Begin typing your search above and press return to search.

Sitaram Bank Chhattisgarh: यहां लोगों के पैसे नहीं राम नाम लिखी हुई कॉपियां होती है जमा...जानिए सीताराम बैंक की अनोखी धार्मिक परंपरा

Sitaram Bank in Chhattisgarh: “सीताराम बैंक” जैसा नाम पहली बार सुनने पर एक पारंपरिक वित्तीय संस्थान की कल्पना कराता है, पर वास्तविकता में यह एक धार्मिक और सामुदायिक पहल का उदाहरण है, जहाँ भक्ति के रूप में राम-नाम लिखी हुई कापियाँ जमा कराई जाती हैं।

Sitaram Bank Chhattisgarh: यहां लोगों के पैसे नहीं राम नाम लिखी हुई कॉपियां होती है जमा...जानिए सीताराम बैंक की अनोखी धार्मिक परंपरा
X
By Chirag Sahu

Sitaram Bank Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के जनजीवन में कभी-कभी ऐसे स्थान और संस्थाएं सामने आती है जो अपने शाब्दिक अर्थों को ही बदल देती है। “सीताराम बैंक” जैसा नाम पहली बार सुनने पर एक पारंपरिक वित्तीय संस्थान की कल्पना कराता है, पर वास्तविकता में यह एक धार्मिक और सामुदायिक पहल का उदाहरण है, जहाँ भक्ति के रूप में राम-नाम लिखी हुई कापियाँ जमा कराई जाती हैं। इस बैंक में 200 करोड़ से भी ज्यादा राम नाम लिखी हुई कॉपियां संग्रहित की गई है। इस बैंक में जांजगीर चांपा जिले के लोगों के अलावा सक्ती, कोरबा, बिलासपुर, सारंगढ बिलाईगढ, भाटापारा और बलौदा बाजार जिले के लोगों का खाता है।

कहां स्थित है सीताराम बैंक

यह संस्था जांजगीर-चांपा जिले के शिवरीनारायण में स्थित है और इसे सामान्यतः “अंतर्राष्ट्रीय सीताराम नाम बैंक” के रूप में पहचाना गया है। इसकी स्थापना सन 2018 में की गई थी। यह पृष्ठभूमि स्थानीय भक्ति-परंपराओं से जुड़ी प्रतीत होती है, जहाँ लोग धार्मिक भाव से राम-नाम को संजो कर रखने और साझा करने की प्रथा को एक संगठित रूप में रखते हैं। यह बैंक सुबह 11:00 से शाम 4:00 तक खुला रहता है।

आखिर क्या होता है इस बैंक में

यहाँ भक्तों को मुफ्त कापियाँ दी जाती हैं जिनमें “राम-नाम” लिखना होता है, फिर कापियाँ श्रद्धालुओं द्वारा जमा की जाती है। यह एक प्रकार की सांस्कृतिक पूँजी है जो पारंपरिक धन के बजाए आस्था और स्मरण की इकाई को संजोने का काम करती है। इस प्रकार की क्रिया में धार्मिक अनुभवों के दो शाखाएं नजर आती हैं पहले वे लोग हैं जो अपनी लिखित भक्ति को दूसरों के साथ साझा करना चाहते हैं और दूसरे वे लोग हैं जो इसे किसी निगरानी में सुरक्षित रखना चाहते हैं। संस्था की कार्य प्रणाली दोनों प्रकार के भक्तों के लिए सुलभ है।

इस बैंक का महत्व

इस प्रकार के संस्थान समाज में विश्वास पहचान और सांस्कृतिक स्मृति को संरक्षित करने के साधन बनते हैं। आज के भौतिकवादी युग में इस प्रकार की संस्थाओं की विशेष आवश्यकता है जो लोगों की आस्थाओं के संरक्षण का कार्य करते हैं। “सीताराम बैंक” जैसा नाम इसी बदलाव का प्रतीक है, जहाँ राम नाम और प्रतीक को जमा कर संरक्षित किया जाता है। यह भी भक्ति का एक विशेष प्रकार है जो श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है।

Next Story