर्मी का मौसम आता है तो ये मुँह से निकलने वाला धुंआ कहां गायब हो जाता है? ठंड में लोग अक्सर इसका मजा लेते हुए दिखाई देते है पर ये मजा केवल ठंडीयों के मौसम तक ही सीमित रहता है। आज हम आपको इस लेख में बताऐगे कि ठंड में मुँह से यह भाप क्यों निकलता है?

शरीर पर वातावरण का प्रभाव

मुंह से निकलने वाले भाप की सच्चाई जानने से पहले मानव शरीर के कुछ विज्ञान को समझना होगा। हमारा शरीर लगभग 70% पानी से बना होता है और जब हम वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन को श्वास के रूप में ग्रहण करते है तो कार्बन-डाईआक्साइड की कुछ मात्रा हमारे शरीर से बाहर भी निकलती है। ठंड के दौरान हमारे फेफड़ों में कॉफी नमी होती है जिसके वजह से शरीर की गर्मी, नमी के साथ बाहर निकलती है और यही नमी बाहर निकलते वक्त गैस का रूप ले लेती है, परंतु हमें दिखाई नहीं देती।

स्वस्थ मनुष्य का तापमान 37°C या 98.6°F होता है और जब ठंड के मौसम में हमारे शरीर से हवा निकलती है तो वह भी इसी तापमान के बराबर का होता है और वह जब बाहर की ठंडी हवा से टकराती है तो अचानक वह भी ठंडी हो जाती है,जिससे मुंह से निकली गर्म हवा, छोटी-छोटी बूंदों के समान नजर आती है, इसी प्रक्रिया को ही संघनन (Condensation) कहते है। यही वह चीज है जिसे हम बचपन में मुँह से धुंआ निकालते हुए एक-दूसरे को दिखाते थे।

गर्मीयों में क्यों नहीं निकलता यह धुंआ ?

ठंड के दिनों में तो मुँह से निकलता हुआ धुंआ (भाप) साफ-साफ नजर आता है लेकिन गर्मी में यह अचानक कहाँ गायब हो जाता है, इसे समझना भी काफी आसान है। गर्मी के दिनों में बाहर का तापमान ठंडे मौसम की आपेक्षा काफी गर्म होता है और जब इस मौसम में हम सांस लेतें हुए हवा बाहर छोड़ते है तो बाहर के वातावरण और मुँह से निकाले गये वायु के बीच ज्यादा कोई तापमान अंतर (temperature difference) नजर नहीं आता। गर्मी के मौसम में शरीर और वातावरण का तापमान लगभग एक ही जैसा होता है, इस कारण मुँह से निकली हवा को भाप बनने का मौका ही नहीं मिल पाता और वह हमें बिना दिखे, सामान्य गैस बनकर वातावरण में ही मिल जाती है।

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